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Vaishali Mahotsav 2023: वैशाली महोत्सव की शुरुआत, ननिहाल से घर तक निकाली गई भगवान महावीर की शोभायात्रा - Vaishali Mahotsav

बिहार के वैशाली में वैशाली महोत्सव की शुरुआत भगवान महावीर की शोभायात्रा निकाल कर की गई. भगवान महावीर के ननिहाल से लेकर उनके घर तक शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान गाजे बाजे के साथ श्रद्धालु झूमते नजर आए. बिहार के साथ-साथ कई राज्यों से अनुयायी शामिल हुए. देखें वीडियो...

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Published : Apr 4, 2023, 6:09 PM IST

वैशाली महोत्सव की शुरुआत

वैशालीः बिहार में वैशाली महोत्सव (Vaishali Mahotsav) की शुरुआत धूमधाम से की गई. भगवान महावीर की शोभायात्रा निकाली गई. ननिहाल से घर तक शोभायात्रा में श्रद्धालु झूमते नजर आए. देश के कई राज्यों से आए जैन स्वावलंबी ने धूमधाम से शोभायात्रा निकाली. 'अहिंसा परमो धर्मा' का पाठ पढ़ाने वाले भगवान महावीर के जन्मोत्सव का नजारा वैशाली में अद्भुत रूप में दिखा. भगवान महावीर की जयंती पर होने वाले वैशाली महोत्सव की शुरुआत शोभायात्रा से की गई.

यह भी पढ़ेंः Bhagalpur News: पढ़ाई का ऐसा जुनून.. घोड़े पर सवार होकर रोज स्कूल जाता है भागलपुर का छात्र पौरव

वैशाली महोत्सव का आयोजनः जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर तीन दिवसीय वैशाली महोत्सव का आयोजन किया जाता है. वैशाली बावन पोखर से कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा निकालकर की जाती है. इसी के तहत भगवान महावीर के ननिहाल बावन पोखर के पास स्थित जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भव्य यात्रा निकाली गई. जो जन्मस्थली वासो कुंड तक गई. इस दौरान जैन स्वाबलंबी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहे. गाजे-बाजे और नाथ गानों के बीच भगवान महावीर की अद्भुत शोभा यात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए थे.

देश के कई राज्यो से पहुंचे श्रद्धालुः जैन धर्म के अनुयाई पटना, मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों व देश के कई राज्यो से वैशाली पहुंचे थे. पारंपरिक परिधानों में लोक नृत्य के साथ धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भगवान महावीर का रथ घोड़े के साथ शामिल हुआ. वैशाली जिला प्रशासन की ओर से भी शोभायात्रा को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए गए थे. विश्व को गणतंत्र के पाठ पढ़ाने वाली वैशाली मैं चलने वाले तीन दिवसीय वैशाली महोत्सव का आगाज रंगारंग शोभायात्रा के साथ शुरू किया गया.

कलाकारों ने भी शिरकत कीः 31 मार्च 1945 को हाजीपुर के तत्कालीन एसडीओ स्वर्गीय जगदीश चंद्र माथुर के प्रयास से पहली बार वैशाली महोत्सव का आयोजन हुआ था इसमें स्थानीय लोगों का सहयोग और प्रशासन की अहम भूमिका होती थी तब से वैशाली महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसमें देश के नामी-गिरामी कलाकारों ने भी शिरकत किया है. शोभायात्रा में शामिल मुजफ्फरपुर से आई स्वाति जैन ने बताया कि आज हम सभी मुजफ्फरपुर और पटना समाज के लोग महावीर जयंती पर महावीर भगवान के जन्म कल्याणक मनाया है. उनका जो अमर संदेश था 'जियो और जीने दो', हम लोग भी अहिंसा को परम धर्म मानते हैं.

"आज हम सभी मुजफ्फरपुर और पटना समाज के लोग महावीर जयंती पर महावीर भगवान के जन्म कल्याणक मनाया है. उनका जो अमर संदेश था 'जियो और जीने दो', उन्हें अहिंसा पर जो भरोसा था, हम लोग जो उनके धर्मावलंबी हैं, जो उनको मानने वाले हैं, हम लोग भी अहिंसा को परम धर्म मानते हैं" - स्वाति जैन, मुजफ्फरपुर.

"आज भगवान महावीर का जन्मोत्सव है. इसलिए हम सभी जैन समाज के लोग बौना पोखर से शोभायात्रा भगवान महावीर के जन्मस्थल वासु कुंड तक लेकर आए हैं. पूरी दुनिया को भगवान महावीर ने संदेश दिया था 'जियो और जीने दो', 'अहिंसा परमो धर्मा" - राजेश कुमार जैन

वैशाली महोत्सव की शुरुआत

वैशालीः बिहार में वैशाली महोत्सव (Vaishali Mahotsav) की शुरुआत धूमधाम से की गई. भगवान महावीर की शोभायात्रा निकाली गई. ननिहाल से घर तक शोभायात्रा में श्रद्धालु झूमते नजर आए. देश के कई राज्यों से आए जैन स्वावलंबी ने धूमधाम से शोभायात्रा निकाली. 'अहिंसा परमो धर्मा' का पाठ पढ़ाने वाले भगवान महावीर के जन्मोत्सव का नजारा वैशाली में अद्भुत रूप में दिखा. भगवान महावीर की जयंती पर होने वाले वैशाली महोत्सव की शुरुआत शोभायात्रा से की गई.

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वैशाली महोत्सव का आयोजनः जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती पर तीन दिवसीय वैशाली महोत्सव का आयोजन किया जाता है. वैशाली बावन पोखर से कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा निकालकर की जाती है. इसी के तहत भगवान महावीर के ननिहाल बावन पोखर के पास स्थित जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ भव्य यात्रा निकाली गई. जो जन्मस्थली वासो कुंड तक गई. इस दौरान जैन स्वाबलंबी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहे. गाजे-बाजे और नाथ गानों के बीच भगवान महावीर की अद्भुत शोभा यात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए थे.

देश के कई राज्यो से पहुंचे श्रद्धालुः जैन धर्म के अनुयाई पटना, मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों व देश के कई राज्यो से वैशाली पहुंचे थे. पारंपरिक परिधानों में लोक नृत्य के साथ धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भगवान महावीर का रथ घोड़े के साथ शामिल हुआ. वैशाली जिला प्रशासन की ओर से भी शोभायात्रा को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए गए थे. विश्व को गणतंत्र के पाठ पढ़ाने वाली वैशाली मैं चलने वाले तीन दिवसीय वैशाली महोत्सव का आगाज रंगारंग शोभायात्रा के साथ शुरू किया गया.

कलाकारों ने भी शिरकत कीः 31 मार्च 1945 को हाजीपुर के तत्कालीन एसडीओ स्वर्गीय जगदीश चंद्र माथुर के प्रयास से पहली बार वैशाली महोत्सव का आयोजन हुआ था इसमें स्थानीय लोगों का सहयोग और प्रशासन की अहम भूमिका होती थी तब से वैशाली महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसमें देश के नामी-गिरामी कलाकारों ने भी शिरकत किया है. शोभायात्रा में शामिल मुजफ्फरपुर से आई स्वाति जैन ने बताया कि आज हम सभी मुजफ्फरपुर और पटना समाज के लोग महावीर जयंती पर महावीर भगवान के जन्म कल्याणक मनाया है. उनका जो अमर संदेश था 'जियो और जीने दो', हम लोग भी अहिंसा को परम धर्म मानते हैं.

"आज हम सभी मुजफ्फरपुर और पटना समाज के लोग महावीर जयंती पर महावीर भगवान के जन्म कल्याणक मनाया है. उनका जो अमर संदेश था 'जियो और जीने दो', उन्हें अहिंसा पर जो भरोसा था, हम लोग जो उनके धर्मावलंबी हैं, जो उनको मानने वाले हैं, हम लोग भी अहिंसा को परम धर्म मानते हैं" - स्वाति जैन, मुजफ्फरपुर.

"आज भगवान महावीर का जन्मोत्सव है. इसलिए हम सभी जैन समाज के लोग बौना पोखर से शोभायात्रा भगवान महावीर के जन्मस्थल वासु कुंड तक लेकर आए हैं. पूरी दुनिया को भगवान महावीर ने संदेश दिया था 'जियो और जीने दो', 'अहिंसा परमो धर्मा" - राजेश कुमार जैन

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