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कोरोना, बाढ़ और अज्ञात बीमारी से ग्रामीण परेशान, एक सप्ताह में 2 दर्जन मवेशियों की मौत

पिपरासी प्रखंड के साठी टोला गांव में अज्ञात बीमारी से एक सप्ताह में दर्जनों बकरी की मौत हो गई है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशु चिकित्सक को दी, लेकिन चिकित्सक गांव जाना मुनासिब नहीं समझते हैं.

Hjj
Yu
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Published : Jul 17, 2020, 3:07 PM IST

पश्चिम चंपारण: पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदहा पंचायत के भैसहिया साठी टोला गांव में अज्ञात बीमारी से दर्जनों बकरियों की मौत हो गई है. वहीं, कई बकरियां गंभीर रूप से बीमार है. इस घटना से ग्रामीण परेशान हैैं.

अज्ञात बीमारी से बढ़ी लोगों की चिंता
कोरोना संक्रमण से आम जनजीवन तो प्रभावित हो ही रहा है. अब जानवरों में भी एक अज्ञात बीमारी ने पैठ बना लिया है, जिस वजह से अब तक दर्जनों बकरियां काल के गाल में समा गईं हैं. ग्रामीणों में उनके पालतू जानवरों के मरने से पशु चिकित्सकों के खिलाफ गुस्सा है और इनकी अपनी लाचारी और बेबसी भी है.

एक घर की 14 बकरियों की मौत
भैसहिया साठी टोला निवासी सुखली देवी, राजेन्द्र बीन, विजय बीन, रंभा देवी और कन्हैया बीन सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि अज्ञात बीमारी से एक सप्ताह के भीतर क़रीब दो दर्जन बकरियों की मौत हो चुकी है. पीड़िता सुखली देवी ने बताया कि अब तक उसके चौदह बकरियों की मौत हो चुकी है और दो की हालत बेहद खराब है. इस मामले की सूचना पशु चिकित्सकों को दी गई, लेकिन चिकित्सक अभी तक गांव नहीं पहुंचे हैं.

कोरोना, बाढ़ और अज्ञात बीमारी से लड़ रहे ग्रामीण
बता दें कि एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है और लोग भयभीत हैं तो वहीं बाढ़ और बरसात ने दियारा के इन निचले इलाकों में लोगों को बेहाल कर दिया है. ऊपर से पशु पालकों पर कुदरत का कहर बनकर बरपा है, जहां बेजुबान अज्ञात बीमारी की वजह से बेमौत दम तोड़ रहे हैं और देखने वाला कोई नहीं है.

पश्चिम चंपारण: पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदहा पंचायत के भैसहिया साठी टोला गांव में अज्ञात बीमारी से दर्जनों बकरियों की मौत हो गई है. वहीं, कई बकरियां गंभीर रूप से बीमार है. इस घटना से ग्रामीण परेशान हैैं.

अज्ञात बीमारी से बढ़ी लोगों की चिंता
कोरोना संक्रमण से आम जनजीवन तो प्रभावित हो ही रहा है. अब जानवरों में भी एक अज्ञात बीमारी ने पैठ बना लिया है, जिस वजह से अब तक दर्जनों बकरियां काल के गाल में समा गईं हैं. ग्रामीणों में उनके पालतू जानवरों के मरने से पशु चिकित्सकों के खिलाफ गुस्सा है और इनकी अपनी लाचारी और बेबसी भी है.

एक घर की 14 बकरियों की मौत
भैसहिया साठी टोला निवासी सुखली देवी, राजेन्द्र बीन, विजय बीन, रंभा देवी और कन्हैया बीन सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि अज्ञात बीमारी से एक सप्ताह के भीतर क़रीब दो दर्जन बकरियों की मौत हो चुकी है. पीड़िता सुखली देवी ने बताया कि अब तक उसके चौदह बकरियों की मौत हो चुकी है और दो की हालत बेहद खराब है. इस मामले की सूचना पशु चिकित्सकों को दी गई, लेकिन चिकित्सक अभी तक गांव नहीं पहुंचे हैं.

कोरोना, बाढ़ और अज्ञात बीमारी से लड़ रहे ग्रामीण
बता दें कि एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है और लोग भयभीत हैं तो वहीं बाढ़ और बरसात ने दियारा के इन निचले इलाकों में लोगों को बेहाल कर दिया है. ऊपर से पशु पालकों पर कुदरत का कहर बनकर बरपा है, जहां बेजुबान अज्ञात बीमारी की वजह से बेमौत दम तोड़ रहे हैं और देखने वाला कोई नहीं है.

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