बगहाः जिले में दशकों बाद भी बस व टेम्पू स्टैंड नहीं बन सका है. जिस वजह से टेम्पू और बसें सड़क किनारे ही खड़ी होती है और यहीं से यात्री बसों और टेम्पू में सवार होते हैं. सड़क किनारे टेम्पू व बसों के खड़ा होने की वजह से अक्सर लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. लोगों की ओर से बस स्टैंड को लेकर कई दफा आवाज उठाई गई. लेकिन प्रशासन और नगर परिषद की ओर से अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.
नहीं है बस स्टैंड, सड़क किनारे लगती हैं बसें
बगहा शहर उत्तरप्रदेश और नेपाल को जोड़ता है. बीते एक दशक में बसों और टेम्पू वाहनों की संख्या लगातार बढ़ी है. ताज्जुब की बात तो यह है कि यहां से पटना-उत्तर प्रदेश-दिल्ली सहित स्थानीय ग्रामीणों को सुगम यातायात का सुविधा मुहैया कराने के लिए दर्जनों बसें चलती है. लेकिन कई दशक बीत जाने के बावजूद बगहा में आज तक न तो बस स्टैंड बन सका और ना ही टेम्पू स्टैंड.
जाम की समस्या से लोग हो जाते हैं परेशान
बगहा शहर में बस स्टैंड बनाने की मांग वर्षों से उठ रही है. बावजूद इसके प्रशासन ने इस पर अब तक क्या पहल की है. किसी को जानकारी नहीं है. इतना जरूर है कि सड़क किनारे टेम्पू और बसों के खड़ा रहने से जाम की समस्या होती है. प्रशासन आकर टेम्पू व बस नहीं लगाने की हिदायत देती है. लेकिन बस स्टैंड का निर्माण हो. इसके लिए सजग नहीं होती.
वहीं, टेम्पू चालकों का कहना है कि रोजगार के लिए वे टेम्पू चलाते हैं और सड़क किनारे जिन दुकानों के सामने टेम्पू खड़ी करते हैं, वो तो भगाते ही हैं, पुलिस भी यदा कदा पिटाई करती है. ऐसे में रोजी रोटी कैसे चलेगी.
दुकानदारों का व्यवसाय होता है प्रभावित
एनएच-727 के किनारे जिन दुकानदारों के दुकान के सामने टेम्पू व बसें खड़ी रहती हैं. वहां उनके ग्राहकों को भी आने-जाने में परेशानी होती है. जिस वजह से उनका व्यवसाय प्रभावित होता है. दुकानदार सुजीत चौरसिया की मानें तो टेम्पू और बसों के मुख्य मार्ग पर खड़ा होने की वजह से हमेशा जाम लगता है. नाली नहीं होने से बरसात में कीचड़ जमा हो जाती है. जिस वजह से उनके ग्राहक को दुकानों तक पहुंचने में काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.