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बेतिया में 14 लाख 53 हजार का 'कफन' घोटाला, ईओ ने वार्ड सदस्यों से मांगा स्पष्टीकरण

जिले के नगर पंचायत चनपटिया के वार्ड सदस्यों पर कफन घोटाले का आरोप लगा है. ईओ के बैंक खातों के जांच करने पर 14 लाख 53 हजार रूपए के गबन की जानकारी सामने आई. घोटाले पर ईओ ने संबंधित सदस्यों से जबाव तलब किया है.

बेतिया
नगर पंचायत में सामने आई अनियमितताएं
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Published : Nov 28, 2020, 4:58 PM IST

बेतिया: चनपटिया के वार्ड सदस्यों पर कफन घोटाले की जांच की आंच आ गई है. सूबे की सरकार की तरफ से गरीब पीड़ितों को अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले पैसों का नगर पंचायतों के सदस्यों द्वारा गबन किए जाने का आरोप लगा है. मामले की जानकारी मिलने पर ईओ ने नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों से जबाव तलब किया है.

दरअसल यह कफन घोटाला तब सामने आया जब कबीर अंत्येष्टि योजना के एक लाभार्थी को नगर पंचायत द्वारा 3000 रुपए का चेक मिला. जिसे लेकर वह बैंक गया. बैंक द्वारा बताया गया कि नगर पंचायत के इस खाते में राशि ही नहीं है. जिसके बाद लाभार्थी ने मामले की जानकारी प्रधान लिपिक को दी. प्रधान लिपिक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की सूचना ईओ को दिया.

ईओ के जांच में सामने आई अनियमितताएं
ईओ शिवांशु शिवेश ने जब कबीर अंत्योष्टि योजना के फाइलों के पन्ने को पलटा व संबंधित बैंक खातों की बारीकी से जाँच की तो मामला उजागर हुआ. इस संबंध में शुक्रवार को नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने नप के 14 वार्ड सदस्यों से कबीर अंत्येष्टि योजना मद में हुए 14 लाख 53 हजार की राशि घोटाला मामले में पत्र भेजकर 72 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.

14 लाख 53 हजार के घोटाले का आरोप
बता दें कि वितीय वर्ष 2017-18 में नगर पंचायत के खाते से कबीर अंत्येष्टि योजना के मद में कुल 22 लाख 12 हजार रुपये की निकासी हुई थी. जिस पर नगर पंचायत के कुल 15 वार्ड पार्षदों व तत्कालीन प्रधान लिपिक मनोज कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर थे. इस राशि में से सभी वार्डों में मृत व्यक्तियों के परिजनों को कुल 7 लाख 59 हजार रुपये की राशि का भुगतान ही किया गया था. वहीं, शेष बचे 14 लाख 53 हजार रुपयों के बहीखाता का हिसाब कहीं दर्ज नहीं है.

सदस्यों ने लगाया प्रधानलिपिक पर नकली हस्ताक्षर का आरोप
वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में 12 सितंबर को नप के सामान्य बोर्ड की बैठक कर दोषियों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं, संबंधित वार्ड पार्षदों ने प्रधान लिपिक पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान लिपिक ने जाली हस्ताक्षर कर रुपये की निकासी कर ली है. वहीं, नप कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने बताया कि मामले में सभी पार्षदों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. संतोषप्रद जबाब नहीं मिलने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी.

बेतिया: चनपटिया के वार्ड सदस्यों पर कफन घोटाले की जांच की आंच आ गई है. सूबे की सरकार की तरफ से गरीब पीड़ितों को अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले पैसों का नगर पंचायतों के सदस्यों द्वारा गबन किए जाने का आरोप लगा है. मामले की जानकारी मिलने पर ईओ ने नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों से जबाव तलब किया है.

दरअसल यह कफन घोटाला तब सामने आया जब कबीर अंत्येष्टि योजना के एक लाभार्थी को नगर पंचायत द्वारा 3000 रुपए का चेक मिला. जिसे लेकर वह बैंक गया. बैंक द्वारा बताया गया कि नगर पंचायत के इस खाते में राशि ही नहीं है. जिसके बाद लाभार्थी ने मामले की जानकारी प्रधान लिपिक को दी. प्रधान लिपिक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटना की सूचना ईओ को दिया.

ईओ के जांच में सामने आई अनियमितताएं
ईओ शिवांशु शिवेश ने जब कबीर अंत्योष्टि योजना के फाइलों के पन्ने को पलटा व संबंधित बैंक खातों की बारीकी से जाँच की तो मामला उजागर हुआ. इस संबंध में शुक्रवार को नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने नप के 14 वार्ड सदस्यों से कबीर अंत्येष्टि योजना मद में हुए 14 लाख 53 हजार की राशि घोटाला मामले में पत्र भेजकर 72 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.

14 लाख 53 हजार के घोटाले का आरोप
बता दें कि वितीय वर्ष 2017-18 में नगर पंचायत के खाते से कबीर अंत्येष्टि योजना के मद में कुल 22 लाख 12 हजार रुपये की निकासी हुई थी. जिस पर नगर पंचायत के कुल 15 वार्ड पार्षदों व तत्कालीन प्रधान लिपिक मनोज कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर थे. इस राशि में से सभी वार्डों में मृत व्यक्तियों के परिजनों को कुल 7 लाख 59 हजार रुपये की राशि का भुगतान ही किया गया था. वहीं, शेष बचे 14 लाख 53 हजार रुपयों के बहीखाता का हिसाब कहीं दर्ज नहीं है.

सदस्यों ने लगाया प्रधानलिपिक पर नकली हस्ताक्षर का आरोप
वहीं, मामले की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में 12 सितंबर को नप के सामान्य बोर्ड की बैठक कर दोषियों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. वहीं, संबंधित वार्ड पार्षदों ने प्रधान लिपिक पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान लिपिक ने जाली हस्ताक्षर कर रुपये की निकासी कर ली है. वहीं, नप कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेश ने बताया कि मामले में सभी पार्षदों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. संतोषप्रद जबाब नहीं मिलने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी.

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