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सोनपुर मेला: चिड़िया बाजार से गायब है चुहचुही, लोगों ने पूछा- क्यों आएं हम?

मेला घूमने आए दर्शकों ने कहा कि यह विश्व प्रसिद्ध मेला अपने पुराने अस्तित्व से दूर होता जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो एक दिन यह मेला हमेशा के लिये बन्द हो जाएगा. सरकार को इस पर कोई सकरात्मक रुख अपनाना चाहिए.

सोनपुर
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Published : Nov 22, 2019, 9:59 PM IST

वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में रोजाना की तरह शुक्रवार को भी भारी भीड़ उमड़ी. हालांकि मेला घूमने आये दर्शकों के हाथ मायूसी लगी. जहां मेले में भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्तु और जानवर के अलावा मनोरंजन के सामान उपलब्ध हैं. वहीं, दूसरी तरफ कुछ पसंदीदा पक्षी, सर्कस और मौत का कुआं नहीं रहने से लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई.

सोनपुर मेला के चिड़िया बाजार में लोग चिड़िया देखने से महरुम रह गए. इससे दर्शकों में काफी उदासी रही, तो दूसरी तरफ महिलाएं और बच्चों ने मेला में लगे झूले का आनंद लेकर मायूसी को दूर करने की कोशिश की.

पेश है रिपोर्ट

मेला से सर्कस भी है गायब
बता दें कि पिछले साल इस मेला में सर्कस भी लगा था. जिसे देखने के लिए काफी लोग आए थे, पर इस बार सर्कस नहीं लगने से लोगों में मायूसी है. साथ ही पिछली बार मेला में मौत का कुआं भी लगा था, लेकिन प्रशासन ने इस बार डेंजर जोन बताते हुए मौत का कुआं लगाने की अनुमति नहीं दी. वहीं, मेला में लगने वाले तलवार के बाजार को भी बंद कर दिया गया है.

सोनपुर
चिड़िया बाजार

सरकार को सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत
मेला घूमने आए दर्शक मेला में जानवरों और पक्षी को नहीं देखकर काफी मायूस हुए. दर्शकों ने कहा कि वह मेला घूमने और जानवर देखने आए थे, लेकिन यहां कुछ भी नहीं है. सर्कस और मौत का कुआं भी नहीं होने से अच्छा नहीं लग रहा है. मेला पहले के जैसा नहीं रह गया है. साथ ही लोगों ने कहा कि यह विश्व प्रसिद्ध मेला अपने पुराने अस्तित्व से दूर होता जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो एक दिन यह मेला हमेशा के लिए बन्द हो जाएगा. सरकार को इस पर कोई सकरात्मक रुख अपनाना चाहिए. जिससे इस मेले का अस्तित्व बच पाए.

वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में रोजाना की तरह शुक्रवार को भी भारी भीड़ उमड़ी. हालांकि मेला घूमने आये दर्शकों के हाथ मायूसी लगी. जहां मेले में भिन्न-भिन्न प्रकार के वस्तु और जानवर के अलावा मनोरंजन के सामान उपलब्ध हैं. वहीं, दूसरी तरफ कुछ पसंदीदा पक्षी, सर्कस और मौत का कुआं नहीं रहने से लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई.

सोनपुर मेला के चिड़िया बाजार में लोग चिड़िया देखने से महरुम रह गए. इससे दर्शकों में काफी उदासी रही, तो दूसरी तरफ महिलाएं और बच्चों ने मेला में लगे झूले का आनंद लेकर मायूसी को दूर करने की कोशिश की.

पेश है रिपोर्ट

मेला से सर्कस भी है गायब
बता दें कि पिछले साल इस मेला में सर्कस भी लगा था. जिसे देखने के लिए काफी लोग आए थे, पर इस बार सर्कस नहीं लगने से लोगों में मायूसी है. साथ ही पिछली बार मेला में मौत का कुआं भी लगा था, लेकिन प्रशासन ने इस बार डेंजर जोन बताते हुए मौत का कुआं लगाने की अनुमति नहीं दी. वहीं, मेला में लगने वाले तलवार के बाजार को भी बंद कर दिया गया है.

सोनपुर
चिड़िया बाजार

सरकार को सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत
मेला घूमने आए दर्शक मेला में जानवरों और पक्षी को नहीं देखकर काफी मायूस हुए. दर्शकों ने कहा कि वह मेला घूमने और जानवर देखने आए थे, लेकिन यहां कुछ भी नहीं है. सर्कस और मौत का कुआं भी नहीं होने से अच्छा नहीं लग रहा है. मेला पहले के जैसा नहीं रह गया है. साथ ही लोगों ने कहा कि यह विश्व प्रसिद्ध मेला अपने पुराने अस्तित्व से दूर होता जा रहा है. अगर यही हाल रहा तो एक दिन यह मेला हमेशा के लिए बन्द हो जाएगा. सरकार को इस पर कोई सकरात्मक रुख अपनाना चाहिए. जिससे इस मेले का अस्तित्व बच पाए.

Intro:: सोंनपुर का विश्व प्रसिद्ध मेला का 13 वां दिन चिड़िया बाजार में भारी भीड़ उमड़ी ।इस दौरान लोगों ने यहा कोई चिड़िया , कुत्ता, खरगोश, बिलायती चूहा और पिंजरे में मंद पंछियों की कई प्रजाति को नहीं देखने से मायूस हो गए ।और सरकार से सवालिया लहजे से पूछा कि यहा चिड़िया कहा हैं। मालूम हो कि सरकार यहा चिड़िया बाजार पर प्रतिबंध लगाया हुआ हैं।


Body:शुक्रवार को सोंनपुर के प्रसिद्ध मेला में भीड़ देखी गयी। चिड़िया बाजार में लोग चिड़ियों की वैराटी देखने आए थे पर उन्हें जब पता चला कि सरकार इसे पूर्व में ही बन्द किये हुए हैं । तो उन्हें बहुत मायूसी होते देखा गया । मालूम हो कि यहा पिछले वर्ष सर्कस भी आया हुआ था । इसके साथ मौत का कुआं , तलवार बाजार भी था । इस बार उपरोक्त में से कोई नहीं हैं। बतादें सर्कस को पिछले बार काफी घाटा हुआ था ।इसके चलते इस बार नहीं आया । मौत की कुआं को इस बार प्रशासन द्वारा डेंजर जॉन होने के चलते अनुमति नहीं दी । यहा उस बार तलवार का बाजार को भी बन्द किया गया हैं। आधे दर्जन बड़ा झूला, छोटा झूला सहित ड्रैगन बच्चों से लेकर अभिवाहको के मनोरंजन के लिये जरूर आया हुआ हैं ।पर थोड़ा बहुत बच्चें ही इसका आनंद ले रहे हैं ।अधिकतर झूला वालो का भी इस बार बुरा हाल हैं। यहा आये पुरुष और महिला दर्शक की मानें तो सोंनपुर का यह प्रसिद्ध मेला अपने पुराने अस्तित्व से दूर होता जा रहा हैं। विनोद ने बताया कि अगर यही हाल रहा तो एक दिन यह मेला हमेशा के लिये बन्द हो जाएगा । उंसने आगें बताया कि सरकार को उस बाबत सकरात्मक रुख अख्तियार करना पड़ेगा ।तब ही यह मेला बचेगा । रिंकी की मानें तो मेला पुराने जैसा नहीं रहा । स्टोरी: की शुरुवात चिड़िया बाजार का बोर्ड से शुरू हैं। इसके बाद झूला का विज़ुअल्स ओपन PTC, संवाददाता, राजीव, वैशाली । बाईट्स: श्याम,दर्शक बाइट: सोहन बाइट :टिंकी बाइट: रमेश बाइट: पिंटू बच्चा बाइट: साधना महिला FINAL PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।


Conclusion:बहरहाल,
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