बेतियाः यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच फंसे हजारों भारतीय छात्रों को भारत सरकार देश वापस ला रही है. सैकड़ों छात्रों को अब तक भारत लाया जा चुका है. इन्हीं छात्रों के साथ बिहार के नरकटियागंज के सतवरिया गांव के रहने वाले मेडिकल के छात्र इमरान अंसारी (Bettiah Student Returned From Ukraine) भी अपने घर सही सलामत लौट आए हैं. जिसके बाद इनके परिवार में काफी खुशी देखी गई. वतन वापसी के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में इमरान ने वहां के हालात को विस्तार से बताया.
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पीएम मोदी से की अपीलः बातचीत के दौरान छात्र ने हाथ जोड़कर पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि जितनी जल्दी हो सके, बचे हुए छात्रों को बुला लिजिए, वहां के हालात बहुत खराब हैं. बॉर्डर तक आना भी मुश्किल है. छात्रों को बॉर्डर तक आने के लिए सवारी तक नहीं मिल रही है. माइनस 5 डिग्री की ठंड में छात्र जैसे तैसे वक्त काट रहे हैं. कई लोग पैदल चलकर या ऑटो आदी से बार्डर तक आ रहे हैं.
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'मैं खारकीव में रहता था. वहां के हालात बहुत खराब हैं. बस, ऑटो और पैदल चलकर पोलैंड के बॉर्डर पर पहुंचा. जहां से हमें भारतीय अधिकारियों द्वारा हिंदुस्तान लाया गया. कुछ छात्र भारत के तिरंगे का इस्तेमाल कर यूक्रेन से बाहर निकले. मैं चार दिनों तक मेट्रो स्टेशन पर छिपा था और भूख से व्याकुल हो गया था. हालांकि पोलैंड के बॉर्डर पर पहुंचते ही खाना से लेकर यात्रा तक सरकार द्वारा मुफ्त दी गई. मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं.'- इमरान अंसारी, छात्र
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पिता ने किया पीएम मोदी का शुक्रियाः नरकटियागंज के सतवरिया गांव का रहने वाला छात्र शुक्रवार की सुबह जैसे ही घर पहुंचा, परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने इमरान को मिठाई खिलाकर गले लगाया. इमरान के पिता सैफ्फुल्लाह अंसारी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया और केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की. जिनकी वजह से आज उनके पुत्र का घर लौटना संभव हो पाया.
बता दें कि रूस के साथ युद्ध के कारण यूक्रेन ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है. ऐसे में भारत अपने नागरिकों को भू-मार्ग से यूक्रेन के पड़ोसी देशों रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया लाकर वहां से विमान के जरिए स्वदेश ला रहा है. भारत सरकार यूक्रेन से छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के सभी प्रयास कर रही है. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में करीब 18 हजार भारतीय छात्र पढ़ते हैं. इनमें से सैकड़ों छात्रों को अब तक भारत वापस लाया जा चुका है.
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