पश्चिमी चंपारण: क्या आपने कभी सुना और देखा है कि रेड और ग्रीन राइस से बीमारियों को दूर किया जा सकता है. बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर में लाल और हरे चावल की खेती की जा रही है.
जहां लाल चावल में जलन, एलर्जी और कैंसर जैसी बीमारियों को खत्म करने के गुण मौजूद हैं. वहीं, हरे चावल में मौजूद क्लोरोफिल वजन घटाने, मधुमेह और कैंसर से निजात दिलाने में सक्षम है.
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लाल और हरे चावल की खेती
पश्चिमी चंपारण (West Champaran) रामनगर प्रखण्ड के हरपुर गांव में एक किसान ने लाल और हरे चावल समेत सात पुरानी किस्मों की खेती की है. यह खेती पारंपरिक और जैविक विधि से की जा रही है. इस खेती को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं.
जानिए क्या कहते हैं किसान
किसान विजय गिरि का कहना है कि अनियंत्रित जीवन शैली की वजह से होने वाले मधुमेह बीमारी से लोगों को निजात दिलाना उनका उद्देश्य है.
अन्य फसलों का करते हैं उत्पादन
किसान विजय गिरि धान, गेंहू और आलू समेत अन्य फसलों का उत्पादन करते हैं. यह चावल गुणों से भरपूर है. बता दें कि इसके पूर्व विजय गिरि ने रसियन ब्लैक पोटैटो (काला आलू), ब्लैक राइस, ब्लैक गेंहू, ब्लू गेंहू, पर्पल गेंहू, मैजिक राइस और सोनामोती गेंहू इत्यादि जैसे किस्मों का उत्पादन कर चुके हैं. जिसकी बाजार में काफी डिमांड है.
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रेड राइस एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर
रेड राइस एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होता है. लाल रंग जैसे गहरे रंगों वाले सब्जियों यानि टमाटर और गाजर में जो एंथोसायनिन पाए जाते हैं, वही तत्व रेड राइस में भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. लिहाजा यह चावल शरीर के जलन, एलर्जी और कैंसर के खतरे को कम करता है.
दांत और हड्डियों के लिए फायदेमंद
वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम दांतों और हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से एक कप रेड राइस का उपयोग मधुमेह के खतरे को 60 फीसदी तक कम करता है. साथ ही इस चावल से बना भोजन ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक से बचाने में कारगर है.
जानिए लाल चावल के फायदे-
- रेड राइस एन्टी ऑक्सीडेन्ट तत्वों से भरपूर होता है.
- रेड राइस में एंथोसायनिन पाए जाते हैं.
- शरीर में जलन, एलर्जी और कैंसर के खतरे को कम करता है.
- चावल में मौदूद कैल्शियम और मैग्नीशियम दांतों और हड्डियों के लिए भी फायदेमंद
- मधुमेह बीमारी को 60 फिसदी कम करता है.
- प्रेशर और हार्ट अटैक से बचाने में कारगर.
- अस्थमा से लड़ने में सहायक.
हरा चावल वजन घटाने में सक्षम
दूसरी तरफ हरे चावल में मौजूद क्लोरोफिल भी कैंसर के खतरे को कम करता है. ग्रीन राइस कस्तूरी प्रजाति का एक चावल है. जिसमें कैंसर रोधक क्षमता पाई जाती है. यह ग्लूटेन रहित चावल है. यह चावल वजन घटाने में भी सक्षम है.
जानिए हरे चावल के फायदे-
- चावल में मौजूद क्लोरोफिल कैंसर के खतरे को कम करता है.
- यह कस्तूरी प्रजाति का एक चावल है.
- वजन घटाने में सक्षम होता है.
'कोरोना संक्रमण काल में लाल और हरे चावल में मौजूद औषधीय गुणों की वजह से इसका निर्यात अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों में बड़े पैमाने पर हुआ है. भारत में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर होती है. हरे चावल की प्रजाति पर इंदिरा गांधी कृषि अनुसंधान केंद्र रायपुर में कृषि वैज्ञानिक शोध भी कर रहे हैं. इस चावल के खाने से कई गंभीर बीमारियों से निजात मिल सकती है.' -डॉक्टर आरपी सिंह, सीनियर साइंटिस्ट, कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र
कृषि विभाग देगा बढ़ावा
बता दें कि लाल और हरे चावल की बाजार में कीमत तकरीबन 600 रुपये किलो तक है. ऐसे में इसकी खेती से किसानों के लिए आर्थिक तौर पर काफी फायदा पहुंच सकता है. नतीजतन कृषि विभाग भी आर्थिक रूप से किसानों को समृद्ध बनाने के लिए इसको बढ़ावा देने में लगा है.
'किसान विजय गिरि चंपारण के गुदरी के है. जो इस तरह के प्राचीन प्रजाति के फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. पैदावार भी काफी अच्छी हो रही है. इसे देखते हुए कृषि विभाग किसान की हर सम्भव मदद करेगा. साथ ही अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करने का काम करेगा.' -प्रदीप तिवारी, कृषि प्रखण्ड पदाधिकारी, रामनगर