बेतिया(बगहा): जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना, आवास सहायकों के लिए कामधेनु साबित हो रही है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि आवास सहायक पीएम आवास योजना का लाभ देने के लिए बनाई जा रही सूची में नाम डालने के एवज में 5 से 10 हजार की डिमांड कर रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो रुपये नहीं देने पर इस योजना की लिस्ट में उनका नाम नहीं डाला जा रहा है. इसके अलावा कई अमीर और पक्का मकान वाले लोगों को भी योजना से जोड़ा जा रहा है.
स्थानीय लोगों की मानें तो पीएम आवास योजना के तहत बगहा दो प्रखण्ड के कई गांवों में जरूरतमंदों के साथ छलावा किया जा रहा है. बोदसर और नरवल गांव में ऐसे लोगों का नाम सूची में डाला गया है जिनके पास पहले से ही दो मंजिला और तीन मंजिला मकान बना हुआ है. इतना ही नहीं अनुसूचित जाति-जनजाति क्षेत्र बोदसर में खपरैल मकान में रहने वाले जरूरतमंदों को भी इससे वंचित रखा गया है.
प्रखंड प्रमुख के बेटे का नाम सूची में शामिल
ग्रामीणों ने बताया कि प्रखण्ड प्रमुख के बेटे का नाम इस लिस्ट में 65वें नम्बर पर है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनसे लिस्ट में नाम डालने के लिए आवास सहायक ने 5 से 10 हजार की डिमांड की थी. प्रखण्ड विकास पदाधिकारी प्रणव गिरी को जब ईटीवी भारत संवाददाता ने इस मामले से अवगत कराया तो उन्होंने बताया कि दो वर्ष पहले जब सूची बनाई गई थी तो उसमें पक्के मकान वालों का नाम जुड़ा हुआ पाया गया.
क्या बोले प्रखंड प्रमुख
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी प्रणव गिरी ने कहा कि सूची में वैसे लोगों का भी नाम शामिल है जिन्हें योजना का लाभ मिल चुका है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. जल्द नाम हटाया जाएगा. इस मामले में लोग प्रखण्ड प्रमुख तीर्थनारायन खतइत पर नाम कटवाने और अपने बेटे का नाम जोड़वाने का आरोप लगा रहे हैं. जबकि प्रखण्ड प्रमुख तीर्थनारायन खतइत का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे का नाम कैसे जुड़ा है. यदि नाम जुड़ गया है तो वे लाभ नहीं लेंगे.