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आयुष चिकित्सकों के सहारे नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल, कोविड वार्ड में मरीज परेशान

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Published : May 22, 2021, 5:08 PM IST

कोरोना से परेशान लोगों की परेशानी अस्पतालों की बदइंतजामी के कारण और बढ़ गई है. नरकटियागंज के कोविड अस्पताल में मरीज बेहाल हैं. इतना ही नहीं यह अस्पताल आयुष चिकित्सकों के सहारे चल रहा है. आयुष चिकित्सक अपनी जानकारी के अनुसार मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

Ayush doctors doing duty in covid ward
Ayush doctors doing duty in covid ward

पश्चिम चंपारण(बेतिया): कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन उस हिसाब से सुविधाओं में इजाफा नहीं हो रहा है. नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड का आयुष चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं. वहीं, कोविड वार्ड में संक्रमितों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

यह भी पढ़ें- CM नीतीश के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: भव्य अस्पताल, इलाज नदारद.. कल्याण बिगहा में बाकी सब ठीक है...

भगवान भरोसे कोरोना मरीज
कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले हीं धीमी हुई हो. लेकिन सरकारी अस्पतालों में कुव्यवस्था कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि नरकटियागंज कोविड अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को खाने-पीने से लेकर इलाज तक की समुचित व्यवस्था नहीं मिल रही है. करीब एक माह पूर्व दो वेंटिलेटर आने के बावजूद वेंटिलेटर ऑपरेटर नहीं मिल रहे हैं. जिससे आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को वेंटिलेटर पर नही रखने से कइयों की मौत भी हो चुकी है.

Ayush doctors doing duty in covid ward
इलाज के लिए इंतजार करती बुजुर्ग महिला

'अभी तक मेरे मरीज का कोरोना जांच तक नहीं किया गया है. कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया.'- मरीज के परिजन

आयुष चिकित्सक कर रहे इलाज
स्वास्थ्य महकमा बेहतर सुविधा दिए जाने की हजार दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को देखकर समझा जा सकता है. दरअसल इस अस्पताल की बदइंतजामी ऐसी की खत्म होने की नाम नहीं ले रही है. नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल के आइसलोशन वार्ड में इलाज के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. इस अस्पताल के कोविड वार्ड की ड्यूटी आयुष चिकित्सकों के हाथों में है.

'अस्पताल में 12 चिकित्सक हैं जिसमें से 8 कार्यरत हैं और अस्पताल में तमाम सुविधाएं उपलब्ध है. मरीजों को फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. अस्पताल प्रशासन व्यवस्था सुचारु रखने के लिए लगातार कार्य कर रहा है.'- रविशंकर प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक

यह भी पढ़ें- पटना के प्राइवेट अस्पताल में दुष्कर्म मामला : CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस, ICU में एडमिट मरीजों से भी पूछताछ

शव बेड से हटाने वाला नहीं कोई
अस्पताल की बदहाली ऐसी की संक्रमित मरीज की मौत के घंटों बाद भी शव बेड पर ही पड़ा रहता है और कोई कर्मी पूछने तक नहीं आता है. इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है.

'इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. डॉक्टर को मरीज को देखने के लिए बोलने पर वो किसी और को बोलते हैं. बाद में पूछने पर पता चलता है कि आयुष डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. जो प्रोपर डॉक्टर हैं वो तो दिखाई ही नहीं देते.'- शमशेर आलम, मृतक के परिजन

परिजनों का आरोप
परिजनों का आरोप है कि मरीजों की स्थिति खराब होने पर रात में कोई देखने तक नहीं आता है. अस्पताल में मरीज के एडमिट के बाद कई दिन बीत जाने के बाद भी कोविड जांच नहीं करवाया गया. यह अपने आप में एक बड़ी लापरवाही है. संक्रमित मरीज की स्थिति खराब होने पर अस्पतालकर्मिी एक-दूसरे को देखने के लिए कहकर टालमटोल कर देते हैं.

यह भी पढ़ें- बिहार में मिले ब्लैक फंगस के 39 नए मामले, मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 174

पश्चिम चंपारण(बेतिया): कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन उस हिसाब से सुविधाओं में इजाफा नहीं हो रहा है. नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड का आयुष चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं. वहीं, कोविड वार्ड में संक्रमितों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

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भगवान भरोसे कोरोना मरीज
कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले हीं धीमी हुई हो. लेकिन सरकारी अस्पतालों में कुव्यवस्था कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आलम यह है कि नरकटियागंज कोविड अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों को खाने-पीने से लेकर इलाज तक की समुचित व्यवस्था नहीं मिल रही है. करीब एक माह पूर्व दो वेंटिलेटर आने के बावजूद वेंटिलेटर ऑपरेटर नहीं मिल रहे हैं. जिससे आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को वेंटिलेटर पर नही रखने से कइयों की मौत भी हो चुकी है.

Ayush doctors doing duty in covid ward
इलाज के लिए इंतजार करती बुजुर्ग महिला

'अभी तक मेरे मरीज का कोरोना जांच तक नहीं किया गया है. कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया.'- मरीज के परिजन

आयुष चिकित्सक कर रहे इलाज
स्वास्थ्य महकमा बेहतर सुविधा दिए जाने की हजार दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को देखकर समझा जा सकता है. दरअसल इस अस्पताल की बदइंतजामी ऐसी की खत्म होने की नाम नहीं ले रही है. नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल के आइसलोशन वार्ड में इलाज के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. इस अस्पताल के कोविड वार्ड की ड्यूटी आयुष चिकित्सकों के हाथों में है.

'अस्पताल में 12 चिकित्सक हैं जिसमें से 8 कार्यरत हैं और अस्पताल में तमाम सुविधाएं उपलब्ध है. मरीजों को फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है. अस्पताल प्रशासन व्यवस्था सुचारु रखने के लिए लगातार कार्य कर रहा है.'- रविशंकर प्रसाद, अस्पताल प्रबंधक

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शव बेड से हटाने वाला नहीं कोई
अस्पताल की बदहाली ऐसी की संक्रमित मरीज की मौत के घंटों बाद भी शव बेड पर ही पड़ा रहता है और कोई कर्मी पूछने तक नहीं आता है. इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है.

'इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. डॉक्टर को मरीज को देखने के लिए बोलने पर वो किसी और को बोलते हैं. बाद में पूछने पर पता चलता है कि आयुष डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. जो प्रोपर डॉक्टर हैं वो तो दिखाई ही नहीं देते.'- शमशेर आलम, मृतक के परिजन

परिजनों का आरोप
परिजनों का आरोप है कि मरीजों की स्थिति खराब होने पर रात में कोई देखने तक नहीं आता है. अस्पताल में मरीज के एडमिट के बाद कई दिन बीत जाने के बाद भी कोविड जांच नहीं करवाया गया. यह अपने आप में एक बड़ी लापरवाही है. संक्रमित मरीज की स्थिति खराब होने पर अस्पतालकर्मिी एक-दूसरे को देखने के लिए कहकर टालमटोल कर देते हैं.

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