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बिहार: इस गांव में आज तक एक भी FIR नहीं हुई दर्ज, चक्की पीस DGP गुप्तेश्वर पांडेय हुए गदगद - No crime in a villege of bihar

जीरो क्राइम की खबर सुन गदगद हुए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय उस गांव में पहुंचे, जहां के लोगों ने आज तक थाने की शक्ल तक नहीं देखी है. डीजीपी पांडेय ने खुद ही इस गांव की पड़ताल की...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Jul 6, 2020, 11:11 PM IST

बेतिया: बिहार से हर दिन क्राइम की तमाम खबरें सामने निकल कर आती है. लेकिन प्रदेश में एक गांव ऐसा है, जहां आजादी के बाद से अब तक कभी कोई क्राइम नहीं हुआ. मानें इस गांव के लोगों ने आज तक थाने की शक्ल न देखी है. यही नहीं, वो आज तक कोर्ट कचहरी भी नहीं गए हैं.

हम बात कर रहे हैं बेतिया के सोहदरा थाना क्षेत्र का कटराव गांव की. करीब 1 हजार 500 आबादी वाले इस गांव के लोगों ने आज तक थाने की शक्ल नहीं देखी. थाने में इस बात की तस्दीक होती है कि इस गांव से आज तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है. खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने गांव की तारीफ की है.

बेतिया से जितेंद्र की रिपोर्ट

आपस में सुलझा लिया जाते हैं विवाद-डीजीपी
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वो ऑफिशियल मीटिंग के चलते बेतिया आए थे. लेकिन उन्होंने सोचा क्यों न बेतिया की कानून व्यवस्था जान लिया जाए और कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों की जागरूकता परखी जाए. इसको लेकर सुबह पांच बजे ही शहर भ्रमण को निकले. जब उन्हें इस गांव के बारे में पता चला वो फौरन इस गांव का रुख करने आ पहुंचे. डीजीपी ने लोगों से बात कर ईटीवी भारत को बताया कि यहां के लोग आपस में ही सारे विवाद सुलझा लेते हैं.

लोगों से जानकारी लेते डीजीपी
लोगों से जानकारी लेते डीजीपी

'इहे कटराव गांव ह'
अपनी गाड़ी से गांव पहुंचे डीजीपी ने भोजपुरी में लोगों से पूछा 'इहे कटराव गांव ह'. लोगों ने हां कहने पर उन्होंने कहा कि क्या आप लोग आपसी झगड़ा झंझट आपस में ही सुलझा लेते हैं. डीजीपी कहते हैं कि मैं इस गांव के लोगों को प्रणाम करता हूं. सलाम करता हूं. अगर लोग इस गांव से सीख ले तो समाज की काफी समस्याएं सुलझ जाएंगी.

पूरे गांव का डीजीपी ने लिया जायजा
पूरे गांव का डीजीपी ने लिया जायजा

डीजीपी ने खाया खाना
सोमवार को बिना बताए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बेतिया शहर का निरीक्षण किया. इस दौरान वो कई जगह गए. अहले सुबह डीजीपी ने ऐसे व्यक्तित्व में नजर आए कि कोई उन्हें पहचान न सका. वहीं, कटराव गांव पहुंचे डीजीपी ने यहां दातुन किया और इसके बाद उन्होंने अपनी दवा खाने से पहले कुछ खाने की गुजारिश की. वहीं, गांव के एक किसान ने बताया कि रोटी बनी हैं. फिर क्या था डीजीपी ने उसके घर पहुंच नमक-मिर्च के साथ रोटी खाई.

नून-मिर्च और रोटी खाते डीजीपी
नून-मिर्च और रोटी खाते डीजीपी

DGP गुप्तेश्वर पांडेय बने 'नायक', भेष बदलकर ली बेतिया की ग्राउंड रिपोर्ट

चलाया चकई (जाता)
किसान के घर से निकलते हुए डीजीपी की नजर चकई (जाता) पर पड़ी. वो तुरंत वहां बैठ गए और उसे चलाने लगे. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि मैं इसे बहुत दिन बाद देख रहा हूं. बचपन में इसे देखा था. डीजीपी ने कहा कि देशभर के गांवों से इन लोगों से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कटराव की धरती को प्रणाम किया. लोगों को मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते देख डीजीपी और भी गदगद हो गए. उन्होंने लोगों से इसे मेंटेन रखने की अपील की.

बेतिया: बिहार से हर दिन क्राइम की तमाम खबरें सामने निकल कर आती है. लेकिन प्रदेश में एक गांव ऐसा है, जहां आजादी के बाद से अब तक कभी कोई क्राइम नहीं हुआ. मानें इस गांव के लोगों ने आज तक थाने की शक्ल न देखी है. यही नहीं, वो आज तक कोर्ट कचहरी भी नहीं गए हैं.

हम बात कर रहे हैं बेतिया के सोहदरा थाना क्षेत्र का कटराव गांव की. करीब 1 हजार 500 आबादी वाले इस गांव के लोगों ने आज तक थाने की शक्ल नहीं देखी. थाने में इस बात की तस्दीक होती है कि इस गांव से आज तक कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है. खुद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने गांव की तारीफ की है.

बेतिया से जितेंद्र की रिपोर्ट

आपस में सुलझा लिया जाते हैं विवाद-डीजीपी
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वो ऑफिशियल मीटिंग के चलते बेतिया आए थे. लेकिन उन्होंने सोचा क्यों न बेतिया की कानून व्यवस्था जान लिया जाए और कोरोना संक्रमण के बारे में लोगों की जागरूकता परखी जाए. इसको लेकर सुबह पांच बजे ही शहर भ्रमण को निकले. जब उन्हें इस गांव के बारे में पता चला वो फौरन इस गांव का रुख करने आ पहुंचे. डीजीपी ने लोगों से बात कर ईटीवी भारत को बताया कि यहां के लोग आपस में ही सारे विवाद सुलझा लेते हैं.

लोगों से जानकारी लेते डीजीपी
लोगों से जानकारी लेते डीजीपी

'इहे कटराव गांव ह'
अपनी गाड़ी से गांव पहुंचे डीजीपी ने भोजपुरी में लोगों से पूछा 'इहे कटराव गांव ह'. लोगों ने हां कहने पर उन्होंने कहा कि क्या आप लोग आपसी झगड़ा झंझट आपस में ही सुलझा लेते हैं. डीजीपी कहते हैं कि मैं इस गांव के लोगों को प्रणाम करता हूं. सलाम करता हूं. अगर लोग इस गांव से सीख ले तो समाज की काफी समस्याएं सुलझ जाएंगी.

पूरे गांव का डीजीपी ने लिया जायजा
पूरे गांव का डीजीपी ने लिया जायजा

डीजीपी ने खाया खाना
सोमवार को बिना बताए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बेतिया शहर का निरीक्षण किया. इस दौरान वो कई जगह गए. अहले सुबह डीजीपी ने ऐसे व्यक्तित्व में नजर आए कि कोई उन्हें पहचान न सका. वहीं, कटराव गांव पहुंचे डीजीपी ने यहां दातुन किया और इसके बाद उन्होंने अपनी दवा खाने से पहले कुछ खाने की गुजारिश की. वहीं, गांव के एक किसान ने बताया कि रोटी बनी हैं. फिर क्या था डीजीपी ने उसके घर पहुंच नमक-मिर्च के साथ रोटी खाई.

नून-मिर्च और रोटी खाते डीजीपी
नून-मिर्च और रोटी खाते डीजीपी

DGP गुप्तेश्वर पांडेय बने 'नायक', भेष बदलकर ली बेतिया की ग्राउंड रिपोर्ट

चलाया चकई (जाता)
किसान के घर से निकलते हुए डीजीपी की नजर चकई (जाता) पर पड़ी. वो तुरंत वहां बैठ गए और उसे चलाने लगे. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि मैं इसे बहुत दिन बाद देख रहा हूं. बचपन में इसे देखा था. डीजीपी ने कहा कि देशभर के गांवों से इन लोगों से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने कटराव की धरती को प्रणाम किया. लोगों को मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते देख डीजीपी और भी गदगद हो गए. उन्होंने लोगों से इसे मेंटेन रखने की अपील की.

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