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बेतिया: लॉकडाउन में बकरी पालन करने का लिया निर्णय, अभी हर महीने कमा रहे अच्छी खासी रकम - Bettiah Goat Farming News

सरकारी अनुदान मिलने के बाद बकरी पालन कर रहे किसान अमरनाथ प्रसाद के पास 105 बकरियां हैं. इससे वो हर महीने 25 हजार रुपये कमार रहे हैं. उन्होंने इस बकरी पालन के लिए किस तरह से मदद ली थी, इसके बारे में बताया.

Farmers making good income by rearing goats in bettiah
Farmers making good income by rearing goats in bettiah
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Published : Apr 6, 2021, 3:40 PM IST

बेतिया: गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के भटनी गांव में बकरी पालन कर किसान अमरनाथ प्रसाद अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. उनके पास वर्तमान में 105 बकरियां हैं. वे हर महीने 25 हजार रुपये कमा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बिना नाम लिए CM नीतीश ने तेजस्वी को दी बधाई, कहा- मेरे खिलाफ बोल कर पब्लिसिटी हासिल करते रहो

किसान अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि लाॅकडाउन में रहने और कमाने के लिए परेशानी बढ़ी तो बकरी पालन का मन बनाया. सरकारी अनुदान लेना असान नहीं था. लेकिन काफी प्रयास और सरकारी दरफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद गोट फॉर्म के नाम से बकरी पालन का लाइसेंस मिला.

अनुदान की राशि मिलने के बाद बकरी पालन शुरू किया. अभी काफी संख्या में बकरियां हैं और अच्छी इनकम भी हो रही है.

Farmers making good income by rearing goats in bettiah
बकरियों के मेमने

6 हजार फीट में बनाया शेड
इसके अलावा अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि वे बकरियां नेपाल और उसके आसपास के गांवों से खरीद कर लाए हैं. इस समय बकरियों के आठ मेमने हैं. उसकी देखभाल के लिए समय-समय पर पशुपालन विभाग से चिकित्सक की सलाह ली जाती है. उन्होंने बकरियाों के रहने के लिए 6 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर शेड का निर्माण करवा रखा है.

कम पूंजी में अधिक मुनाफा
बता दें कि बकरी पालन योजना उन लोगों के लिए अधिक लाभदायक है, जो किसान गांवों में रहकर महंगी गाय या भैंस नहीं खरीद सकते. ऐसे लोगों के लिए बकरी पालन योजना रोजगार की गारंटी है. ये कम पूंजी में अधिक मुनाफा देने वाली योजना भी है.

बकरी पालन का एक और बड़ा फायदा यह है कि गाय और भैंसों की अपेक्षा बकरियों की देखभाल आसान है. वहीं, सरकारी योजनाओं के तहत बकरी पालन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए अधिकतम 60 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है.

साठ प्रतिशत मिला अनुदान
बकरी पालन योजना में सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को सब्सिडी मिलती है. किसानों के लिए 20 बकरी और 1 बकरा के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये, 40 बकरी और 2 बकरा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये, वहीं 100 बकरी और 5 बकरा के लिए अधिकतम 6 लाख की अनुदान राशि निर्धारित की गई है.

इस योजना में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है. दस लाख के प्रोजेक्ट में साठ प्रतिशत का अनुदान हैं.

अनुदान पर बकरी पालन
बकरी पालन करने के लिए इच्छुक किसान प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर आवेदन कर सकते हैं. प्रखंड स्तर पर आवेदन करने पर 20 बकरी और 1 बकरा, जिला स्तरीय आवेदन करने पर 40 बकरी और 2 बकरा, वहीं राज्य स्तर पर आवेदन करने पर 100 बकरी और 5 बकरा पालने करने की स्वीकृति अनुदान मिलता है.

कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
बकरी पालन योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को जिले के पशुपालन विभाग में सम्पर्क कर आवेदन करना चाहिए. इस योजना का लाभ पाने के लिए जिले के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी से भी सम्पर्क कर सकते हैं. वहीं, विभाग की बेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं.

बेतिया: गौनाहा प्रखंड क्षेत्र के भटनी गांव में बकरी पालन कर किसान अमरनाथ प्रसाद अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. उनके पास वर्तमान में 105 बकरियां हैं. वे हर महीने 25 हजार रुपये कमा रहे हैं.

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किसान अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि लाॅकडाउन में रहने और कमाने के लिए परेशानी बढ़ी तो बकरी पालन का मन बनाया. सरकारी अनुदान लेना असान नहीं था. लेकिन काफी प्रयास और सरकारी दरफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद गोट फॉर्म के नाम से बकरी पालन का लाइसेंस मिला.

अनुदान की राशि मिलने के बाद बकरी पालन शुरू किया. अभी काफी संख्या में बकरियां हैं और अच्छी इनकम भी हो रही है.

Farmers making good income by rearing goats in bettiah
बकरियों के मेमने

6 हजार फीट में बनाया शेड
इसके अलावा अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि वे बकरियां नेपाल और उसके आसपास के गांवों से खरीद कर लाए हैं. इस समय बकरियों के आठ मेमने हैं. उसकी देखभाल के लिए समय-समय पर पशुपालन विभाग से चिकित्सक की सलाह ली जाती है. उन्होंने बकरियाों के रहने के लिए 6 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर शेड का निर्माण करवा रखा है.

कम पूंजी में अधिक मुनाफा
बता दें कि बकरी पालन योजना उन लोगों के लिए अधिक लाभदायक है, जो किसान गांवों में रहकर महंगी गाय या भैंस नहीं खरीद सकते. ऐसे लोगों के लिए बकरी पालन योजना रोजगार की गारंटी है. ये कम पूंजी में अधिक मुनाफा देने वाली योजना भी है.

बकरी पालन का एक और बड़ा फायदा यह है कि गाय और भैंसों की अपेक्षा बकरियों की देखभाल आसान है. वहीं, सरकारी योजनाओं के तहत बकरी पालन के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस योजना के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए अधिकतम 60 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है.

साठ प्रतिशत मिला अनुदान
बकरी पालन योजना में सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को सब्सिडी मिलती है. किसानों के लिए 20 बकरी और 1 बकरा के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये, 40 बकरी और 2 बकरा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये, वहीं 100 बकरी और 5 बकरा के लिए अधिकतम 6 लाख की अनुदान राशि निर्धारित की गई है.

इस योजना में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है. दस लाख के प्रोजेक्ट में साठ प्रतिशत का अनुदान हैं.

अनुदान पर बकरी पालन
बकरी पालन करने के लिए इच्छुक किसान प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर आवेदन कर सकते हैं. प्रखंड स्तर पर आवेदन करने पर 20 बकरी और 1 बकरा, जिला स्तरीय आवेदन करने पर 40 बकरी और 2 बकरा, वहीं राज्य स्तर पर आवेदन करने पर 100 बकरी और 5 बकरा पालने करने की स्वीकृति अनुदान मिलता है.

कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
बकरी पालन योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को जिले के पशुपालन विभाग में सम्पर्क कर आवेदन करना चाहिए. इस योजना का लाभ पाने के लिए जिले के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी से भी सम्पर्क कर सकते हैं. वहीं, विभाग की बेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं.

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