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बेतिया: सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन को DM ने लगाई फटकार, कहा- भुगतान में देरी पर होगी कार्रवाई - गन्ना मूल्य भुगतान

पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार ने मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन को गन्ना मूल्य भुगतान को जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा कि मूल्य भुगतान करने में देरी होने पर कार्रवाई की जाएगी.

DM Kundan Kumar
डीएम कुंदन कुमार
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Published : Aug 27, 2020, 7:21 PM IST

बेतिया: मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन की ओर से वितीय वर्ष 2019-20 में गन्ना किसानों को बकाया राशि भुगतान में देरी को लेकर डीएम कुंदन कुमार गंभीर दिख रहे हैं. डीएम की ओर से मझौलिया सुगर इंडस्ट्रीज प्रबंधन को सख्त हिदायत दी गई है कि पेराई सत्र 2019-20 का बकाया गन्ने का मूल्य शत-प्रतिशत भुगतान अविलंब किया जाये. नहीं तो बाध्य होकर मिल प्रबंधन के खिलाफ नीलाम पत्र की कार्रवाई की जाएगी.

सुगर इंडस्ट्रीज प्रबंधन को लगी फटकार
बता दें कि मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन की ओर से पेराई सत्र 2019-20 में 55.93 लाख क्विंटल गन्ने का खरीद किसानों से किया गया है. जिसका कुल देय राशि 16810.09 लाख रुपये होता है. 22 अगस्त तक मिल प्रबंधन की ओर से 9365.78 लाख रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया गया है. शेष 7444.31 रुपये की राशि बकाया है. बकाया राशि भुगतान को लेकर संबंधित गन्ना किसानों की ओर से डीएम से बार-बार अपील की जा रही है. जिसे देखते हुए डीएम की ओर से मिल प्रबंधन को तत्काल बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को करने का सख्त निर्देश दिया गया है.

आर्थिक स्थिति हुई खराब
डीएम ने मिल प्रबंधन से कहा है कि कोरोना महामारी के कारण गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने के कारण गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. बिहार ईख (आपूर्ति एवं खरीद का विनियमन) अधिनियम, 1981 की धारा-43(2)(ii) में स्पष्ट प्रावधान है कि गन्ना आपूर्ति के 14 दिनों के अंदर विहित रीति से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर देना है. अन्यथा विलंबित अवधि में अधिनियम की धारा-51 में विनिद्रिष्ट दर से सूद सहित भुगतान करना है. उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम की धारा-52 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. साथ ही बकाया राशि लोक मांग और भू-राजस्व के रूप में वसूलनीय है.

बेतिया: मझौलिया सुगर इन्डस्ट्रीज प्रबंधन की ओर से वितीय वर्ष 2019-20 में गन्ना किसानों को बकाया राशि भुगतान में देरी को लेकर डीएम कुंदन कुमार गंभीर दिख रहे हैं. डीएम की ओर से मझौलिया सुगर इंडस्ट्रीज प्रबंधन को सख्त हिदायत दी गई है कि पेराई सत्र 2019-20 का बकाया गन्ने का मूल्य शत-प्रतिशत भुगतान अविलंब किया जाये. नहीं तो बाध्य होकर मिल प्रबंधन के खिलाफ नीलाम पत्र की कार्रवाई की जाएगी.

सुगर इंडस्ट्रीज प्रबंधन को लगी फटकार
बता दें कि मझौलिया चीनी मिल प्रबंधन की ओर से पेराई सत्र 2019-20 में 55.93 लाख क्विंटल गन्ने का खरीद किसानों से किया गया है. जिसका कुल देय राशि 16810.09 लाख रुपये होता है. 22 अगस्त तक मिल प्रबंधन की ओर से 9365.78 लाख रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया गया है. शेष 7444.31 रुपये की राशि बकाया है. बकाया राशि भुगतान को लेकर संबंधित गन्ना किसानों की ओर से डीएम से बार-बार अपील की जा रही है. जिसे देखते हुए डीएम की ओर से मिल प्रबंधन को तत्काल बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को करने का सख्त निर्देश दिया गया है.

आर्थिक स्थिति हुई खराब
डीएम ने मिल प्रबंधन से कहा है कि कोरोना महामारी के कारण गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने के कारण गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. बिहार ईख (आपूर्ति एवं खरीद का विनियमन) अधिनियम, 1981 की धारा-43(2)(ii) में स्पष्ट प्रावधान है कि गन्ना आपूर्ति के 14 दिनों के अंदर विहित रीति से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर देना है. अन्यथा विलंबित अवधि में अधिनियम की धारा-51 में विनिद्रिष्ट दर से सूद सहित भुगतान करना है. उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम की धारा-52 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. साथ ही बकाया राशि लोक मांग और भू-राजस्व के रूप में वसूलनीय है.

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