वैशाली: जिले के महुआ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान देते हुए एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि लालू राज में जो कमीशन के तहत शिक्षकों की बहाली हुई थी, वही शिक्षक बढ़िया पढ़ा रहे हैं. इधर एन केन प्रकारेण सर्टिफिकेट लेकर शिक्षक बहाल हुए हैं, जिससे शिक्षा का स्तर खराब हुआ है. वहीं जीतन राम मांझी ने शराब और जहरीली शराब में फर्क बताते हुए कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों के लिए मुआवजे की लंबे समय से मांग की जा रही थी, जिसको नीतीश कुमार ने माना है.
बोले मांझी- 'लालू के समय बहाल हुए टीचर अच्छे': दरअसल, महुआ में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इजराइल मंसूरी पूर्व विधायक डॉ आनंद सिंह, गुलाम गौस सहित बड़ी संख्या में नेतागण पहुंचे थे. यह इफ्तार पार्टी एक एजुकेशनल एवं वेलफेयर ट्रस्ट के तहत आयोजित किया गया था. इफ्तार पार्टी की समाप्ति के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि जितने भी टीचर बहाल होते हैं, एन केन प्रकारेण वह सर्टिफिकेट ले लेते हैं और ज्वाइन करते हैं. इसके कारण पढ़ाई का स्तर कमजोर हुआ है. लालू के समय के शिक्षक अच्छे हैं.
"पहले लालू प्रसाद के समय में कमीशन में जो बहाल करवाए थे उसमें सभी टीचर अच्छे हैं. उसी तर्ज पर अगर टीचर की बहाली होगी तो अच्छे टीचर होंगे. हम समझते हैं इसमे कोई गड़बड़ी नहीं है. विषैली शराब पीकर जो लोग मरे हैं उनको मुआवजा मिलना चाहिए. नीतीश कुमार को इसके लिए आभार व्यक्त करते हैं."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर मांझी ने उठाए सवाल: नई शिक्षक नियमावली की जीतन राम मांझी ने तारीफ जरूर की लेकिन वर्तमान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. ऐसे में कहा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया है. इस बयान ने से मांझी ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया है. हालांकि उन्होंने राहत देते हुए यह जरूर कहा है कि नई शिक्षक बहाली की नीति अच्छी है. बावजूद विपक्ष को बैठ बैठाए एक मुद्दा जरूर मिल गया है.