वैशालीः पहली बार सोनपुर के विश्व प्रसिद्ध बाबा हरिहरनाथ मंदिर में सावन महोत्सव का आयोजन होगा. मंदिर न्यास के अध्यक्ष और बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे. 17 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है. महोत्सव को लेकर मंदिर की साफ-सफाई और रंगाई पूरी हो चुकी है.
पूरी हो चुकी है तैयारी
सावन महोत्सव में श्रावणी मेला का शुभारंभ 17 जुलाई से हो रहा है. इसे लेकर सारण के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के विख्यात बाबा हरिहरनाथ मंदिर की भी तैयारी पूरी हो चुकी है. मंदिर न्यास समिति के एक सदस्य ने बताया कि इस बार सावन के पहले दिन सावन महोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम को हरी झंडी मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष एवं बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय करेंगे. इसके लिए बाबा हरिहरनाथ मंदिर दुल्हन की तरह सजाया और संवारा जाएगा. इस अवसर पर दिन भर भजन-कीर्तन का दौर चलता रहेगा. इस दौरान 40 से 50 हजार की संख्या में भग्त-श्रद्धालुओं की भीड़ होगी.
डीएम खुद करेंगे मॉनिटरिंग
श्रावणी मेला को लेकर सारण के डीएम, एसपी और एसडीएम बाबा हरिहरनाथ मंदिर का निरीक्षण कर चुके हैं. यहां सावन महोत्सव और पूरे सावन तक डीएम खुद मॉनिटरिंग करते नजर आते हैं. देर रात तक पुलिस बल पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग करती है. सावन एक महीने तक होने के चलते सारण जिला प्रशासन और नगर परिषद, सामाजिक संगठन और स्थानीय लोगों के जरिए लाइटिंग से लेकर पानी पिलाने और सुरक्षा का खास इंतजाम किया जाता है.
सावन भर लगा रहता है श्रद्धालुओं का तांता
मंदिर के सचिव विजय कुमार की मानें तो यहां सावन भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. उन्होंने बताया कि यह हरिहरनाथ मंदिर काफी पुराना मंदिर है. यहां देश विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यहां सावन के दूसरे और तीसरे शुक्रवार, शनिवार को 4 से 5 लाख डाक बोल बम श्रद्धालु आते हैं. जो सात से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहलेजा गंगा घाट से स्नान पूजा कर जल लेकर बिना कहीं रुके दौड़ते हुए आते हैं. सबसे पहले बाबा हरिहरनाथ मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ाकर यहां से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. यह सदियों से परंपरा चली आ रही है. इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
देवलोक से खुद भगवान विष्णु पहुंचे थे यहां
बाबा हरिहरनाथ मंदिर में भगवान शिव और विष्णु दोनों का एक साथ शिवलिंग है. जो पूरी दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा. पुजारियों की मानें तो यह हरिहरनाथ मंदिर देवों का धाम रह चुका है. कहते हैं कि यहां देवलोक से खुद भगवान विष्णु क्षेत्र के नारायणी गंगा नदी में स्नान करने और तद्पश्चात भगवान शिव से मिलने बाबा हरिहरनाथ मंदिर आये थे. आदिकाल में यहां पास के हाजीपुर स्थित कौनहारा घाट पर भगवान विष्णु गज को ग्रह से बचाने के लिये आ चुके हैं. यह सच्चाई दुनिया भर में प्रचलित है.
लगे हैं 30 से ज्यादा अत्याधुनिक सीसीटीवी
बाबा हरिहरनाथ मंदिर में सावन को लेकर 30 से ज्यादा अत्याधुनिक सीसीटीवी लगा हुआ है. जिसके माध्यम से न्यास मंदिर समिति के सदस्यों और सारण एंव वैशाली पुलिस के संयुक्त तत्वधान में लाखों भग्त श्रद्धालुओं पर नियंत्रण किया जाता है. मंदिर में वैसे तो आधा दर्जन मुख्य दरवाजा है पर दो ही का इस्तेमाल आने और दो जाने के लिये होता है. पिछले वर्ष सावन के तीसरे शक्रवार को 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु के आगमन को लेकर यहा स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी. जिसमें दर्जनों भग्त-श्रद्धालु अफरा-तफरी मचने के चलते गिर कर घायल हुए थे. भगदड़ मचने के बाद यहां के मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष गुप्तेश्वर पांडेय की सूझ बुझ से एक बड़ा खतरा होते होते टल गया.
मेले में इस बार है खास इंतजाम
इस बार बाबा हरिहरनाथ मंदिर के बाहर खुले स्थल पर बाउंड्री बनवाई गई है. महिला श्रद्धालुओं को सोनपुर के निचली रोड से बांस के ब्रेकेडिंग से आना होगा. उन्हें मंदिर के फ्रंट दरवाजा से बाबा के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद सामने बने मुख्य दरवाजे से बाहर निकलना होगा. वहीं, पुरुष श्रद्धालु निचली सड़क के दूसरे बने बांस के ब्रेकेडिंग से आकर मंदिर के दूसरे मुख्य दरवाजे से पंक्तिबध होकर मंदिर में जल चढ़ाएंगे. फिर उन्हें मंदिर के सामने बने मुख्य दरवाजे से बाहर जाना होगा. जहां से महिला और पुरुष दोंनो श्रद्धालु सोनपुर और हाजीपुर पर बने पुराने पुल के माध्यम से होकर मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिये जा सकेंगे.