वैशाली: शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद खास होता है. बोल बम के नारे, हर हर महादेव की गूंज के साथ ही बेलपत्र की खुशबू से पवित्र श्रावण माह का एहसास होता है. शिव भक्त श्रावण मास का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस बार 30 दिनों का होने वाला श्रावण मास 59 दिनों का है. ऐसे में शिव भक्तों को भोलेनाथ को प्रसन्न करने का ज्यादा अवसर प्राप्त होगा. खासकर जब हर अर्थात शिव के साथ हरि अर्थात विष्णु की पूजा एक साथ हो जाए. यह संभव है बिहार के सोनपुर स्थित बाबा हरिहर नाथ मंदिर में जहां एक ही शिला में भगवान विष्णु और भोलेनाथ दोनों विराजमान है.
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2 महीने का सावन: इस अवसर पर बाबा हरिहर नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी सुशील शास्त्री बताते हैं कि आज से श्रावण माह शुरू हो गया है. श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अगले 59 दिनों का श्रावण महीना इस बार व्यतीत होने जा रहा है. शिव भक्तों को भगवान शिव की आराधना करने का एक महीना ही नहीं 2 महीने का समय मिलने जा रहा है. क्योंकि प्रत्येक 3 साल पर ऐसी मान्यता है कि पुरुषोत्तम मास लगता है. पुरुषोत्तम मास का मतलब होता है भगवान नारायण का मास, इसको अधिक माह भी कहा जाता है.
8 सोमवार मनाने की तैयारी: सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पुरुषोत्तम मास में श्रावण का महीना व्यतीत होगा. क्योंकि पुरुषोत्तम भगवान नारायण भी हैं और हरी भी हैं. यहां शिव के साथ है इसलिए भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए जुटती है. यह 2 महीने का श्रावण हरि और हर की साधना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण महीना है. मुख्य पुजारी आगे बताते हैं कि बिल्कुल भव्य तैयारी चल रही है. पहले 1 महीने की तैयारी होती थी इस बार 2 महीने की तैयारी होगी. पहले चार सोमवार हुआ करते थे लेकिन इस बार 8 सोमवार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा.
"यहां विष्णु के साथ शिव की आराधना होती है और शिव के साथ विष्णु की आराधना होती है. यहां जो भी पूजा पाठ भी होता है तो विष्णु की होती है तो शिव की हो जाती है और शिव की होती है तो विष्णु की हो जाती है. तो समन्वय के प्रतीक के रूप में यहां हरि और हर एक ही छत के नीचे एक ही साथ है. सभी मतावलंबिय आकर इनकी अराधना करते है. भक्तों की कामना होती है वह बाबा हरिहरनाथ पूर्ण करते हैं." - सुशील शास्त्री, मुख्य पुजारी, बाबा हरिहर नाथ मंदिर
हरे रंग के वस्त्र से खास लगाव: हजारों हजार वर्ष पहले से परंपरा चली आ रही है. यहां विष्णु के साथ शिव की आराधना होती है और शिव के साथ विष्णु की आराधना होती है. यहां जो पूजा-पाठ होता है उसमें भी विष्णु और शिव की एक साथ होती है. समन्वय के प्रतीक के रूप में यहां हरि और हर एक ही छत के नीचे एक ही साथ है. भक्तों की कामना को बाबा हरिहरनाथ पूर्ण करते हैं. वहीं बाबा हरिहर नाथ के दर्शन करने आए स्थानीय रागिनी कुमारी बताती हैं कि बाबा हरिहर नाथ की विशेष कृपा है जो सावन के पहले दिन मैं यहां दर्शन करने आई. आज से हरियाली की ही शुरुआत होती है. सब कुछ हरा भरा लगता है. महिलाएं हरे हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं मैं भी बाबा हरिहर नाथ का दर्शन करने आई हूं.
"बाबा हरिहर नाथ की विशेष कृपा है जो सावन के पहले दिन मैं यहां दर्शन करने आए है. आज सावन महीने का पहला दिन है और आज से हरियाली की ही शुरुआत होती है. सब कुछ हरा भरा लगता है. महिलाएं हरे हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं मैं भी बाबा हरिहर नाथ का दर्शन करने आई हूं." - रागिनी कुमारी, श्रद्धालु