बेतिया: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की बदहाली का आलम क्या है यह किसी से छिपा नहीं है. बेतिया के जीएमसीएच (गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में ठंड के मौसम में मरीजों को न चादर मिल रहा है और न कंबल. मजबूरी में मरीजों को घर से चारद और कंबल लेकर आना पड़ रहा है. अस्पताल में दीवार पर 113 दवाओं की लिस्ट चिपका दी गई है, लेकिन उपलब्ध सिर्फ 21 तरह की दवाएं हैं. इसके चलते परिजनों को बाहर से दवाएं लानी पड़ रही हैं. यह हाल बेतिया जीएमसीएच का है तो अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी की स्थिति समझी जा सकती है. तमाम कमियों का अस्पताल प्रशासन के पास एक मात्र बहाना हॉस्पिटल का अंडर कंस्ट्रक्शन होना है.
बेड पर न चादर न कंबल
ईटीवी भारत जब बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पहुंचा तो पाया कि मरीज के बेड पर चादर नहीं है. मरीज अपने घर से चादर लेकर आ रहे हैं. कंबल की व्यवस्था नहीं है. पर्याप्त मात्रा में अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीज बाहर से दवा खरीदने को मजबूर हैं. डीएम कुंदन कुमार द्वारा लगातार जीएमसीएच का औचक निरीक्षण किया जा रहा है. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन लापरवाही से बाज नहीं आ रही.
"अस्पताल में थोड़ी बहुत कमी है. अस्पताल का नया भवन बन रहा है. वह जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. उसके बाद मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. उन्हें हर सुविधा अस्पताल में मुहैया कराई जाएगी. यहां के मरीज दूसरे जगह रेफर नहीं किए जाएंगे."- श्रीकांत दुबे, उपाधीक्षक, जीएमसीएच, बेतिया
जल्द बनकर तैयार हो जाएगा नया भवन
गौरतलब है कि बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल का नया भवन बन रहा है और यह भवन जल्द तैयार हो जाएगा. हॉस्पिटल का सी- ब्लॉक अंडर कंस्ट्रक्शन है. इसका निरीक्षण करने 6 जनवरी को बेतिया डीएम कुंदन कुमार पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि जल्द ही अस्पताल का भवन बनाने वाली कंपनी एलएनटी अस्पताल के सी ब्लॉक को सुपुर्द करेगी, जिसके बाद मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इलाज के अभाव में लोगों को दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में ही उनका इलाज किया जाएगा.