बगहा: पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने निजी नर्सिंग होम में जमकर हंगामा किया. गुस्साये परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की. निजी नर्सिंग होम में हंगामे और तोड़फोड़ की सूचना पर बगहा एसडीपीओ और नगर थानाध्यक्ष दल बल के साथ पहुंचे. आक्रोशित लोगों को शांत कराया. पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है.
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क्या है मामलाः परिजनों का आरोप था कि वे प्रसूतो को लेकर सरकारी अस्पताल गए थे. वहां से रेफर कर दिया गया. जिसके बाद वे लोग अस्पताल से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित निजी क्लीनिक के स्टाफ उनलोगों को ले गये. दिलासा दिया कि उसके यहां सर्जरी की बेहतर व्यवस्था है. रात डेढ़ बजे वे लोग मरीज को लेकर हेल्थ केयर पहुंचे. जहां स्टाफ द्वारा बार बार कहा जा रहा था कि प्रसूता का इलाज चल रहा है. वह ठीक है.
"बगहा में निजी क्लीनिक में प्रसूता की मौत की जानकारी मिली है. जांच पड़ताल कर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. दोषी को बख्शा नहीं जाएगा".- श्रीकांत दुबे, सिविल सर्जन
सरकारी डॉक्टर के नाम का दुरुपयोगः सुबह डॉक्टर के आते ही प्रसव करा दिया जाएगा. लेकिन सुबह छह बजे जब डॉक्टर आए तो उसके कुछ देर बाद उन्होंने मरीज को रेफर कर दिया. जब वे मरीज को लेकर बाहर निकले तो प्रसूता की मौत हो चुकी थी. मृतका का नाम सोना देवी बताया गया है. वह शहर के कैलाशनगर के वार्ड 6 की रहनवाली थी. मिली जानकारी के अनुसार बगहा के जिस क्लीनिक में प्रसूता की मौत हुई उसमें नेम प्लेट पर जिस डॉक्टर का नाम लिखा है वे आते ही नहीं हैं. गलत तरीके से सरकारी डॉक्टर के नाम का उपयोग किया जा रहा है.