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नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आरोपी को 20 साल की सजा, जुर्माना भी लगा - rape Accused sentenced imprisonment

बेतिया में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए कोर्ट ने पॉस्को अधिनियम के तहत 20 साल की कड़ी सजा सुनाई गई. इसके अलावा 10 हजार रुपये आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 12, 2024, 10:36 PM IST

बेतिया : बिहार के बेतिया में नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह पॉस्को अधिनियम के विशेष न्यायाधीश जावेद आलम ने कांड के नामजद अभियुक्त अंसारूल अंसारी को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोषसिद्ध अभियुक्त अंसारूल अंसारी को पॉस्को अधिनियम की धारा के तहत बीस वर्ष की कठोर करावास की सजा सुनाई है. दोनों धाराओं में न्यायाधीश ने दस-दस हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है.

दस हजार रुपये देना होगा जुर्माना : न्यायाधीश ने अंसारूल अंसारी को दोषी पाते हुए क्रमश: दस वर्ष तथा पांच वर्ष कठोर करावास की सजा सुनाई है. दोनों धाराओं में पांच-पांच हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है. सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने पीड़िता को बिहार स्टेट प्रतिकर स्कीम के तहत सात लाख रुपए मुआवजा भी दिए जाने आदेश दिया है. न्यायालय ने यह सजा स्पीडी ट्रायल के तहत एक वर्ष के भीतर की है.

2022 में हुई थी घटना : इस मामले के विशेष लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने बताया कि "घटना 17 मई 2022 की है. नाबालिग लड़की अपने घर पर थी. तभी अंसारूल अंसारी मोटरसाइकिल से आया और नाबालिग लड़की से बोला तुम्हारी मां आवश्यक काम से अमुक जगह बुला रही है. लड़की ने उस पर विश्वास कर‌ मोटरसाइकिल पर बैठ गई. बताए जगह पर पहुंची तो वह मां नहीं मिली."

लोक अभियोजक ने बताया कि इसके बाद अंसारूल अंसारी लड़की को बहला-फुसलाकर बगहा चीनी मिल के पीछे सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. लड़की किसी तरह अपने घर पहुंची और सारी बात अपने परिजनों से बताई. परिजनों ने इस संबंध में बगहा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है.
ये भी पढ़ें : दुष्कर्म के प्रयास में आरोपित को पांच वर्ष की सजा, 20 हजार रुपये का अर्थदंड

बेतिया : बिहार के बेतिया में नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह पॉस्को अधिनियम के विशेष न्यायाधीश जावेद आलम ने कांड के नामजद अभियुक्त अंसारूल अंसारी को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोषसिद्ध अभियुक्त अंसारूल अंसारी को पॉस्को अधिनियम की धारा के तहत बीस वर्ष की कठोर करावास की सजा सुनाई है. दोनों धाराओं में न्यायाधीश ने दस-दस हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है.

दस हजार रुपये देना होगा जुर्माना : न्यायाधीश ने अंसारूल अंसारी को दोषी पाते हुए क्रमश: दस वर्ष तथा पांच वर्ष कठोर करावास की सजा सुनाई है. दोनों धाराओं में पांच-पांच हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है. सुनाए गए फैसले में न्यायाधीश ने पीड़िता को बिहार स्टेट प्रतिकर स्कीम के तहत सात लाख रुपए मुआवजा भी दिए जाने आदेश दिया है. न्यायालय ने यह सजा स्पीडी ट्रायल के तहत एक वर्ष के भीतर की है.

2022 में हुई थी घटना : इस मामले के विशेष लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने बताया कि "घटना 17 मई 2022 की है. नाबालिग लड़की अपने घर पर थी. तभी अंसारूल अंसारी मोटरसाइकिल से आया और नाबालिग लड़की से बोला तुम्हारी मां आवश्यक काम से अमुक जगह बुला रही है. लड़की ने उस पर विश्वास कर‌ मोटरसाइकिल पर बैठ गई. बताए जगह पर पहुंची तो वह मां नहीं मिली."

लोक अभियोजक ने बताया कि इसके बाद अंसारूल अंसारी लड़की को बहला-फुसलाकर बगहा चीनी मिल के पीछे सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. लड़की किसी तरह अपने घर पहुंची और सारी बात अपने परिजनों से बताई. परिजनों ने इस संबंध में बगहा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है.
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