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Live Video : बेतिया में देखते ही देखते बाढ़ के पानी में समा गई नाव

बिहार के बेतिया (Flood In Bettiah ) जिले में बाढ़ का कहर जारी है. रविवार को लौरिया इलाके में यात्रियों से भरी नाव बाढ़ के पानी में समा गई. आसपास मौजूद लोगों ने पानी में कूदकर सभी की जान बचाई.

बेतिया में डूबी नाव
बेतिया में डूबी नाव
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Published : Jul 5, 2021, 5:37 AM IST

प. चंपारण : बिहार के बेतिया में बाढ़ से (Flood In Bettiah ) हालात बेकाबू हो गये हैं. वहीं रविवार को लौरिया प्रखंड क्षेत्र के सिसवनिया पंचायत के ढणवा गांव के समीप नाव से बाजार जाते समय यात्रियों से भरा नाव अचानक (Boat Capsized ) देखते- देखते ही डूब गई. जैसे ही नाव पलटी वहां मौजूद लोगों ने पानी में कूदकर नाव पर सवार सभी यात्री सुरक्षित निकाल लिया. जिससे कोई बड़ा हादसा होने से टल गया.

ये भी पढ़ें- Bettiah News : उफान पर हरबोड़ा नदी का जलस्तर, कटाव की आशंका से दहशत में ग्रामीण

बाजार जाने के दौरान हादसा
जानकारी के मुताबिक लौरिया प्रखंड में आई बाढ़ के कारण सिसवनिया पंचायत के ढणवा गांव के लोग नाव पर सवार लौरिया बाजार सामान खरीदने जा रहे थे. इसी दौरान जैसे ही ढणवा गांव के पास यात्रियों से नाव पहुंची वैसे ही शेख टोली नहर के पास नाव पानी में समा गई. आनन-फानन में वहां मौजूद ग्रामीणों ने नाव को पलटते देखा वैसे ही सभी लोग पानी में कूद गए. नाव में सवार सभी लोगों को पानी से बाहर निकाला. जिस कारण स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बिहार : बाढ़ में जुगाड़ ही सहारा! हर तरफ सैलाब...खाट पर मरीज, देखें वीडियो

15 से 20 लोग थे सवार
बताया जा रहा हैं कि नाव पर सवार करीब 15 से 20 यात्रा सवार थे. कोई परोरहा गांव का था तो कोई डुमरा गांव का. सभी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लौरिया बाजार करने नाव पर सवार होकर जा रहे थे. बता दें कि लगातार हो रही बारिश के कारण लौरिया प्रखंड के परोरहा गांव, शेख टोली गांव, गोनौली गांव, मलटोलवा गांव, डुमरा भाठ गांव सहित गोनौली डुमरा पंचायत के लगभग सभी गांव टापू बन चूके हैं. जिस कारण जिला मुख्यालय से सभी गांव का संपर्क टूट चुका है गांव से निकलने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है.

बाढ़ के पानी में समा गई नाव
बाढ़ के पानी में समा गई नाव

सरकारी मदद की दरकार
आपको बता दें कि लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिस कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव में जो जहां है, वह वहीं फंसा हुआ है. गांव में जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. कई जगह पुल पुलिया टूट चुके हैं. नाव ही एकमात्र सहारा है, लेकिन सरकारी नाव इतनी नहीं है कि वह हर गांव तक पहुंच सके.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया का महेशड़ा गांव बना टापू, महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज

प. चंपारण : बिहार के बेतिया में बाढ़ से (Flood In Bettiah ) हालात बेकाबू हो गये हैं. वहीं रविवार को लौरिया प्रखंड क्षेत्र के सिसवनिया पंचायत के ढणवा गांव के समीप नाव से बाजार जाते समय यात्रियों से भरा नाव अचानक (Boat Capsized ) देखते- देखते ही डूब गई. जैसे ही नाव पलटी वहां मौजूद लोगों ने पानी में कूदकर नाव पर सवार सभी यात्री सुरक्षित निकाल लिया. जिससे कोई बड़ा हादसा होने से टल गया.

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बाजार जाने के दौरान हादसा
जानकारी के मुताबिक लौरिया प्रखंड में आई बाढ़ के कारण सिसवनिया पंचायत के ढणवा गांव के लोग नाव पर सवार लौरिया बाजार सामान खरीदने जा रहे थे. इसी दौरान जैसे ही ढणवा गांव के पास यात्रियों से नाव पहुंची वैसे ही शेख टोली नहर के पास नाव पानी में समा गई. आनन-फानन में वहां मौजूद ग्रामीणों ने नाव को पलटते देखा वैसे ही सभी लोग पानी में कूद गए. नाव में सवार सभी लोगों को पानी से बाहर निकाला. जिस कारण स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.

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15 से 20 लोग थे सवार
बताया जा रहा हैं कि नाव पर सवार करीब 15 से 20 यात्रा सवार थे. कोई परोरहा गांव का था तो कोई डुमरा गांव का. सभी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर लौरिया बाजार करने नाव पर सवार होकर जा रहे थे. बता दें कि लगातार हो रही बारिश के कारण लौरिया प्रखंड के परोरहा गांव, शेख टोली गांव, गोनौली गांव, मलटोलवा गांव, डुमरा भाठ गांव सहित गोनौली डुमरा पंचायत के लगभग सभी गांव टापू बन चूके हैं. जिस कारण जिला मुख्यालय से सभी गांव का संपर्क टूट चुका है गांव से निकलने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है.

बाढ़ के पानी में समा गई नाव
बाढ़ के पानी में समा गई नाव

सरकारी मदद की दरकार
आपको बता दें कि लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिस कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव में जो जहां है, वह वहीं फंसा हुआ है. गांव में जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. कई जगह पुल पुलिया टूट चुके हैं. नाव ही एकमात्र सहारा है, लेकिन सरकारी नाव इतनी नहीं है कि वह हर गांव तक पहुंच सके.

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