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पश्चिमी चम्पारण: सड़ने लगा आलू तो बगहा के किसान ने बनाया बांस का देसी कोल्ड स्टोरेज

सब्जी की खेती कर आलू-प्याज और हरी सब्जियां उपजाने वाले इस किसान ने बांस से एक नई तकनीक का ईजाद किया है, जिससे आलू-प्याज को वर्षों तक सड़न से बचा उसका सरंक्षण और भंडारण किया जा सकता है.

west Champaran
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Published : Jul 12, 2020, 5:18 PM IST

पश्चिमी चम्पारण: बगहा के एक किसान ने बांस से इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज बना आलू-प्याज और अन्य सब्जियों के संरक्षण में आ रही मुश्किलों का हल ढूंढ निकाला है. इस आसान तकनीक से जिला में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण सब्जियों को सड़न से बचाने और किसानों को औने-पौने दामों में सब्जियां बेचने की मुश्किलों से निजात मिल रही है.

देसी कोल्ड स्टोरेज
सब्जी की खेती

बांस से बनाया इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज
सब्जी की खेती कर आलू-प्याज और हरी सब्जियां उपजाने वाले इस किसान ने बांस से एक नई तकनीक का ईजाद किया है, जिससे आलू-प्याज को वर्षों तक सड़न से बचा उसका सरंक्षण और भंडारण किया जा सकता है. श्रीकांत हलदर ने बताया कि जिला में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम में सब्जियां बेच देनी पड़ती है.

देसी कोल्ड स्टोरेज
देसी कोल्ड स्टोरेज

दरअसल इस इलाके में कई छोटे-बड़े किसान हैं, जो सीजनल सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं. खासकर आलू और प्याज की उपज होने के बाद उसके भंडारण की समस्या आ जाती है. यदि कोई किसान उसे बेचने के लिए रखता भी है. तो कोल्ड स्टोरेज के अभाव में बेहतर सरंक्षण नहीं हो पाता और ये सब्जियां सड़ने लगती हैं. इसी जरूरत को देखते हुए बांस से श्रीकांत हलदर ने कोल्ड स्टोरेज का प्रारूप खोज निकाला है, जिसका उपयोग अब अन्य किसान भी कर रहे हैं. तापस हलदर का कहना है कि इस बांस के थ्री टियर में 10 क्विन्टल तक भंडारण किया जा सकता है.

देखें रिपोर्ट

सब्जी की ऑर्गेनिक खेती से किसानों को होती है आमदनी
प्रयोग के तौर पर बांस से बनाई गई थ्री टियर इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज किसानों के लिए कारगर साबित हो रहा है और सब्जी उत्पादकों की चिंता खत्म हो गई है. किसान त्रिपुरारी पांडेय बताते हैं कि इस क्षेत्र के छोटे-छोटे किसान ऑर्गेनिक खेती करते हैं और प्रतिदिन हजारों रुपये की सब्जियां बेच अपनी जीविका चलाते हैं. ऐसे में यह आसान तकनीक इन सभी के लिए काफी उपयोगी है.

पश्चिमी चम्पारण: बगहा के एक किसान ने बांस से इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज बना आलू-प्याज और अन्य सब्जियों के संरक्षण में आ रही मुश्किलों का हल ढूंढ निकाला है. इस आसान तकनीक से जिला में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण सब्जियों को सड़न से बचाने और किसानों को औने-पौने दामों में सब्जियां बेचने की मुश्किलों से निजात मिल रही है.

देसी कोल्ड स्टोरेज
सब्जी की खेती

बांस से बनाया इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज
सब्जी की खेती कर आलू-प्याज और हरी सब्जियां उपजाने वाले इस किसान ने बांस से एक नई तकनीक का ईजाद किया है, जिससे आलू-प्याज को वर्षों तक सड़न से बचा उसका सरंक्षण और भंडारण किया जा सकता है. श्रीकांत हलदर ने बताया कि जिला में कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से किसानों को औने-पौने दाम में सब्जियां बेच देनी पड़ती है.

देसी कोल्ड स्टोरेज
देसी कोल्ड स्टोरेज

दरअसल इस इलाके में कई छोटे-बड़े किसान हैं, जो सीजनल सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं. खासकर आलू और प्याज की उपज होने के बाद उसके भंडारण की समस्या आ जाती है. यदि कोई किसान उसे बेचने के लिए रखता भी है. तो कोल्ड स्टोरेज के अभाव में बेहतर सरंक्षण नहीं हो पाता और ये सब्जियां सड़ने लगती हैं. इसी जरूरत को देखते हुए बांस से श्रीकांत हलदर ने कोल्ड स्टोरेज का प्रारूप खोज निकाला है, जिसका उपयोग अब अन्य किसान भी कर रहे हैं. तापस हलदर का कहना है कि इस बांस के थ्री टियर में 10 क्विन्टल तक भंडारण किया जा सकता है.

देखें रिपोर्ट

सब्जी की ऑर्गेनिक खेती से किसानों को होती है आमदनी
प्रयोग के तौर पर बांस से बनाई गई थ्री टियर इको फ्रेंडली कोल्ड स्टोरेज किसानों के लिए कारगर साबित हो रहा है और सब्जी उत्पादकों की चिंता खत्म हो गई है. किसान त्रिपुरारी पांडेय बताते हैं कि इस क्षेत्र के छोटे-छोटे किसान ऑर्गेनिक खेती करते हैं और प्रतिदिन हजारों रुपये की सब्जियां बेच अपनी जीविका चलाते हैं. ऐसे में यह आसान तकनीक इन सभी के लिए काफी उपयोगी है.

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