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बेतिया : एक मत के अंतर से बची उप- सभापति की कुर्सी, कहा विकास कार्यों की है जीत

वोटिंग के दौरान छ: पार्षद अनुपस्तिथ रहे, वोटींग में  19 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में , 12 पार्षदों ने विपक्ष में और दो पार्षदों ने सादा मत दिया. जिससे नप उप सभापति की कुर्सी एक मत के अंतर से बच गई.

जीत के बाद विक्ट्री निशान दिखाते सभापति के साथ अन्य
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Published : Jul 30, 2019, 9:16 AM IST

बेतिया: जिले में विगत कुछ दिनों से नगर परिषद में राजनीतिक सरगर्मियां उपसभती की कुर्सी को लेकर तेज थी. दरअसल नगर परिषद उपसभापति के विरुद्ध विगत दिनों 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर नप के सभागार में चर्चा और वोट कराया गया. जिसमें नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

सभापति कि देख-रेख में संपन्न हुआ मतदान
चर्चा और मतदान नप के सभापति गरिमा देवी सिकारिया और कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन के नेतृत्व में संपन्न हुआ. इस दौरान उपसभापति कयूम अंसारी ने अपने ऊपर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को राजनीतिक षड्यंत्र बताया. जिसके बाद वोटिंग करायी गयी.

बेतिया नप सभापति जीत के बाद

एक मत के अंतर से बची कुर्सी
वोटिंग के दौरान छह पार्षद अनुपस्तिथ रहे. वोटिंग में 19 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 पार्षदों ने विपक्ष में और दो पार्षदों ने सादा मत दिया. जिससे नप उप सभापति की कुर्सी एक मत के अंतर से बच गई. जिसकी पुष्टि नगर परिषद सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने की.

चर्चा में शामिल नगर परिषद के पार्षद
चर्चा में शामिल नगर परिषद के पार्षद

विकास कार्यों की जीत-नप उपसभापति
इस जीत के बाद नप के उपसभापति कयूम अंसारी ने कहा कि यह जीत नगर परिषद में हो रहे विकास कार्यों की जीत है और सभापति गरिमा देवी सिकारिया के निष्पक्षता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि अगर नप में उप सभापति की कुर्सी नहीं बचती तो नप सभापति के कुर्सी पर भी खतरा संभव था.

भ्रष्टाचार का था अरोप
नप के उपसभापति पर 20 जुलाई को कुल 39 में से 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. पार्षदों ने उपसभापति पर भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व राशि भुगतान की अनियमितता का आरोप लगाया था. विपक्ष के पार्षदों का आरोप था कि 2017-18 में मालवाहक सैरात की डाक 84 लाख में हुई थी, जबकी 2018-19 में यही डाक 50 लाख रुपये में हुई.

बेतिया: जिले में विगत कुछ दिनों से नगर परिषद में राजनीतिक सरगर्मियां उपसभती की कुर्सी को लेकर तेज थी. दरअसल नगर परिषद उपसभापति के विरुद्ध विगत दिनों 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर नप के सभागार में चर्चा और वोट कराया गया. जिसमें नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

सभापति कि देख-रेख में संपन्न हुआ मतदान
चर्चा और मतदान नप के सभापति गरिमा देवी सिकारिया और कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन के नेतृत्व में संपन्न हुआ. इस दौरान उपसभापति कयूम अंसारी ने अपने ऊपर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को राजनीतिक षड्यंत्र बताया. जिसके बाद वोटिंग करायी गयी.

बेतिया नप सभापति जीत के बाद

एक मत के अंतर से बची कुर्सी
वोटिंग के दौरान छह पार्षद अनुपस्तिथ रहे. वोटिंग में 19 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 पार्षदों ने विपक्ष में और दो पार्षदों ने सादा मत दिया. जिससे नप उप सभापति की कुर्सी एक मत के अंतर से बच गई. जिसकी पुष्टि नगर परिषद सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने की.

चर्चा में शामिल नगर परिषद के पार्षद
चर्चा में शामिल नगर परिषद के पार्षद

विकास कार्यों की जीत-नप उपसभापति
इस जीत के बाद नप के उपसभापति कयूम अंसारी ने कहा कि यह जीत नगर परिषद में हो रहे विकास कार्यों की जीत है और सभापति गरिमा देवी सिकारिया के निष्पक्षता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि अगर नप में उप सभापति की कुर्सी नहीं बचती तो नप सभापति के कुर्सी पर भी खतरा संभव था.

भ्रष्टाचार का था अरोप
नप के उपसभापति पर 20 जुलाई को कुल 39 में से 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. पार्षदों ने उपसभापति पर भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व राशि भुगतान की अनियमितता का आरोप लगाया था. विपक्ष के पार्षदों का आरोप था कि 2017-18 में मालवाहक सैरात की डाक 84 लाख में हुई थी, जबकी 2018-19 में यही डाक 50 लाख रुपये में हुई.

Intro:बेतिया : एक मत के अंतर से बची उप- सभापति की कुर्सी । नप उपसभापति पर लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिरा। वोटिंग के दौरान कई पार्षद नहीं हुए मौजूद।


Body:पश्चिमी चंपारण जिले में बीते कुछ दिनों से नगर परिषद में राजनीतिक सरगर्मी तेज रही। जो आज जाकर खत्म हो गई और नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।

दरअसल, 20 जुलाई को नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी के विरुद्ध 39 में से 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिसके बाद से नगर परिषद बेतिया की राजनीति गर्म हो गई थी । जिस पर आज नगर परिषद के सभागार में सभापति गरिमा देवी सिकारिया,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन एवं सभी वार्ड पार्षदों की मौजूदगी में चर्चा हुई। जिसके बाद उपसभापति ने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया और अपने ऊपर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को राजनीतिक षड्यंत्र बताया। जिसके बाद वोटिंग कराया गया। वोटिंग के दौरान छह वार्ड पार्षद उपस्थित रहे , दो पार्षदों ने सादा मत दिया, जबकि 19 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और 12 पार्षदों ने विपक्ष में मतदान किया। इस प्रकार नगर परिषद के सभापति को कयूम अंसारी की कुर्सी 1 मत के अंतर से बच गई । जिसकी पुष्टि नगर परिषद सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने किया।


बाइट- गरिमा देवी सिकारिया, सभापति, नगर परिषद


Conclusion:सूत्रों की मानें तो अगर उपसभापति को कयूम अंसारी की कुर्सी नहीं बचती, तो सभापति गरिमा देवी सिकारिया की भी कुर्सी खतरे में पड़ सकती थी। क्योंकि लगातार 20 जुलाई से ही उपसभापति पर लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से ही सभापति पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी।

बता दें कि 20 जुलाई को 39 में से 30 पार्षदों के द्वारा उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उपसभापति पर पार्षदों ने नगर परिषद में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व राशि भुगतान की अनियमितता का आरोप लगाया था।

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
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