वैशाली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज यात्रा (Prashant Kishor Jan Suraj Yatra) की शुरुआत कर दी है. इसी क्रम में वे पातेपुर (Prashant Kishor in Vaishali) पहुंचे. जहां पातेपुर मठ के महंत विश्व मोहन दास ने उनका भव्य स्वागत किया. लोगों से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार में राज करने वाले राजनेता की जमकर आलोचना की. कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग नहीं रहेंगे तो दिल्ली में मुंबई में कचरा फैल जाएगा.
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पातेपुर में लोगों से मिले पीके: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग नहीं होंगे तो सभी जगह कचरा फैल जाएगा. यह गौरव की बात नहीं है. बिहार के लोग कचरा साफ करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं. बिहार के लोगों को नेताओं ने सफाई कर्मचारी बना दिया है. जिसको भी सफाई कर्मचारी की जरूरत होती है, मजदूरी करने वालों की जरूरत होती है, वह बिहारी को खोजता है. बिहारी अगर नहीं होंगे तो दिल्ली में सब्जियां नहीं बिकेंगी. उन्होंने आगे कहा कि क्या यहां कर्नाटक का गुजरात का लोग आकर काम करता है. फिर यहां के लोग क्यों बाहर मजदूरी कर रहे हैं.
बिहार के नेताओं पर साधा निशाना: प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि घर से काफी दूरी पर कल है और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग कमाने बाहर जाते हैं और जब थक कर वापस आते हैं तो घर का जो जवान लड़का होता है वह बाहर कमाने चला जाता है. यह गौरव की बात नहीं है. बिहार देश के अग्रणी राज्यों में था और आज सबसे पिछड़ा राज्य बन चुका है.
चुनाव लड़ाना जानते हैं पीके: प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि उनकी आलोचना करने वाले लोग यह जानते हैं कि प्रशांत किशोर चुनाव लड़ाना जानता है. उन्होंने एक बार हाथ पकड़ लिया तो जीत दिलवा ही देंगे. चुनाव में उन्होंने दावा किया कि बिहार में सत्ता परिवर्तन होकर रहेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सैनिक जब हथियार संभाल लेगा, प्रशिक्षित हो जाएगा तो सामने चीन हो या पाकिस्तान जीतकर ही रहेगा.
"बिहार के लोग नहीं रहेंगे तो दिल्ली, मुंबई में कचरा फैल जाएगा. दिल्ली में सब्जियां नहीं बिकेंगी. बिहार के नेताओं ने बिहार को सफाई कर्मी बना दिया है. बिहार के लोग कचरा साफ करने के लिए पैदा नहीं हुए हैं. बिहार के लोगों को सफाईकर्मी मान लिया जाता है. जिसको भी सफाई कर्मी, मजदूर की जरूरत है वह बिहारी को खोजता है. क्या आपके यहां कर्नाटक से गुजरात से कोई किउ नहीं मजदूरी करने आता है. फिर यहां के लोग क्यों मजदूरी कर रहे है. बिहार में सत्ता परिवर्तन हो कर रहेगा. जिसका हाथ पकडूंगा उसका जितना तय है"-प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
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