बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के दियारावर्ती क्षेत्र के किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. एक तरफ कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन ने किसानों से रोजगार छीन लिया. तो वहीं, दूसरी तरफ बाढ़ के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई. इसके चलते किसान काफी आक्रोशित हैं.
किसानों ने बताया कि पहले कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण सभी कार्य बंद हो गए. बाहर कमाने गए लोग भी घर वापस आ गए. बाढ़ के कारण केला, धान, मुगंफली आदि फसल नष्ट हो गई, अब जो फसल बच गई है. उन फसल को दरवाजे तक लाने में समस्या खड़ी हो गई है. खेतों को जाने वाली सड़क गढ्ढे व तालाबों में तब्दील हो गई है. लोग जान हथेली पर रखकर आवागमन कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय अधिकारियों का ध्यान किसानों की इस समस्या की ओर नहीं हैं.
'सरकार को किसानों की चिंता नहीं'
किसानों का कहना हैं कि उनको फसल क्षति के लिए सरकार की ओर से मुआवजा नहीं मिला है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार करोडों रुपये खर्च कर चुनाव कराने में व्यस्त है. लेकिन किसानों की चिंता नही है.