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सड़क किनारे कट रही बाढ़ पीड़ितों की खानाबदोश जिंदगी, मुखिया जी बोले- वोट नहीं दिए तो मदद कैसी

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Published : Aug 8, 2020, 10:55 AM IST

Updated : Aug 11, 2020, 7:50 AM IST

पश्चिमी चंपारण जिले के कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. लोग घरों को छोड़कर सड़क के किनारे रह रहे हैं. जहां इन बाढ़ पीड़ितों को सांप और बिच्छू के डसने का डर हमेशा लगा रहता है. क्योंकि सड़क के दोनों तरफ बाढ़ काे पानी में जहरीले सांप बिच्छू तैरते रहते हैं.

बाढ़ पीड़ित
बाढ़ पीड़ित

बेतियाः जिले के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र के रमपुरवा महनवा पंचायत में इन दिनों बाढ़ पीड़ित सड़क पर आ गए हैं. ये लोग सड़क के किनारे प्लास्टिक लगाकर अपने बच्चों के साथ डर के साए में रात काट रहे हैं. इन्हें डर है कि सड़क किनारे कोई तेज रफ्तार वाहन इन्हें अपनी चपेट में ना ले ले. बरसात में सांप बिच्छूओं के डसने का डर और भी सताता है. बारिश हो जाए तो पूरी रात जागकर और भींगकर गुजर जाती है

सड़क पर बाढ़ पीड़ितों का आशियाना
सड़क पर बाढ़ पीड़ितों का आशियाना

'मुखिया ने लौटाया खाली हाथ'
सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे महनवा पंचायत के इन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि जब पंचायत के मुखिया से हमने मदद मांगी तो उनका साफ शब्दों में कहना था कि आपने हमें वोट नहीं दिया है. तो हम आपको खाने के लिए नहीं देंगे. ऐसे में यह लोग कहीं से मांग कर दो वक्त का अनाज लाते हैं और अपना व अपने बच्चों का पेट भरते हैं.

छतरी लगाकर खाना खाते बच्चे
छतरी लगाकर खाना खाते बच्चे

ये भी पढ़ेंः बाढ़ पीड़ितों का दर्दः 'बाल-बच्चों को लेकर सड़क पर हैं, कोई पूछने तक नहीं आता'

सुरक्षित स्थान पर ले जाने की गुहार
इन पीड़ितों को राशन तक नसीब नहीं है. अब तक इन्हें कोई मदद नहीं मिली है. मुखिया भी बाढ़ पीड़ितों के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे इन बाढ़ पीड़ितों को हमेशा डर रहता है कोई दुर्घटना ना हो जाए. इसे लेकर यह हमेशा चिंतित रहते हैं. ये लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इन्हें कहीं सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए, ताकि इनका गुजर बसर हो सके.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अब तक नहीं पहुंचा सरकारी अमला
बता दें कि पश्चिमी चंपारण जिले के कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में हर जगह बाढ़ पीड़ित परेशान और बेहाल हैं. कहीं कुछ मदद मिल रही है, तो कई ऐसे गांव हैं जहां पर सरकारी अमला अभी तक नहीं पहुंचा. यहां बाढ़ पीड़ित राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं और इस आस में बैठे हैं इन्हें कोई सरकारी मदद मिलेगी. सवाल ये है कि आखिर ये बाढ़ पीड़ित करे तो क्या करे.

सड़क पर बाढ़ पीड़ित
सड़क पर बाढ़ पीड़ित

बेतियाः जिले के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र के रमपुरवा महनवा पंचायत में इन दिनों बाढ़ पीड़ित सड़क पर आ गए हैं. ये लोग सड़क के किनारे प्लास्टिक लगाकर अपने बच्चों के साथ डर के साए में रात काट रहे हैं. इन्हें डर है कि सड़क किनारे कोई तेज रफ्तार वाहन इन्हें अपनी चपेट में ना ले ले. बरसात में सांप बिच्छूओं के डसने का डर और भी सताता है. बारिश हो जाए तो पूरी रात जागकर और भींगकर गुजर जाती है

सड़क पर बाढ़ पीड़ितों का आशियाना
सड़क पर बाढ़ पीड़ितों का आशियाना

'मुखिया ने लौटाया खाली हाथ'
सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे महनवा पंचायत के इन बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि जब पंचायत के मुखिया से हमने मदद मांगी तो उनका साफ शब्दों में कहना था कि आपने हमें वोट नहीं दिया है. तो हम आपको खाने के लिए नहीं देंगे. ऐसे में यह लोग कहीं से मांग कर दो वक्त का अनाज लाते हैं और अपना व अपने बच्चों का पेट भरते हैं.

छतरी लगाकर खाना खाते बच्चे
छतरी लगाकर खाना खाते बच्चे

ये भी पढ़ेंः बाढ़ पीड़ितों का दर्दः 'बाल-बच्चों को लेकर सड़क पर हैं, कोई पूछने तक नहीं आता'

सुरक्षित स्थान पर ले जाने की गुहार
इन पीड़ितों को राशन तक नसीब नहीं है. अब तक इन्हें कोई मदद नहीं मिली है. मुखिया भी बाढ़ पीड़ितों के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे इन बाढ़ पीड़ितों को हमेशा डर रहता है कोई दुर्घटना ना हो जाए. इसे लेकर यह हमेशा चिंतित रहते हैं. ये लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि इन्हें कहीं सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए, ताकि इनका गुजर बसर हो सके.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अब तक नहीं पहुंचा सरकारी अमला
बता दें कि पश्चिमी चंपारण जिले के कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में हर जगह बाढ़ पीड़ित परेशान और बेहाल हैं. कहीं कुछ मदद मिल रही है, तो कई ऐसे गांव हैं जहां पर सरकारी अमला अभी तक नहीं पहुंचा. यहां बाढ़ पीड़ित राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं और इस आस में बैठे हैं इन्हें कोई सरकारी मदद मिलेगी. सवाल ये है कि आखिर ये बाढ़ पीड़ित करे तो क्या करे.

सड़क पर बाढ़ पीड़ित
सड़क पर बाढ़ पीड़ित
Last Updated : Aug 11, 2020, 7:50 AM IST
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