बेतिया: अंगदान-महादान के लिए बेतिया में मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने जागरूकता रैली निकाली. महिलाओं ने इस रैली में कहा कि अंगदान से हमारे नहीं रहने पर दूसरे के जीवन में भी खुशहाली आएगी. इसके चलते अंगदान जरूर करें.
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन ने अंगदान को लेकर जागरूकता रैली निकाली. ये रैली पिंजरा पोल गौशाला से शहर के विभिन्न चौराहों से होते हुए शहीद स्मारक तक पहुंची. अखिल भारतीय मारवाड़ी संघ की अध्यक्ष रानी झुनझुनवाला ने कहा कि अंगदान एक महादान है, इसके लिए हमने जागरूकता रैली निकाली है. हमने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. ताकि वो अंगदान के लिए आगे आएं.
'हमारे न रहते हुए भी जीवित रहेंगे हमारे अंग'
रानी झुनझुनवाला ने कहा कि अगर हम जरूरतमंदों को अंगदान करते हैं, तो उनका भी जीवन अच्छी तरह गुजर पाएगा. वहीं, अखिल भारतीय मारवाड़ी संघ की सचिव वीणा चौधरी ने कहा कि भारतवर्ष में अंगदान पर जागरूक रैली निकाली गई है. आज नेत्रदान के साथ अंगदान भी करना अति आवश्यक है, ताकि दूसरे का भी जीवन अच्छी तरह गुजर सके. अंगदान से हमारे नहीं रहने पर दूसरे के जीवन में भी खुशहाली आएगी.
अंगदान करने के लिए जरूरी है ये जानकारी
- कोई भी व्यक्ति चाहे, वो किसी भी उम्र, जाति, धर्म और समुदाय का हो. अंगदान कर सकता है.
- अंगदान की कोई निश्चित उम्र नहीं होती.
- अंगदान करने का निर्णय उम्र के आधार पर नहीं किया जाता है, बल्कि यह निर्णय विशुद्ध चिकित्सा मनदंडों के आधार पर होता है.
- प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में कॉर्निया, हृदय वॉल्व, त्वचा, और हड्डी जैसे ऊतकों का दान किया जा सकता है.
- ‘मस्तिष्क की मृत्यु' होने की स्थिति में केवल लीवर (यकृत), गुर्दे, आंत, फेफड़े, और अग्न्याशय का ही दान किया जा सकता है.
- 18 वर्ष से कम आयु के अंगदानकर्ताओं के लिए अंगदान करने से पहले अपने माता-पिता या अभिभावकों की सहमति प्राप्त करना आवश्यक होता है.
- हृदय, अग्न्याशय, लीवर (यकृत), गुर्दे और फेफड़े जैसे अंगों का प्रत्यारोपण उन अंग प्राप्तकर्ताओं में किया जाता हैं, जिनके अंग असफल हो चुके हैं, ताकि यह प्राप्तकर्ता सामान्य जीवनयापन कर सकें.
- सक्रिय कैंसर, एचआईवी, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी या हृदय की बीमारी जैसी गंभीर स्थितियों के होने पर अंगदान करने से बचना चाहिए.