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मनमोहन सिंह के निधन पर बिहार में 7 दिनों का राजकीय शोक, CM की प्रगति यात्रा रद्द - STATE MOURNING

मनमोहन सिंह के निधन के बाद सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा स्थगित कर दिया गया है. आज मुजफ्फरपुर और कल वैशाली में कार्यक्रम था.

CM Nitish Kumar Pragati Yatra
प्रगति यात्रा में सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 16 hours ago

Updated : 13 hours ago

पटना: मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है. 7 दिनों के लिए बिहार में राजकीय शोक घोषित किया गया है. सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर भी बड़ी खबर है. शुक्रवार और शनिवार दो दिनों के लिए यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. शुक्रवार को मुजफ्फरपुर और शनिवार को वैशाली में नीतीश कुमार प्रगति यात्रा करने वाले थे. अब दोनों जगह का कार्यक्रम आगे तय होगा.

तैयारी हो चुकी थी पूरी: बता दें कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा को लेकर दोनों जगह तैयारी पूरी कर ली गई थी. हजारों करोड़ों की योजना का उद्घाटन और शिलान्यास करना था. इसके साथ ही विकास योजना का निरीक्षण करने के साथ समीक्षा बैठक भी करते, लेकिन अब यह कार्यक्रम बाद में आयोजित किया जाएगा.

इसलिए यात्रा स्थगित: सीएम नीतीश कुमार ने मनमोहन सिंह के निधन को लेकर प्रगति यात्रा को स्थगित कर दिए हैं. बता दें कि 5 और 6 जनवरी को नया कार्यक्रम तय किया गया है. मुजफ्फरपुर में 5 जनवरी वैशाली में 6 जनवरी को सीएम पहुंचेंगे. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से लेटर जारी कर दिया गया है. दूसरे चरण की यात्रा 4 जनवरी से गोपालगंज से शुरू होगी और 13 को समस्तीपुर में समाप्त होगी. इस बीच 7 जनवरी को सिवान, 8 जनवरी को सारण, 11 जनवरी को दरभंगा 12 जनवरी को मधुबनी जाएंगे

मनमोहन सिंह का निधन: गुरुवार की रात देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन हो गया. सीएम नीतीश कुमार ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी. सीएम ने इसे दुखद घटना बताते हुए कहा कि एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री को हमने खो दिया. उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है.

कई बार बिहार आए थे: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई बार बिहार का दौरा किए थे. पटना सिटी स्थित गुरुद्वारा भी जाकर मत्था टेका था. 2008 में बिहार में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए थे और 1000 करोड़ की राशि बिहार को मदद भी दी थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई बार चुनाव प्रचार में भी बिहार आए. साथ ही दक्षिण बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का फैसला उन्हीं के समय में हुआ था.

क्या होता है राजकीय शोक: राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण कोई बड़ा नेता या हस्ती का निधन होता है तो राजकीय या राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है. मनमोहन सिंह के निधन पर बिहार सहित कई राज्यों में राजकीय शोक घोषित किया गया है.

कौन करता है घोषित: पहले राजकीय शोक घोषित करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास था. केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति द्वारा सभी राज्यों में राजकीय शोक घोषित किया जाता था लेकिन अब सभी राज्यों के पास अलग अलग राजकीय शोक घोषित करने का अधिकार है.

इस दौरान क्या होता है?: विधानसभा, सचिवालय सहित महत्वपूर्ण कार्यालय में लगे राष्ट्रीय झंडा को आधा झुका दिया जाता है. कोई भी सरकारी कार्यक्रम नहीं होते हैं. अधिकारिक मनोरंजन पर भी प्रतिबंद लगाया जाता है. विशेष काम किए जा सकते हैं. राजकीय शोक का कोई समय तय नहीं है. सरकार अपने विवेक से तीन दिन, एक सप्ताह या 15 दिनों का राजकीय शोक घोषित करती है.

कितने दिनों की होती है छुट्टी? अगर पद पर रहते हुए किसी नेता का निधन होता है तो उस दौरान स्कूल और सरकारी संस्थान में छुट्टी घोषित की जाती है. पद छोड़ने के बाद आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. हालांकि केंद्र या राज्य सरकार के पास अधिकार है कि छुट्टी घोषित कर सकती है.

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पटना: मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक का माहौल है. 7 दिनों के लिए बिहार में राजकीय शोक घोषित किया गया है. सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा को लेकर भी बड़ी खबर है. शुक्रवार और शनिवार दो दिनों के लिए यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. शुक्रवार को मुजफ्फरपुर और शनिवार को वैशाली में नीतीश कुमार प्रगति यात्रा करने वाले थे. अब दोनों जगह का कार्यक्रम आगे तय होगा.

तैयारी हो चुकी थी पूरी: बता दें कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा को लेकर दोनों जगह तैयारी पूरी कर ली गई थी. हजारों करोड़ों की योजना का उद्घाटन और शिलान्यास करना था. इसके साथ ही विकास योजना का निरीक्षण करने के साथ समीक्षा बैठक भी करते, लेकिन अब यह कार्यक्रम बाद में आयोजित किया जाएगा.

इसलिए यात्रा स्थगित: सीएम नीतीश कुमार ने मनमोहन सिंह के निधन को लेकर प्रगति यात्रा को स्थगित कर दिए हैं. बता दें कि 5 और 6 जनवरी को नया कार्यक्रम तय किया गया है. मुजफ्फरपुर में 5 जनवरी वैशाली में 6 जनवरी को सीएम पहुंचेंगे. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से लेटर जारी कर दिया गया है. दूसरे चरण की यात्रा 4 जनवरी से गोपालगंज से शुरू होगी और 13 को समस्तीपुर में समाप्त होगी. इस बीच 7 जनवरी को सिवान, 8 जनवरी को सारण, 11 जनवरी को दरभंगा 12 जनवरी को मधुबनी जाएंगे

मनमोहन सिंह का निधन: गुरुवार की रात देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन हो गया. सीएम नीतीश कुमार ने शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी. सीएम ने इसे दुखद घटना बताते हुए कहा कि एक कुशल राजनेता एवं अर्थशास्त्री को हमने खो दिया. उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है.

कई बार बिहार आए थे: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई बार बिहार का दौरा किए थे. पटना सिटी स्थित गुरुद्वारा भी जाकर मत्था टेका था. 2008 में बिहार में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए थे और 1000 करोड़ की राशि बिहार को मदद भी दी थी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई बार चुनाव प्रचार में भी बिहार आए. साथ ही दक्षिण बिहार में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का फैसला उन्हीं के समय में हुआ था.

क्या होता है राजकीय शोक: राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण कोई बड़ा नेता या हस्ती का निधन होता है तो राजकीय या राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है. मनमोहन सिंह के निधन पर बिहार सहित कई राज्यों में राजकीय शोक घोषित किया गया है.

कौन करता है घोषित: पहले राजकीय शोक घोषित करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास था. केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति द्वारा सभी राज्यों में राजकीय शोक घोषित किया जाता था लेकिन अब सभी राज्यों के पास अलग अलग राजकीय शोक घोषित करने का अधिकार है.

इस दौरान क्या होता है?: विधानसभा, सचिवालय सहित महत्वपूर्ण कार्यालय में लगे राष्ट्रीय झंडा को आधा झुका दिया जाता है. कोई भी सरकारी कार्यक्रम नहीं होते हैं. अधिकारिक मनोरंजन पर भी प्रतिबंद लगाया जाता है. विशेष काम किए जा सकते हैं. राजकीय शोक का कोई समय तय नहीं है. सरकार अपने विवेक से तीन दिन, एक सप्ताह या 15 दिनों का राजकीय शोक घोषित करती है.

कितने दिनों की होती है छुट्टी? अगर पद पर रहते हुए किसी नेता का निधन होता है तो उस दौरान स्कूल और सरकारी संस्थान में छुट्टी घोषित की जाती है. पद छोड़ने के बाद आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. हालांकि केंद्र या राज्य सरकार के पास अधिकार है कि छुट्टी घोषित कर सकती है.

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