वैशाली: कोरोना संकट की इस घड़ी में जहां अधिकांश ओर से नकारात्मक खबरे देखने और सुनने को मिल रही हैं, वहीं वैशाली जिले से एक दिल को सुकून करने वाली खबर सामने आई है. इसके तहत एक चिकित्सक डॉ. मनोरंजन कुमार सिंह और मुखिया मुकेश कुमार सिंह ने इस दौर में मानवता की मिसाल पेश की है.
वैशाली जिले के महनार प्रखंड की हसनपुर दक्षिणी पंचायत के रहने वाले रामउदगार सिंह नाम के एक बुजर्ग की शनिवार को मौत हो गई. उनके घर में कोई भी पुरूष सदस्य नहीं था. मृतक का एक पुत्र सेना में नौकरी करता है और वह अपने कार्यक्षेत्र में तैनात था.
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फौजी के पिता की कोरोना संक्रमण से मौत की सूचना पर समाज ने संक्रमण के डर से स्वयं को किनारा कर लिया. इसके बाद उनके परिजनों के साथ अंतिम संस्कार को लेकर बड़ी परेशानी सामने आ गई. इसकी सूचना जब पंचायत के मुखिया मुकेश कुमार सिंह को मिली तब उन्होंने इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महनार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनोरंजन कुमार सिंह से सलाह मशविरा किया. इसके बाद दोनों ने शव के अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया.
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चिकित्सक और मुखिया ने पीपीई किट पहनकर अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली. कोरोना संक्रमण से एक फौजी के पिता की मौत के बाद पीपीइ किट पहन कर इन दोनों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया, बल्कि उनका विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार भी किया.
ग्रामीणों के मुताबिक मृतक कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद घर में ही खुद को अलग कर इलाज करवा रहे थे. इसी क्रम में 8 मई को उनकी मौत हो गई.
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''मृतक का पुत्र आज देश की सेवा में लगा है. ऐसे में हमसभी का दायित्व है कि उसके घर और परिजनों का समाज के लोग ख्याल रखें. उन्होंने कहा कि अगर समाज के ही लोग आगे नहीं आएंगे, तो कौन आएगा. उन्होंने कहा कि यह परिस्थिति किसी के साथ भी हो सकती है. '' - मुकेश कुमार सिंह, मुखिया, हसनपुर दक्षिणी पंचायत
इधर, महनार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनोरंजन सिंह ने कहा कि शव को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को प्लास्टिक में लपेटकर दाह संस्कार के लिए ले जाया गया और अंतिम संस्कार कर दिया गया. उन्होंने बताया कि मृतक कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज चल रहा था.
इस घटना के बाद इस क्षेत्र में इसकी चर्चा है. लोग चिकित्सक और मुखिया की तो तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं, इन दोनों से समाज को सीख लेनी चाहिए.