बगहाः जिले के डढ़िया और रतनपुरवा में आदिवासी महासभा ने अपने 34वें स्थापना के दिवस के मौके पर रविवार को करमा-धरमा उत्सव का आयोजन किया. दोनों ही जगहों पर मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव और श्रवण कुमार मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. डढ़िया में कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार ने किया तो वहीं रतनपुरवा में मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव ने इसका उद्घाटन किया.
1985 में हुई थी स्थापना
इस अवसर पर आदिवासी समाज के लोगों ने पारंपरिक प्रकृति पूजा की. साथ ही वृक्षों और इष्ट देव की भी पूजा की गई. आदिवासी महिलाओं ने करमा-धरमा नृत्य किए. चंपारण आदिवासी महासभा के अध्यक्ष सह जिला पार्षद सुरेंद्र उरांव ने बताया कि 13 अक्टूबर 1985 को चम्पारण में आदिवासी महासभा की स्थापना की गई थी.
प्रकृति की होती है पूजा
आदिवासी महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्र उरांव ने कहा कि इसकी स्थापना के बाद से हर साल इस दिन करमा धरमा उत्सव स्थापना दिवस समारोह के तौर पर मनाया जाता है. इस पूजा का उद्देश्य मनुष्य के कर्म और धर्म के अनुरूप प्रकृति और वृक्ष पूजा कर पर्यावरण संतुलन का संदेश देना है. इस अवसर पर मुख्य रूप से नए अनाज की पैदावार को लेकर प्रकृति की पूजा की जाती है.