वैशाली: हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में सोमवार को तीन अलग-अलग अदालतों ने तीन मामलों की सुनवाई की. सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए 9 दोषी करार (Nine criminals sentenced to life imprisonment) दिए गए लोगों को उम्र कैद की सजा और 3 को अलग-अलग सजा सुनाई गयी है. 1 दिन में 12 दोषियों को सजा सुनाए जाने से अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है. हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के द्वारा दी गई सजा की पूरे जिले में चर्चा हो रही है.
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स्पीडी ट्रायल के जरिए अभियुक्तों को सजा: बताया गया कि एडीजे वन उदयवंत कुमार, एडीजे 11 आशुतोष कुमार व एडीजे टू घनश्याम कुमार की अदालत ने ताबड़तोड़ सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है. जिसमें गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के दो मामले और महुआ थाना क्षेत्र का एक मामला शामिल है. इस विषय में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर वीरेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि स्पीडी ट्रायल के जरिए अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है. जिसमें महुआ में हुए दो बच्चों की जघन्य हत्या का सनसनीखेज मामला शामिल है. उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल 2019 को दो मासूम बच्चों की हत्या पड़ोसी यशवंत कुमार के द्वारा धारदार हथियार से की गई थी.
2019 में दो बच्चों की हत्या के मामले में सजा का ऐलान: तब अभियुक्त ने बच्चों को कैरम बोर्ड खेलने के बहाने अपने कमरे में बुलाया था. बच्चे जब कैरम बोर्ड खेल रहे थे तभी चाकू से दोनों बच्चों का गला रेत दिया था. बाद में पटना में इलाज के दौरान दोनों बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चों के दादा प्रमोद कुमार के बयान पर महुआ थाना में मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद बेलकुंडा से आरोपी की गिरफ्तारी की गई थी. आरोपी ने पुलिस को बताया था कि 1 लाख रुपए उसने प्रमोद कुमार से मांगे थे, जिसके नहीं मिलने पर उनके दोनों बेटों के इकलौते बच्चों की उसने हत्या कर दी.
9 लोगों को उम्रकैद: इस मामले में पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ किया तो आरोपी ने बताया था कि हत्या के बाद चाकू चारदीवारी के नजदीक जमीन में छुपा दिया गया है. पुलिस द्वारा चाकू बरामद किया गया था. इसके अलावा कुल 40 वस्तुओं को एफएसएल में जांच के लिए भेजा गया था, जहां इन सभी पर इंसानी खून लगने की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद स्पीडी ट्रायल चलाकर आरोपी को साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार दिया गया था. वहीं सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आरोपी यशवंत कुमार को उम्र कैद की सजा के साथ अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई है. कोर्ट द्वारा 9 दोषी करार दिए गए लोगों को उम्र कैद की सजा और 3 को अलग-अलग सजा सुनाई गयी है.
3 वर्ष से 5 वर्ष की सजा: लोक अभियोजक वीरेंद्र नारायण सिंह ने आगे बताया कि एक अन्य गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के मामले में छह अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है. जिसमें तीन अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा और तीन अन्य अभियुक्तों को 3 वर्ष से 5 वर्ष की सजा सुनाई गई है. साथ ही अर्थदंड की सजा दी गई है. वहीं एक अन्य मामले में केस की पैरवी कर रहे एबीपी शब्द कुमार ने बताया कि गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के एक मामले में दरवाजे पर चढ़कर हमला करने और गोली मारकर हत्या करने के मामले में तीन अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. अर्थ दंड की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी रखा गया है.
लोक अभियोजक को दी गयी विशेष सुरक्षा: व्यवहार न्यायालय हाजीपुर में 3 अलग अलग जजों के द्वारा ताबड़तोड़ सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए फैसला देने से अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं को देखते हुए लंबित मामलों का स्पीडी ट्रायल चलाकर निपटारा किया जा रहा है. जिसके तहत अपराधियों को सजा सुनाई जा रही है. एक ही दिन में एक दर्जन अपराधियों की सजा होने के बाद पब्लिक प्रॉसिक्यूटर को विशेष सुरक्षा में न्यायालय से घर भेजा गया है.
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