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वैशाली का गांधी मैदान बना पियक्कड़ों का अड्डा, दारू की बोतलें बीन रहे कबाड़ी

छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद वैशाली जिला प्रशासन भी चौकन्ना है. इस बीच जिले से एक वीडियो सामने (vaishali viral video) आया है, जिसमें एक कबाड़ी गांधी मैदान में शराब की खाली बोतलों के अंबार के साथ नजर आ रहा है. पढ़ें क्या है पूरा मामला...

वैशाली में खाली बोतलें चुनने में लग गए कबाड़ी
वैशाली में खाली बोतलें चुनने में लग गए कबाड़ी
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Published : Dec 16, 2022, 1:02 PM IST

वैशालीः बिहार में कहने को तो 6 साल से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है, लेकिन शराब यहां कभी बंद नहीं हुई. शराबबंदी वाले बिहार की एक और चौकाने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां खाली शराब की सैकड़ों बोतलों (Liquor Bottles Found In Gandhi Maidan At Vaishali) को चुनते हुए कबाड़ी वाले का वीडियो सामने आया है. यहां प्रशासन की नाक के नीचे शराब पीने पिलाने का दौर चलता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वैशाली का गांधी मैदान पियक्कड़ों का अड्डा है, जहां से सैकड़ों खाली बोतलें मिली हैं. उधर छपरा में हुई दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत के बाद वैशाली जिला प्रशासन भी चौकन्ना है. जिले में शराबबंदी पर नकेल लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है, काफी हद तक सफलता भी मिली है.

ये भी पढ़ेंः 'शराब पीना बुरा, जो पियेगा वो मरेगा'.. छपरा शराब कांड पर बोले CM नीतीश

गांधी मैदान में होना था अधिकारियों का दौराः वायरल वीडिया के संबंध में बताया जा रहा है कि महुआ में वैशाली डीएम यशपाल मीना और वैशाली एसपी मनीष का नगर निकाय चुनाव को लेकर गांधी मैदान का दौरा होना था. जिसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा गांधी मैदान को क्लीन करने के लिए कर्मियों को लगाया गया था. लेकिन जब गांधी मैदान की सफाई शुरू हुई तो वहां विदेशी शराब की सैकड़ों खाली बोतलें मिलीं. उसके बाद सफाईकर्मियों ने कबाड़ वाले को इसकी सूचना दी और फिर कबाड़ी अपने चेहरे को ढककर बोतलों को चुनने लगे. जिसका वीडियो किसी स्थानिए व्यक्ति द्वारा बनाया गया है.

धड़ल्ले से शराब बिक रही है शराबः वीडियो में जो ऑडियो है उससे साफ पता चल रहा है कि शराब की खाली बोतलों को चुनने वाला कबाड़ी वीडियो बनाने से रोक रहा था, उसे किसी तरह समझा-बुझाकर वीडियो बनाया गया है. वहीं वीडियो में एक व्यक्ति भी बता रहा है कि किस तरह शराब की खाली बोतले मिल रही हैं. हालांकि की गांधी मैदान को साफ करवाया जा रहा था इस संबंध में कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. एक तरफ छपरा में जहरीली शराब से लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है बावजूद इसके ना सिर्फ धड़ल्ले से शराब बिक रही है बल्कि शराब पी कर लोग मर भी रहे हैं. ऐसे में वैशाली के महुआ से आई तस्वीर हैरान करने वाली है.

खाली शराब की बोतलें मिलीं ः महुआ प्रखंड कार्यालय के पास स्थित गांधी मैदान से बोतल चुनने वाले एक व्यक्ति ने सैकड़ों की संख्या में खाली शराब की बोतलें जमा की हैं. ब्लॉक कैंपस में मिली शराब की ये बोतलें पुलिस प्रशासन की नाकामी बताने के लिए काफी है. यहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि गांधी मैदान पियक्कड़ों का अड्डा है कई बार यहां से नशे में धुत लोगों को गिरफ्तार भी किया गया लेकिन शराब बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है. स्थानीय जयप्रकाश निषाद ने कहा कि यह सुशासन बाबू का राज है. एक तरफ तो कहते हैं कि पूर्ण शराबबंदी है लेकिन यहां सरेआम शराब मिल रही है. खुलेआम होम डिलीवरी हो रही है.

"देखिए यह सुशासन बाबू का राज है. पूर्ण शराबबंदी है लेकिन यहां सरेआम शराब मिल रही है. खुलेआम होम डिलीवरी हो रही है. महुआ के गांधी मैदान में बोरा के बोरा शराब की खाली बोतल मिल रही है. यहां पर लोग बैठकर शराब पीते हैं. प्रशासन की नाक के नीचे की घटना है. बगल में बीडीओ का डेरा है, ऑफिस है वहां की यह घटना है"- जय प्रकाश निषाद, स्थानीय

बिहार में शराबबंदी कानून फेल : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इसी कारण से बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब से लोगों की मौत भी होती रहती है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. अब छपरा में एक बार फिर जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हुई है. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.

वैशालीः बिहार में कहने को तो 6 साल से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) है, लेकिन शराब यहां कभी बंद नहीं हुई. शराबबंदी वाले बिहार की एक और चौकाने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां खाली शराब की सैकड़ों बोतलों (Liquor Bottles Found In Gandhi Maidan At Vaishali) को चुनते हुए कबाड़ी वाले का वीडियो सामने आया है. यहां प्रशासन की नाक के नीचे शराब पीने पिलाने का दौर चलता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वैशाली का गांधी मैदान पियक्कड़ों का अड्डा है, जहां से सैकड़ों खाली बोतलें मिली हैं. उधर छपरा में हुई दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत के बाद वैशाली जिला प्रशासन भी चौकन्ना है. जिले में शराबबंदी पर नकेल लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है, काफी हद तक सफलता भी मिली है.

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गांधी मैदान में होना था अधिकारियों का दौराः वायरल वीडिया के संबंध में बताया जा रहा है कि महुआ में वैशाली डीएम यशपाल मीना और वैशाली एसपी मनीष का नगर निकाय चुनाव को लेकर गांधी मैदान का दौरा होना था. जिसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा गांधी मैदान को क्लीन करने के लिए कर्मियों को लगाया गया था. लेकिन जब गांधी मैदान की सफाई शुरू हुई तो वहां विदेशी शराब की सैकड़ों खाली बोतलें मिलीं. उसके बाद सफाईकर्मियों ने कबाड़ वाले को इसकी सूचना दी और फिर कबाड़ी अपने चेहरे को ढककर बोतलों को चुनने लगे. जिसका वीडियो किसी स्थानिए व्यक्ति द्वारा बनाया गया है.

धड़ल्ले से शराब बिक रही है शराबः वीडियो में जो ऑडियो है उससे साफ पता चल रहा है कि शराब की खाली बोतलों को चुनने वाला कबाड़ी वीडियो बनाने से रोक रहा था, उसे किसी तरह समझा-बुझाकर वीडियो बनाया गया है. वहीं वीडियो में एक व्यक्ति भी बता रहा है कि किस तरह शराब की खाली बोतले मिल रही हैं. हालांकि की गांधी मैदान को साफ करवाया जा रहा था इस संबंध में कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. एक तरफ छपरा में जहरीली शराब से लोगों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है बावजूद इसके ना सिर्फ धड़ल्ले से शराब बिक रही है बल्कि शराब पी कर लोग मर भी रहे हैं. ऐसे में वैशाली के महुआ से आई तस्वीर हैरान करने वाली है.

खाली शराब की बोतलें मिलीं ः महुआ प्रखंड कार्यालय के पास स्थित गांधी मैदान से बोतल चुनने वाले एक व्यक्ति ने सैकड़ों की संख्या में खाली शराब की बोतलें जमा की हैं. ब्लॉक कैंपस में मिली शराब की ये बोतलें पुलिस प्रशासन की नाकामी बताने के लिए काफी है. यहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि गांधी मैदान पियक्कड़ों का अड्डा है कई बार यहां से नशे में धुत लोगों को गिरफ्तार भी किया गया लेकिन शराब बिक्री पर रोक नहीं लग पा रही है. स्थानीय जयप्रकाश निषाद ने कहा कि यह सुशासन बाबू का राज है. एक तरफ तो कहते हैं कि पूर्ण शराबबंदी है लेकिन यहां सरेआम शराब मिल रही है. खुलेआम होम डिलीवरी हो रही है.

"देखिए यह सुशासन बाबू का राज है. पूर्ण शराबबंदी है लेकिन यहां सरेआम शराब मिल रही है. खुलेआम होम डिलीवरी हो रही है. महुआ के गांधी मैदान में बोरा के बोरा शराब की खाली बोतल मिल रही है. यहां पर लोग बैठकर शराब पीते हैं. प्रशासन की नाक के नीचे की घटना है. बगल में बीडीओ का डेरा है, ऑफिस है वहां की यह घटना है"- जय प्रकाश निषाद, स्थानीय

बिहार में शराबबंदी कानून फेल : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इसी कारण से बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब से लोगों की मौत भी होती रहती है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. अब छपरा में एक बार फिर जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हुई है. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.

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