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देख लीजिए हाजीपुर सदर अस्पताल का हाल: बिजली गुल होने पर मोबइल की लाइट में मरीजों को लगा टांका

वैशाली में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही (health department negligence in Vaishali) सामने आयी है. यहां सदर अस्पताल में घंटों तक बिजली कटी रही. अंधेरे में ही स्वास्थ्य कर्मियों काे मरीजों का इलाज करना पड़ा. तक कि मोबाइल की लाइट में मरीज को टांका भी लगाना पड़ा. पढ़ें पूरी खबर.

हाजीपुर सदर अस्पताल में बिजाली गुल
हाजीपुर सदर अस्पताल में बिजाली गुल
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Published : May 27, 2022, 5:13 PM IST

वैशाली: कोरोना काल के दौरान बिहार के सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था (Poor system of government hospitals of Bihar) को लेकर सरकार की काफी छीछालेदर हुई थी. तब आरोप लगाये गये थे कि समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं रहने से कई मरीजों की जान चली गयी थी. उसके बाद सरकार ने दावा किया था कि सभी अस्पतालों आधुनिक उपकरण लगाये गये हैं. इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है लेकिन वैशाली की एक घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी. हाजीपुर सदर अस्पताल में बिजली गुल (Power Cut in Hajipur Sadar Hospital) रही. मरीजों का इलाज मोबाइल की लाइट में हो रहा था. यहां तक कि मरीज को टांका भी मोबाइल की लाइट जलाकर ही लगा.

ये भी पढ़ें: पटना HC ने स्वास्थ्य विभाग पर ठोका जुर्माना, विभागीय कार्रवाई में आरोप पत्र नहीं सौंपने पर जताई नाराजगी

मोबाइल की रोशनी में इलाज: वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर का सदर अस्पताल का यह वीडियो सरकार के तमाम दावों को खोखला साबित कर रहा है. वीडियो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि सदर अस्पताल के ओटी में मोबाइल और टॉर्च की लाइट में मरीजों को टांके लगाए जा रहे हैं. बिजली कटने के कारण मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज चल रहा है. जिन मरीजों की ड्रेसिंग और टांके वगैरह की जरूरत है, उनका इलाज भी मोबाइल की रोशनी में ही किया जा रहा है जबकि यह बेहद संवेदनशील काम है. इसमें थोड़ी सी लापरवाही मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.

पूरी रात गुल रही बिजली: बताया गया कि देर शाम हाजीपुर सदर अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई. इसके बाद अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई. काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब बिजली नहीं आई तो अस्पताल कर्मियों द्वारा बिजली मिस्त्री को बुलाया गया. मिस्त्री ने देखने के बाद बताया कि इसे तत्काल ठीक कर पाना संभव नहीं है. बताया गया कि लगभग पूरी रात बिजली गुल रही. इस दौरान किसी तरह अस्पताल के कर्मी मोबाइल की लाइट में काम करते रहे. अस्पताल के एक कर्मी ने बताया कि जो बेहद जरूरतमंद और गरीब मरीज हैं, उन्होंने हिम्मत करके मोबाइल की रोशनी में टांके लगवाए और अपना इलाज करवाया. कई मरीज बिजली नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में चले गए.

जिम्मेदार कर्मियों को शो-कॉज: इस विषय में ओटी में काम कर रहे ओटी स्टॉफ परशुराम ने बताया कि लगभग 2 घंटों से लाइन कटी हुई है. बिजली मिस्त्री ठीक करने आए थे लेकिन जांच करने के बाद वह भी चले गए. बिजली दुरुस्त नहीं हुई. ऐसे में मजबूरी थी. मोबाइल की लाइट में काम करना पड़ रहा है. जब तक बिजली दुरुस्त होगी, तब तक इसी तरह काम करना पड़ेगा. वहीं, इस मामले पर जब सदर अस्पताल के डीएस डॉ. एसके वर्मा से पूछा गया उन्होंने कहा कि कई घंटे से बिजली कटी हुई थी. इससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस विषय में संबंधित लोगों को शो-कॉज किया जाएगा. सदर अस्पताल प्रशासन लोगों को असुविधा नहीं होने देगा. मामले की पूरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'लगभग डेढ़ से दो घंटों से बिजली लगातार कटी हुई है. मोबाइल की रोशनी में किसी तरह काम कर रहे हैं. बिजली कटने के बाद मिस्त्री को बुलाया गया था लेकिन वह भी चेक करके चला गया. बोला कि लाइन नहीं बनेगा. इसीलिए टॉर्च जलाकर काम कर रहे हैं.' -परशुराम, ओटी स्टाफ, हाजीपुर सदर अस्पताल.

'बिजली कई घंटों से कटी हुई थी. जाहिर है बिजली नहीं रहने से अस्पताल के कर्मियों और इलाज कराने आए मरीजों को परेशानी हुई है. इस संबंध में शो-कॉज किया जा रहा है. सदर अस्पताल में मरीजों को असुविधा नहीं होने दी जाएगी. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.' -एसके वर्मा, डीएस, सदर अस्पताल हाजीपुर.

ये भी पढ़ें: बिहार में चिकित्सकों-स्वास्थ्यकर्मियों और अस्पतालों की कमी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट ने खोली पोल

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वैशाली: कोरोना काल के दौरान बिहार के सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था (Poor system of government hospitals of Bihar) को लेकर सरकार की काफी छीछालेदर हुई थी. तब आरोप लगाये गये थे कि समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं रहने से कई मरीजों की जान चली गयी थी. उसके बाद सरकार ने दावा किया था कि सभी अस्पतालों आधुनिक उपकरण लगाये गये हैं. इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी है लेकिन वैशाली की एक घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी. हाजीपुर सदर अस्पताल में बिजली गुल (Power Cut in Hajipur Sadar Hospital) रही. मरीजों का इलाज मोबाइल की लाइट में हो रहा था. यहां तक कि मरीज को टांका भी मोबाइल की लाइट जलाकर ही लगा.

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मोबाइल की रोशनी में इलाज: वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर का सदर अस्पताल का यह वीडियो सरकार के तमाम दावों को खोखला साबित कर रहा है. वीडियो में साफ दिखाई पड़ रहा है कि सदर अस्पताल के ओटी में मोबाइल और टॉर्च की लाइट में मरीजों को टांके लगाए जा रहे हैं. बिजली कटने के कारण मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज चल रहा है. जिन मरीजों की ड्रेसिंग और टांके वगैरह की जरूरत है, उनका इलाज भी मोबाइल की रोशनी में ही किया जा रहा है जबकि यह बेहद संवेदनशील काम है. इसमें थोड़ी सी लापरवाही मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है.

पूरी रात गुल रही बिजली: बताया गया कि देर शाम हाजीपुर सदर अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई. इसके बाद अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई. काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब बिजली नहीं आई तो अस्पताल कर्मियों द्वारा बिजली मिस्त्री को बुलाया गया. मिस्त्री ने देखने के बाद बताया कि इसे तत्काल ठीक कर पाना संभव नहीं है. बताया गया कि लगभग पूरी रात बिजली गुल रही. इस दौरान किसी तरह अस्पताल के कर्मी मोबाइल की लाइट में काम करते रहे. अस्पताल के एक कर्मी ने बताया कि जो बेहद जरूरतमंद और गरीब मरीज हैं, उन्होंने हिम्मत करके मोबाइल की रोशनी में टांके लगवाए और अपना इलाज करवाया. कई मरीज बिजली नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों में चले गए.

जिम्मेदार कर्मियों को शो-कॉज: इस विषय में ओटी में काम कर रहे ओटी स्टॉफ परशुराम ने बताया कि लगभग 2 घंटों से लाइन कटी हुई है. बिजली मिस्त्री ठीक करने आए थे लेकिन जांच करने के बाद वह भी चले गए. बिजली दुरुस्त नहीं हुई. ऐसे में मजबूरी थी. मोबाइल की लाइट में काम करना पड़ रहा है. जब तक बिजली दुरुस्त होगी, तब तक इसी तरह काम करना पड़ेगा. वहीं, इस मामले पर जब सदर अस्पताल के डीएस डॉ. एसके वर्मा से पूछा गया उन्होंने कहा कि कई घंटे से बिजली कटी हुई थी. इससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस विषय में संबंधित लोगों को शो-कॉज किया जाएगा. सदर अस्पताल प्रशासन लोगों को असुविधा नहीं होने देगा. मामले की पूरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'लगभग डेढ़ से दो घंटों से बिजली लगातार कटी हुई है. मोबाइल की रोशनी में किसी तरह काम कर रहे हैं. बिजली कटने के बाद मिस्त्री को बुलाया गया था लेकिन वह भी चेक करके चला गया. बोला कि लाइन नहीं बनेगा. इसीलिए टॉर्च जलाकर काम कर रहे हैं.' -परशुराम, ओटी स्टाफ, हाजीपुर सदर अस्पताल.

'बिजली कई घंटों से कटी हुई थी. जाहिर है बिजली नहीं रहने से अस्पताल के कर्मियों और इलाज कराने आए मरीजों को परेशानी हुई है. इस संबंध में शो-कॉज किया जा रहा है. सदर अस्पताल में मरीजों को असुविधा नहीं होने दी जाएगी. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.' -एसके वर्मा, डीएस, सदर अस्पताल हाजीपुर.

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