बेतिया: जिले में विगत कुछ दिनों से नगर परिषद में राजनीतिक सरगर्मियां उपसभती की कुर्सी को लेकर तेज थी. दरअसल नगर परिषद उपसभापति के विरुद्ध विगत दिनों 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. जिसको लेकर नप के सभागार में चर्चा और वोट कराया गया. जिसमें नगर परिषद के उपसभापति कयूम अंसारी पर लगाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.
सभापति कि देख-रेख में संपन्न हुआ मतदान
चर्चा और मतदान नप के सभापति गरिमा देवी सिकारिया और कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार पवन के नेतृत्व में संपन्न हुआ. इस दौरान उपसभापति कयूम अंसारी ने अपने ऊपर लगाये गये अविश्वास प्रस्ताव को राजनीतिक षड्यंत्र बताया. जिसके बाद वोटिंग करायी गयी.
एक मत के अंतर से बची कुर्सी
वोटिंग के दौरान छह पार्षद अनुपस्तिथ रहे. वोटिंग में 19 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 12 पार्षदों ने विपक्ष में और दो पार्षदों ने सादा मत दिया. जिससे नप उप सभापति की कुर्सी एक मत के अंतर से बच गई. जिसकी पुष्टि नगर परिषद सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने की.
विकास कार्यों की जीत-नप उपसभापति
इस जीत के बाद नप के उपसभापति कयूम अंसारी ने कहा कि यह जीत नगर परिषद में हो रहे विकास कार्यों की जीत है और सभापति गरिमा देवी सिकारिया के निष्पक्षता का परिणाम है. उन्होंने कहा कि अगर नप में उप सभापति की कुर्सी नहीं बचती तो नप सभापति के कुर्सी पर भी खतरा संभव था.
भ्रष्टाचार का था अरोप
नप के उपसभापति पर 20 जुलाई को कुल 39 में से 30 पार्षदों ने लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. पार्षदों ने उपसभापति पर भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व राशि भुगतान की अनियमितता का आरोप लगाया था. विपक्ष के पार्षदों का आरोप था कि 2017-18 में मालवाहक सैरात की डाक 84 लाख में हुई थी, जबकी 2018-19 में यही डाक 50 लाख रुपये में हुई.