वैशाली: पटना के रहने वाले सचिन कुमार ने तिनके तिनके से अपना आशियाना बनाया था. दिन-रात की मेहनत से वह सफल उद्योगपतियों में शामिल हुए थे. हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उनकी फैक्ट्री लगातार बेहतरीन काम कर रही थी. लगभग 9 वर्षों से हाजीपुर के इस फैक्ट्री से बने स्नैक्स देश के कोने कोने में जा रहे थे. सब कुछ उम्मीद और मेहनत के मुताबिक चल रहा था लेकिन अब सचिन का सबकुछ आग में जलकर तबाह ( Fire At Snacks Factory In Vaishali) हो गया है.
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वैशाली में स्नैक्स फैक्ट्री में लगी आग: अचानक आधी रात को सचिन को हाजीपुर ( Fire In Snacks Factory In Hajipur) स्थित उनके फैक्ट्री के नाइट गार्ड का फोन आया और घटना की जानकारी दी गई. आनन-फानन में सचिन भागकर पटना से हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र (Hajipur Industrial Area) पहुंचे. जहां उनके जीवन भर की मेहनत आग में धू-धू कर जल रही थी. थाने की पुलिस और मौके पर पहुंची दमकल आग पर नियंत्रण करने का जरूर प्रयास कर रही थी लेकिन आग थमने का नाम नहीं ले रही थी.
18 घंटे से लगी है आग: 18 घंटे की मशक्कत के बाद आग धधकना कम हुआ है लेकिन पूरी तरह से बुझी नहीं है.लगभग ग्यारह सौ मीटर एरिया में फैले इस स्नेक्स फैक्ट्री में करोड़ो के सामान थे. फैक्ट्री के एक भाग में जहां कच्चा माल था वहीं दूसरे भाग में तैयार किए हुए स्नेक्स रखे गए थे. फैक्ट्री कितना बड़ा था और उसमें कितना ज्यादा सामान रखा हुआ था इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 100 से ज्यादा दमकल के पानी का प्रयोग करने के बाद भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका. उसके बाद जेसीबी मशीनों से मलबे को हटा हटा कर पानी का बौछार कर आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया.
आग पर काबू के लिए लगेंगे 48 घंटे: लगभग 18 घंटे बीत जाने के बाद भी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो सका है. वहीं दमकल विभाग लगातार आग को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटी है. माना जा रहा है कि आग को पूर्णता शांत होने में 48 घंटों का समय और लग सकता है. क्योंकि फैक्ट्री में ज्यादातर सामान प्लास्टिक और लकड़ी के बने थे. ऐसे में अंदर दबे प्लास्टिक और फाइबर में आग होने का अनुमान है. इस विषय में फैक्ट्री मालिक सचिन कुमार का कहना है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है. शायद भगवान की यही मर्जी रही होगी. नुकसान का आंकलन फिलहाल संभव नहीं है. पड़ताल के बाद सही आंकलन बताया जा सकेगा.
"अब तक 100 दमकल पानी लग चुका है. लेकिन अब तक आग नियंत्रित नहीं हुआ है. लगता है भगवान की यही मर्जी थी. इस पर क्या कहा जा सकता है. यह स्नेक्स का फैक्ट्री थी. यहां स्नेक्स बनता था. यहां प्रोसेस होता था. नुकसान अभी नहीं बताया जा सकता है. अंदर रो मटेरियल और पूरी मशीनरी, कार्टून, मैदा के बने सामान, स्पाइसेज और कई सामान थे. यह फैक्ट्री 9 साल से चल रहा था." - सचिन कुमार, फैक्ट्री मालिक