वैशाली: बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल में एक बार फिर तोड़फोड़ और जबरदस्त हंगामे का मामला सामने आया है. जिले के चकनूर निवासी एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. लेकिन परिजनों का मानना था कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा समय पर इलाज नहीं करने से युवक की मौत हुई है. जिससे आक्रोशित लोगों ने सदर अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया.
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अस्पताल में युवक की मौत के बाद हंगामा: हंगामा इतना जबरदस्त था कि इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज भी वार्ड से निकलकर भाग खड़े हुए. इमरजेंसी वार्ड में रखे तमाम कुर्सी-टेबल व अलमारी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. वहीं इमरजेंसी की दवाइयां और मेडिकल उपकरणों को भी तहस-नहस कर दिया गया. हंगामे की सूचना पाकर पहुंची नगर थाना की पुलिस को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. पहली बार आई पुलिस को लोगों ने सदर अस्पताल खदेड़ दिया.
मृतक के परिजनों ने की तोड़फोड़: सदर अस्पताल में तोड़फोड़ हंगामा चलता रहा. जिसके बाद नगर थाना, सदर थाना सहित पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल को सदर अस्पताल लाया गया. जिसके बाद हंगामा कर रहे लोग अस्पताल से फरार हो गए. हंगामा का लाइव वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ तौर से दिख रहा है कि आक्रोशित लोग किस तरीके से सदर अस्पताल में तोड़फोड़ कर रहे हैं. वहीं एक अन्य वीडियो में सदर अस्पताल से पुलिस की गाड़ी भागती हुई दिख रही है और कुछ लोग पीछे से दौड़ लगा रहे हैं.
सिविल सर्जन ने लोगों से की अपील: घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन डॉक्टर श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि मरा हुआ पेशेंट लेकर आया था, प्राइवेट से इलाज करवाने. यहां पर मरा हुआ लेकर आते हैं तो लोग क्या करेगा. काफी नुकसान हुआ है. टेबल-कुर्सी, ऐसी सब तोड़ दिया. मेडिसिन वगैरह भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जो भी इमरजेंसी में दवा वगैरह था. इमरजेंसी फिर से शुरू करवा दिया गया है. लोगों को समझना है कि उन्हीं का अस्पताल है और वही नुकसान करेंगे तो ये सही नहीं है.
आए दिन सदर अस्पताल में होते रहता है हंगामा: बता दें कि सदर अस्पताल हाजीपुर से नगर थाना की दूरी महज 200 से 300 मीटर की होगी. बावजूद आए दिन सदर अस्पताल में हंगामा ओर तोड़ फोड़ होता रहता है. या तो पुलिस पहुंचने में देर करती है या फिर पुलिस इतनी कम संख्या में पहुंचती है कि हंगामा करने वाले लोग पुलिस पर ही हमलावर हो जाते हैं. बार-बार इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर जिला प्रशासन को कोई को कारगर कदम उठाना चाहिए. अस्पताल में हंगामा होने से वहां भर्ती अन्य मरीजों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है.
"मरा हुआ परसेंट लेकर के आया था प्राइवेट से इलाज करवाने. यहां पर मरा हुआ ले आता है तो लोग क्या करेगा. काफी नुकसान हुआ है, टेबल कुर्सी ऐसी सब तोड़ दिया. मेडिसिन वगैरह भी क्षतिग्रस्त हो गया है जो भी इमरजेंसी में दवा वगैरह था. इमरजेंसी फिर से शुरू करवा दिया गया है. यह लोगों को समझना है उन्हीं का अस्पताल है और वही नुकसान करेंगे तो सही नहीं है. पहले यहां 3 गार्ड था वह किसी और ड्यूटी में चला गया है. हम रिक्वेस्ट करेंगे गार्ड के लिए."- डॉ. श्याम नंदन प्रसाद, सिविल सर्जन, वैशाली सदर अस्पताल, हाजीपुर