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कोरोना का कहर: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को किया गया बंद, गश्ती के लिए 10 टीमों की तैनाती - रेंजर महेश प्रसाद

तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का असर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर भी दिख रहा है. वन विभाग ने यहां फिलहाल आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.

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Published : Apr 25, 2021, 3:28 PM IST

बगहा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. इस दौरान वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वनकर्मी लगातार गश्ती कर रहे हैं. ताकि वन अपराधी इसका गलत फायदा नहीं उठा सके.

ये भी पढ़ेंः कोविड महामारी के बीच मिली हनुमान जी की 'संजीवनी', मुफ्त ऑक्‍सीजन, इलाज सहित कई सुविधाएं भी

वनप्रमंडल 2 के रेंजर महेश प्रसाद ने बताया ‘वीटीआर जंगल के सभी सेक्टरों में गश्ती के लिए 10 टीमों को लगाया गया है. दिन व रात्रि गश्ती के लिए 4-4 टीमें तैनात की गई है. साथ ही दो टीमें संध्या गश्ती में लगाई गई है. गश्ती टीम किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की भनक लगते ही इसकी सूचना कार्यालय को देंगे.’

बता दें कि वीटीआर जंगल का एक बड़ा भाग नेपाल चितवन जंगल से जुड़ा हुआ है. जहां दोनों ही तरफ के जंगली जानवरों के आवाजाही के रोकथाम के लिए किसी भी तरह का फेंसिंग या बाड़ नहीं लगाया गया है.

सक्रिय रहते हैं तस्कर
साथ ही इंडो-नेपाल सीमाई क्षेत्र होने की वजह से राज्यकीय व अतंर्राष्ट्रीय तस्करों की निगाहें लगी रहती है. तस्करों के मनसूबे को नाकाम करने के लिए वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद दिख रहा है.

बगहा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है. इस दौरान वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वनकर्मी लगातार गश्ती कर रहे हैं. ताकि वन अपराधी इसका गलत फायदा नहीं उठा सके.

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वनप्रमंडल 2 के रेंजर महेश प्रसाद ने बताया ‘वीटीआर जंगल के सभी सेक्टरों में गश्ती के लिए 10 टीमों को लगाया गया है. दिन व रात्रि गश्ती के लिए 4-4 टीमें तैनात की गई है. साथ ही दो टीमें संध्या गश्ती में लगाई गई है. गश्ती टीम किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की भनक लगते ही इसकी सूचना कार्यालय को देंगे.’

बता दें कि वीटीआर जंगल का एक बड़ा भाग नेपाल चितवन जंगल से जुड़ा हुआ है. जहां दोनों ही तरफ के जंगली जानवरों के आवाजाही के रोकथाम के लिए किसी भी तरह का फेंसिंग या बाड़ नहीं लगाया गया है.

सक्रिय रहते हैं तस्कर
साथ ही इंडो-नेपाल सीमाई क्षेत्र होने की वजह से राज्यकीय व अतंर्राष्ट्रीय तस्करों की निगाहें लगी रहती है. तस्करों के मनसूबे को नाकाम करने के लिए वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद दिख रहा है.

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