बेतिया: जिले के बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चारों तरफ सिर्फ सूअर और अन्य जानवर ही देखने को मिलते हैं. जिससे यह अस्पताल अब बीमार अस्पताल में बदल रहा है. यहां आये बीमार लोग ठीक होने के बजाय और बीमार हो जाते हैं.
अस्पताल परिसर में लगा है गंदगी का अंबार
2008 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की नींव बिहार सरकार ने रखी थी, तो यहां के लोगों को लगा कि अब उन्हें भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा और इलाज के लिए उन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन जिलावासियों का बेहतर स्वास्थ्य सेवा पाने का सपना चकनाचूर होता दिख रहा है. इस पूरे अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है. अस्पताल परिसर में घूमते हुए सुअर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि यह अस्पताल अब गंदगी में तब्दील हो चुका है.
अस्पताल में नहीं है शौचालय की व्यवस्था
लोगों की मानें तो इस अस्पताल में मरीज ठीक होने की और बीमार हो जाते हैं. सबसे हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में घूमने वाले जानवर वार्ड तक पहुंच जाते हैं और अस्पताल प्रबंधक मूकदर्शक बना रहता है. वहीं, मरीजों के परिजनों का कहना है कि इतने बड़े अस्पताल में एक भी शौचालय की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है. पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी स्वच्छता अभियान जोर-शोर के साथ चलाया जा रहा है. जिस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है. लेकिन अस्पताल की दुर्दशा देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस जिले में स्वच्छता अभियान कितना सफल है.
अस्पताल में दम तोड़ रहा है स्वच्छ भारत अभियान
अस्पताल उपाधीक्षक की मानें तो जब तक अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक जानवरों को अस्पताल में घुसने से नहीं रोका जा सकता.
ऐसे कहना गलत नहीं होगा कि बिहार सरकार की ओर से चलाए जा रहे लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान हो या फिर केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत अभियान इस अस्पताल में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रही है.