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Charas Smuggling : नेपाल के रास्ते बिहार पहुंचा, UP-पंजाब-हरियाणा में होनी थी सप्लाई - 44 करोड़ की चरस बरामद

शाहजहांपुर में एसटीएफ, एसओजी और जिला पुलिस ने तस्करी कर ले जा रहे 22 किलो चरस को बरामद किया है (charas smuggling in shahjahanpur), जिसकी कीमत 44 करोड़ 60 लाख रुपए आंकी गई है. पुलिस ने बिहार के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Feb 1, 2023, 8:15 PM IST

शाहजहांपुर पुलिस अधीक्षक एस आनंद का बयान.

शाहजहांपुर/बेतिया: एसटीएफ, एसओजी और जिला पुलिस को बुधवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. संयुक्त टीम ने चरस की तस्तरी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही अभियुक्तों के कब्जे से 44 करोड़ 60 लाख कीमत की चरस बरामद की गई है. पकड़े गए तस्कर बिहार के रहने वाले हैं जो शामली के कैराना में चरस की सप्लाई करने जा रहे थे. फिलहाल एसटीएफ और एसओजी तस्करों से पूछताछ कर रही है.

ये भी पढ़ें - Motihari Crime: डेढ़ करोड़ के चरस के साथ दो नेपाली तस्कर गिरफ्तार, एक बाइक जब्त

22 किलो 300 ग्राम चरस जब्त : पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर एस आनंद ने बताया कि मंगलवार एसटीएफ उत्तर प्रदेश लखनऊ की एक टीम जिले में मौजूद थी. टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मादक पदार्थ तस्कर गैंग के दो सदस्य बड़ी मात्रा में चरस की एक खेप लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश जायेंगे. इस सूचना को जनपदीय एसओजी और थाना सदर बाजार से साझा करते हुये एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए रोडवेज बस स्टैण्ड पर घेराबन्दी कर दी. इसके बाद देर रात मादक पदार्थ तस्करी करने वाले दो बदमाश करीब 22 किलो 300 ग्राम चरस के साथ पकड़े गए.

चरस का पूरा चेन : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए दोनों अभियुक्त मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के बेतिया के रहने वाले हैं. जिनका नाम रितेश और मोहन पटेल है. पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि बिहार के अनिल नामक व्यक्ति ने उन्हें नेपाल से चरस लाकर दिया था, जिसे इन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब मे सप्लाई करना था. कस्बा कैराना पहुंचकर ये लोग अनिल को फोन कर रोडवेज बस स्टैण्ड पहुंचने की सूचना देते जिसके बाद अनिल शादाव को फोन करता जिसे इन्हें माल सौंपना था. वो इनके पास आकर इनसे माल ले जाता और बदले में 30-40 हजार रुपए नगद देता. शेष पैसे शादाव अनिल के बैंक खाता में ट्रांसफर करता है. पुलिस अधीक्षक के अनुसार पकड़े गए अभियुक्त पूर्व में 5 से 6 बार चरस की तस्करी कर कैराना पहुंचा चुके हैं. माल को तस्करी के बदले इनको 5000/रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैसे मिलते थे.

पुलिस अधीक्षक के अनुसार, यूपी एसटीएफ बिहार सीमा से ही लगातार तस्करों को इंटरसेप्ट कर रही थी. तस्करों की लोकेशन शाहजहांपुर में मिलने पर एसटीएफ एसओजी और थाना सदर बाजार की संयुक्त टीम ने प्लानिंग कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. जिसमें 22 किलो 300 ग्राम फाइन क्वालिटी की चरस बरामद की गई, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 44 करोड़ 60 लाख रुपए आंकी गई है.

शाहजहांपुर पुलिस अधीक्षक एस आनंद का बयान.

शाहजहांपुर/बेतिया: एसटीएफ, एसओजी और जिला पुलिस को बुधवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. संयुक्त टीम ने चरस की तस्तरी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही अभियुक्तों के कब्जे से 44 करोड़ 60 लाख कीमत की चरस बरामद की गई है. पकड़े गए तस्कर बिहार के रहने वाले हैं जो शामली के कैराना में चरस की सप्लाई करने जा रहे थे. फिलहाल एसटीएफ और एसओजी तस्करों से पूछताछ कर रही है.

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22 किलो 300 ग्राम चरस जब्त : पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर एस आनंद ने बताया कि मंगलवार एसटीएफ उत्तर प्रदेश लखनऊ की एक टीम जिले में मौजूद थी. टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मादक पदार्थ तस्कर गैंग के दो सदस्य बड़ी मात्रा में चरस की एक खेप लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश जायेंगे. इस सूचना को जनपदीय एसओजी और थाना सदर बाजार से साझा करते हुये एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए रोडवेज बस स्टैण्ड पर घेराबन्दी कर दी. इसके बाद देर रात मादक पदार्थ तस्करी करने वाले दो बदमाश करीब 22 किलो 300 ग्राम चरस के साथ पकड़े गए.

चरस का पूरा चेन : पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए दोनों अभियुक्त मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के बेतिया के रहने वाले हैं. जिनका नाम रितेश और मोहन पटेल है. पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि बिहार के अनिल नामक व्यक्ति ने उन्हें नेपाल से चरस लाकर दिया था, जिसे इन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब मे सप्लाई करना था. कस्बा कैराना पहुंचकर ये लोग अनिल को फोन कर रोडवेज बस स्टैण्ड पहुंचने की सूचना देते जिसके बाद अनिल शादाव को फोन करता जिसे इन्हें माल सौंपना था. वो इनके पास आकर इनसे माल ले जाता और बदले में 30-40 हजार रुपए नगद देता. शेष पैसे शादाव अनिल के बैंक खाता में ट्रांसफर करता है. पुलिस अधीक्षक के अनुसार पकड़े गए अभियुक्त पूर्व में 5 से 6 बार चरस की तस्करी कर कैराना पहुंचा चुके हैं. माल को तस्करी के बदले इनको 5000/रुपए प्रति किलो के हिसाब से पैसे मिलते थे.

पुलिस अधीक्षक के अनुसार, यूपी एसटीएफ बिहार सीमा से ही लगातार तस्करों को इंटरसेप्ट कर रही थी. तस्करों की लोकेशन शाहजहांपुर में मिलने पर एसटीएफ एसओजी और थाना सदर बाजार की संयुक्त टीम ने प्लानिंग कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. जिसमें 22 किलो 300 ग्राम फाइन क्वालिटी की चरस बरामद की गई, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 44 करोड़ 60 लाख रुपए आंकी गई है.

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