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बेतिया: पैक्स में खाद नहीं मिलने से किसान परेशान, महंगी रेट पर खरीदाने को हैं विवश

गौनाहा प्रखंड के 18 पंचायतों में 17 पैक्स अध्यक्षों के पास यूरिया उपलब्ध नहीं है. इस वजह से किसान महंगी रेट पर खाद खरीदकर धान के खेत में डालने पर विवश हैं.

पैक्स
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Published : Jul 18, 2020, 3:12 PM IST

बेतिया ( गौनाहा ): जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में मानसून की सक्रियता के साथ ही धान रोपनी के बाद खाद डालना जरूरी हो जाता है. किसान धान के फसल में खाद देने का कार्य तेजी से कर रहे हैं. लेकिन फसल के लिए आवश्यक यूरिया खाद की किल्लत होने से किसान परेशान हैं.

जिले के प्रखंड के 17 पैक्स में अब तक प्रशासन की ओर से यूरिया उपलब्ध नहीं कराई गई है. बताया जा रहा है कि गौनाहा प्रखंड के 18 पंचायतों में 17 पैक्स अध्यक्षों के पास यूरिया उपलब्ध नहीं है. इस वजह से किसान महंगी रेट पर खाद खरीदकर धान के खेत में डालने पर विवश हैं. किसान प्रकोष्ठ के नेता अली इमाम साह ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पैक्स अध्यक्षों के पास अभी तक यूरिया खाद का लाइसेंस नहीं है. इस वजह से किसान निजी दुकान से महंगे दाम में यूरिया खाद खरीद कर खेतों में खाद का पटवन कर रहे हैं.

'सरकार है उदासीन'

किसानों ने बताया कि 300 से लेकर 320 रुपया प्रति बैग यूरिया खाद की खरीदारी कर अपने खेतों में डाल रहे हैं. इस बढ़ती महंगाई में पैक्स का कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है. यदि समय से पैक्स में यूरिया खाद उपलब्ध कराई जाती, तो महंगी रेट पर खाद नहीं खरीदनी पड़ती. साथ में आसानी से पंचायत से ही खाद खरीदकर अपने खेतों में डाल सकेंगे. इससे पैसे के साथ-साथ समय और मेहनत दोनों की बचत होगी. लेकिन सरकार की उदासीनता से ये संभव नहीं हो पा रहा है.

'लाइसेंस नहीं मिलने से है परेशानी'
धमौरा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि लाइसेंस के लिए जिला कार्यालय में कई बार मौखिक और लिखित रूप से आवेदन दिया गया है. लेकिन अभी तक पैक्स में खाद मुहैया कराने के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. अधिकारियों को प्रक्रिया पूरी कर को खाद उपलब्ध करानी चाहिए. वहीं कृषी संवयक श्रीकांत ठाकुर ने बताया कि गौनाहा में एक पैक्स की तरफ से खाद का उठाव और वितरण किया गया है. लाॅकडाउन की वजह से पैक्स अध्यक्षों को लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराया गया है.

बेतिया ( गौनाहा ): जिले के गौनाहा प्रखंड क्षेत्र में मानसून की सक्रियता के साथ ही धान रोपनी के बाद खाद डालना जरूरी हो जाता है. किसान धान के फसल में खाद देने का कार्य तेजी से कर रहे हैं. लेकिन फसल के लिए आवश्यक यूरिया खाद की किल्लत होने से किसान परेशान हैं.

जिले के प्रखंड के 17 पैक्स में अब तक प्रशासन की ओर से यूरिया उपलब्ध नहीं कराई गई है. बताया जा रहा है कि गौनाहा प्रखंड के 18 पंचायतों में 17 पैक्स अध्यक्षों के पास यूरिया उपलब्ध नहीं है. इस वजह से किसान महंगी रेट पर खाद खरीदकर धान के खेत में डालने पर विवश हैं. किसान प्रकोष्ठ के नेता अली इमाम साह ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पैक्स अध्यक्षों के पास अभी तक यूरिया खाद का लाइसेंस नहीं है. इस वजह से किसान निजी दुकान से महंगे दाम में यूरिया खाद खरीद कर खेतों में खाद का पटवन कर रहे हैं.

'सरकार है उदासीन'

किसानों ने बताया कि 300 से लेकर 320 रुपया प्रति बैग यूरिया खाद की खरीदारी कर अपने खेतों में डाल रहे हैं. इस बढ़ती महंगाई में पैक्स का कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है. यदि समय से पैक्स में यूरिया खाद उपलब्ध कराई जाती, तो महंगी रेट पर खाद नहीं खरीदनी पड़ती. साथ में आसानी से पंचायत से ही खाद खरीदकर अपने खेतों में डाल सकेंगे. इससे पैसे के साथ-साथ समय और मेहनत दोनों की बचत होगी. लेकिन सरकार की उदासीनता से ये संभव नहीं हो पा रहा है.

'लाइसेंस नहीं मिलने से है परेशानी'
धमौरा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि लाइसेंस के लिए जिला कार्यालय में कई बार मौखिक और लिखित रूप से आवेदन दिया गया है. लेकिन अभी तक पैक्स में खाद मुहैया कराने के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. अधिकारियों को प्रक्रिया पूरी कर को खाद उपलब्ध करानी चाहिए. वहीं कृषी संवयक श्रीकांत ठाकुर ने बताया कि गौनाहा में एक पैक्स की तरफ से खाद का उठाव और वितरण किया गया है. लाॅकडाउन की वजह से पैक्स अध्यक्षों को लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराया गया है.

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