वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म (Rape with minor girl in Vaishali ) मामले में पूर्व मुखिया को 7 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मामला राघोपुर दियारा का है. 5 साल पूर्व एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. विशेष न्यायाधीश पास्को सह एडीजी 6 जीवन लाल की अदालत ने पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह को दोषी करार दिया था.
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'सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 376 भारतीय दंड विधान के तहत 7 वर्ष व 15 हजार रुपए और 366 ए 5 वर्ष व 25 हजार रुपए में सजा सुनाई है. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाएगी. साथ ही अदालत ने 3 लाख रुपए मुआवजा राशि भी पीड़िता को देने का आदेश दिया है'- मनोज शर्मा, स्पेशल पीपी, हाजीपुर
जुड़ावनपुर का मामलाः सजा पाने वाले आरोपी जुड़ा बानपुर थाना क्षेत्र के राघोपुर पश्चिमी पंचायत का पूर्व मुखिया मुन्ना सिंह है. स्पेशल पीपी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जुड़ावनपुर थाने में दर्ज कांड संख्या 35/17 के तहत आरोपी के खिलाफ 12 प्रदर्श व 10 गवाही प्रस्तुत की गयी थी. बचाव पक्ष की ओर से 5 गवाही व 10 प्रदर्श कोर्ट में प्रस्तुत किये गये थे. गवाहों के बयान तथा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी द्वारा नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने की घटना सत्य साबित हुई.
क्या हुआ थाः स्पेशल पीपी ने बताया कि 1 जुलाई 2017 को रात्रि 3:00 बजे सूचक की नींद खुली. उसने देखा कि घर के पीछे का दरवाजा खुला हुआ था. तब सूचक अपने घर के सभी कमरों को देखा. उनकी छोटी बच्ची गायब थी. परिजनों के द्वारा काफी खोजबीन की गयी लेकिन वह नहीं मिली. लड़की के पिता ने 2 जुलाई 2017 को जुड़ावनपुर थाना में लिखित शिकायत की. जिसके बाद लड़की की बरामदगी हुई. जांच में पता चला था कि मुन्ना सिंह ने फोन कर 17 वर्षीय लड़की को अपने कार्यालय बुलाया था. वहां रेप करने के बाद दूसरी जगह पर छुपाकर रखा था. कोर्ट में दिये बयान में पीड़िता ने बताया था कि एक साल पूर्व भी मुन्ना सिंह ने दुष्कर्म किया था.