पटना: बिहार के वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी धांधली (Corruption in Vaishali district in Pradhan Mantri Awas Yojana) का खुलासा हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 24 घंटे के अंदर दर्जनों मकान बना दिए गए. यही नहीं, इन मकानों को बिजली कनेक्शन तक दे दिया गया. इस मामले के सामने आने के बाद सरकार हरकत में आयी है. बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar) ने कहा है कि 24 घंटे में जांच कर कार्रवाई करेंगे.
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मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. 24 घंटे में इसकी जांच कराएंगे और इसमें जो भी अधिकारी, कर्मचारी या लाभुक दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. मंत्री ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं थी. आप लोगों से जानकारी मिली. ऐसे तो पहले भी कई मामले आते रहे हैं और जांच करवाते रहे हैं. कार्रवाई भी हुई है लेकिन यह बड़ा मामला है. इस मामले में जो भी संलिप्त होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि वैशाली जिले के महुआ अनुमंडल के चेहराकलां प्रखंड (Chehra Kalan Block of Mahua Subdivision) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पास करने वाले कर्मियों ने एक ही दिन में दर्जनों मकान बना डाले हैं. इतना ही नहीं, इसकी जानकारी सरकारी पोर्टल पर भी अपडेट कर दिया गया है. 1 दिन में बने मकान की नीव से लेकर छत और रंग-रोगन से लेकर बिजली का कनेक्शन तक का काम कर दिया गया है. बात खुली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया है.अब मंत्री ने भी एक्शन लेने की बात कही है.
योजना राशि की लूट-खसोट: इस विषय में देवेंद्र राय ने बताया कि- 'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक व इंदिरा आवास पर्यवेक्षक द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभुकों से मिलकर कराई गई है. 1 दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाया गया है. राशि लाभुक के खाते में दी गई है और फिर उसका बंदरबांट किया गया है. यह जानकारी भारत सरकार के आवास सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चेहराकलां प्रखंड के बीडीओ कुमुद रंजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं. इसलिए वरीय अधिकारी भी उनसे डरते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.'
'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गरीबों का मकान बनना है. यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक, इंदिरा आवास पर्यवेक्षक के द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभान्वितों से मिलकर करायी गयी है. एक दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाकर राशि की विमुक्ति की गयी, इसका बंदरबांट किया गया.' -देवेंद्र राय, आरटीआई एक्टिविस्ट
बता दें कि पीएम आवास निर्माण के मामले में वैशाली राज्यस्तरीय सूची में आठवें पायदान पर है. फरवरी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैशाली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण कार्य पूरा करने में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 95.41 फीसदी उपलब्धि हासिल की गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के शुरू होने से अब तक जिले में कुल 97 हजार 538 आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.
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