वैशाली: बिहार के राजनीतिक गलियारे में ठाकुर बनाम ब्राह्मण विवाद गहराता जा रहा है. राज्यसभा में आरजेडी नेता मनोज झा का ठाकुर का कुआं कविता पाठ करने से खुद उनकी ही पार्टी के कई नेता नाराज चल रहे हैं. इनमें सबसे ऊपर पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद का नाम है. सूत्रों के अनुसार लालू यादव से आनंद मोहन की मुलाकात नहीं होने के बाद ही मनोज झा के मामले को जोर-शोर से उठाया गया.
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आनंद मोहन का बीजेपी में स्वागत!: वहीं विजय सिन्हा से जब यह पूछा गया कि क्या आनंद मोहन का बीजेपी में स्वागत करेंगे तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि आरजेडी में कोई भी स्वाभिमानी आदमी सम्मान से नहीं रह सकता. राजद के अंदर बंधुआ मजदूर के तहत वंशवादी गुलामी की मानसिकता से जीना पड़ता है. कोई स्वतंत्र भाव से अपने सम्मान और प्रतिभा को बढ़ने का अवसर नहीं प्राप्त कर सकता है. बता दें कि विजय सिन्हा हाजीपुर आए हुए थे. उसी दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब दिया.
"भारतीय जनता पार्टी में हर समाज के हर तबके का सम्मान होता है. सबका साथ सबका विकास होता है. जो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महामंत्र को ग्रहण करेगा, राष्ट्रवाद के पद पर चलेगा, सबका साथ सबका विकास के भाव को लेकर चलेगा, भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करेगी."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
क्या बीजेपी के होंगे आनंद मोहन?: इससे पहले भी बीजेपी के कई नेताओं ने आनंद मोहन की रिहाई के दौरान उनकी जमकर प्रशंसा की थी. राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी आनंद मोहन की जेल से रिहाई के दौरान उनकी तारीफ की थी. सुशील मोदी ही नहीं बल्कि गिरिराज सिंह से लेकर अश्विनी चौबे तक ने आनंद मोहन के पक्ष में बयान दिया था. हालांकि जब उन्होंने महागठबंधन की पिच से बैटिंग करने के संकेत दिए तब बीजेपी के रुख में फिर से बदलाव आया और एक बार फिर से आनंद मोहन को घेरा जाने लगा.
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