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VIDEO: कमीशनखोरी को लेकर हाजीपुर सदर अस्पताल में भिड़ गईं 2 आशा कार्यकर्ता, खूब हुई झोटा-झोटी

हाजीपुर सदर अस्पताल (Hajipur Sadar Hospital) में आशा कार्यकर्ताओं के बीच कमीशनखोरी को लेकर ऐसा झगड़ा हुआ कि ओपीडी में अफरा-तफरी मच गई. अस्पताल में तैनात गार्ड ने आकर बीच बचाव किया तब जाकर मामला शांत हुआ. पढ़ें क्या है पूरा मामला..

मारपीट के लाइव वीडियो
मारपीट के लाइव वीडियो
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Published : Apr 14, 2022, 3:24 PM IST

वैशालीः बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दो आशा कार्यकर्ताएं (Fight Between ASHA workers In Hajipur) आपस में ही भिड़ गईं. दोनों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई. काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी और अन्य स्टॉफ ने मिलकर उनको छुड़ाया. हॉस्पिटल में हुई इस मारपीट का वीडियो भी सामने आया है. जिस पर सिविल सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार मोहन (Civil Surgeon Dr Akhilesh Mohan) ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें- VIDEO: पत्नी के शव को कंधे पर लादकर भाग रहा था शख्स, वीडियो वायरल होने पर सामने आई ये सच्चाई

कमीशनखोरी को लेकर हुआ विवादः बताया जाता है कि कमीशनखोरी के विवाद पर आशा कार्यकर्ता आपस में उलझ गईं और फिर शुरू हो गई, झोटा झोटी और मारपीट. वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरीके से एक आशा दूसरे आशा के साथ मारपीट कर रही हैं. हालांकि काफी देर तक हुई मारपीट के बाद सदर अस्पताल में तैनात गार्ड ने आकर बीच बचाव किया और किसी तरह मामले को शांत किया गया. ये वीडियो सदर अस्पताल के ओपीडी का बताया जा रहा है. जहां एक मरीज को दोनों आशा अपना मरीज बताकर भीड़ गईं थीं.

निजी पैथोलॉजी से मिलती है मोटी रकमः सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता मरीज का पुर्जा निजी पैथोलॉजी लैब अल्ट्रासाउंड में ले जाने को लेकर आपस में लड़ाई करने लगीं. निजी पैथोलॉजी और निजी नर्सिंग होम में जब आशा के द्वारा किसी मरीज को भेजा जाता है तो इसके बदले पहले से तय एक मोटी रकम कमीशन के रूप में दी जाती है. यही कारण है कि सदर अस्पताल दलालों का अड्डा बना हुआ है. इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक यहां दर्जनों की संख्या में दलाल किसी गिद्ध की तरह मंडराते रहते हैं. मौका मिलते ही मरीज और उनके परिजनों को बरगला कर निजी नर्सिंग होम में ले जाते हैं.

क्या बोले सिविल सर्जनः कई बार इस विषय को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार मोहन के द्वारा निरीक्षण भी किया गया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई थी. सदर अस्पताल में दो आशा के द्वारा मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि एक वीडियो सामने आया है. ओपीडी में दो महिलाएं मारपीट कर रही हैं. वीडियो में जो दोनों महिलाएं दिख रही हैं, वो आशा कार्यकर्ता हैं. हालांकि वीडियो में ठीक से पता नहीं चल पा रहा है कि मारपीट की वजह क्या है.

ये भी पढ़ेंः VIDEO: हाजीपुर सदर अस्पताल में सब बा.. फिर भी बीमार पति को गोद में उठाकर चली महिला

'हम इसकी जांच कराके कार्रवाई करेंगे. वीडियो देखने से अता पता चल रहा है कि एक पेशेंट को लेकर दोनों आपस में लड़ रही हैं. वीडियो में ऐसा प्रतीत हो रहा है. लेकिन यह जांच का मामला है. ऐसी परिस्थिति फिर से सदर अस्पताल में नहीं आए, इसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं. पैसे को लेकर विवाद हो सकता है, जो जांच में स्पष्ट हो जाएगा'- डॉक्टर अखिलेश कुमार मोहन, सिविल सर्जन

पहले भी हो चुके हैं कई विवादः बता दें कि सदर अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो सामने आता रहता है. इससे पहले मिठाई खाने के लिए पैसा नहीं देने पर जबरदस्त विवाद सदर अस्पताल में हो चुका है. सिविल सर्जन पहले भी कार्रवाई का भरोसा दिलाते रहे हैं. मजेदार बात यह है कि पूरा सदर अस्पताल सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है. इसके बावजूद इस तरह की हरकतों पर पाबंदी लगाना अस्पताल प्रशासन के लिए एक चुनौती बना हुआ है.

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वैशालीः बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दो आशा कार्यकर्ताएं (Fight Between ASHA workers In Hajipur) आपस में ही भिड़ गईं. दोनों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई. काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी और अन्य स्टॉफ ने मिलकर उनको छुड़ाया. हॉस्पिटल में हुई इस मारपीट का वीडियो भी सामने आया है. जिस पर सिविल सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार मोहन (Civil Surgeon Dr Akhilesh Mohan) ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

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कमीशनखोरी को लेकर हुआ विवादः बताया जाता है कि कमीशनखोरी के विवाद पर आशा कार्यकर्ता आपस में उलझ गईं और फिर शुरू हो गई, झोटा झोटी और मारपीट. वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरीके से एक आशा दूसरे आशा के साथ मारपीट कर रही हैं. हालांकि काफी देर तक हुई मारपीट के बाद सदर अस्पताल में तैनात गार्ड ने आकर बीच बचाव किया और किसी तरह मामले को शांत किया गया. ये वीडियो सदर अस्पताल के ओपीडी का बताया जा रहा है. जहां एक मरीज को दोनों आशा अपना मरीज बताकर भीड़ गईं थीं.

निजी पैथोलॉजी से मिलती है मोटी रकमः सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता मरीज का पुर्जा निजी पैथोलॉजी लैब अल्ट्रासाउंड में ले जाने को लेकर आपस में लड़ाई करने लगीं. निजी पैथोलॉजी और निजी नर्सिंग होम में जब आशा के द्वारा किसी मरीज को भेजा जाता है तो इसके बदले पहले से तय एक मोटी रकम कमीशन के रूप में दी जाती है. यही कारण है कि सदर अस्पताल दलालों का अड्डा बना हुआ है. इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक यहां दर्जनों की संख्या में दलाल किसी गिद्ध की तरह मंडराते रहते हैं. मौका मिलते ही मरीज और उनके परिजनों को बरगला कर निजी नर्सिंग होम में ले जाते हैं.

क्या बोले सिविल सर्जनः कई बार इस विषय को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार मोहन के द्वारा निरीक्षण भी किया गया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई थी. सदर अस्पताल में दो आशा के द्वारा मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि एक वीडियो सामने आया है. ओपीडी में दो महिलाएं मारपीट कर रही हैं. वीडियो में जो दोनों महिलाएं दिख रही हैं, वो आशा कार्यकर्ता हैं. हालांकि वीडियो में ठीक से पता नहीं चल पा रहा है कि मारपीट की वजह क्या है.

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'हम इसकी जांच कराके कार्रवाई करेंगे. वीडियो देखने से अता पता चल रहा है कि एक पेशेंट को लेकर दोनों आपस में लड़ रही हैं. वीडियो में ऐसा प्रतीत हो रहा है. लेकिन यह जांच का मामला है. ऐसी परिस्थिति फिर से सदर अस्पताल में नहीं आए, इसके लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं. पैसे को लेकर विवाद हो सकता है, जो जांच में स्पष्ट हो जाएगा'- डॉक्टर अखिलेश कुमार मोहन, सिविल सर्जन

पहले भी हो चुके हैं कई विवादः बता दें कि सदर अस्पताल में आए दिन मरीजों के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो सामने आता रहता है. इससे पहले मिठाई खाने के लिए पैसा नहीं देने पर जबरदस्त विवाद सदर अस्पताल में हो चुका है. सिविल सर्जन पहले भी कार्रवाई का भरोसा दिलाते रहे हैं. मजेदार बात यह है कि पूरा सदर अस्पताल सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है. इसके बावजूद इस तरह की हरकतों पर पाबंदी लगाना अस्पताल प्रशासन के लिए एक चुनौती बना हुआ है.

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