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ग्राउंड रिपोर्ट : यहां सिर्फ दिखाने के लिए लगी हैं बोरिंग मशीनें, सिंचाई में किसानों को हो रही परेशानी

जिले के सोनपुर प्रखंड के किसान सिचाई की समस्या से जूझ रहे है. इलाके की ज्यादातर बोरिंग मशीने खराब हैं. पानी के अभाव में फसल बर्बाद हो रही है.

Sonpur
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Published : Feb 13, 2020, 9:55 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 10:14 AM IST

वैशाली: सोनपुर प्रखंड के सभी 23 पंचायतों में ज्यादातर सरकारी बोरिंग ट्यूबवेल चालू हालत में नहीं हैं. जो चालू हैं भी वो जर्जर और खस्ता अवस्था में है. ऐसे में किसानों को काफी परेशानी हो रही है. अभी खेतों में मक्का और हरी साग-सब्जियां लगी हैं. लेकिन पानी के अभाव में ये फसलें बर्बाद हो रही है.

गर्मी दस्तक देने लगी है. सुबह 7 बजे से ही चिलचिलाती धूप निकल आती है. तापमान में वृद्धि हो रही है. इसका असर फसलों पर भी दिख रहा है. सिंचाई के अभाव में धूप की तपिश से फसल झुलस रही है.

सुखाड़ से भी हुआ था नुकसान
गोविंदचक पंचायत के वार्ड 12 के किसान रघु की मानें तो मक्का की खेती के लिए अपेक्षाकृत अधिक पानी की जरूरत होती है. इलाके के सरकारी बोरिंग से पानी नहीं आता है. फसल बर्बाद होता देख कर्ज लेकर समरसेबुल मशीन लगवाई. अब बिजली की दिक्कत है. खेतों में बिजली पहुंचाने के सरकारी दावे जमीन पर नहीं दिख रहे हैं.

लोगों ने बताया कि हाल में पड़े सुखाड़ से सैकड़ों किसानों के लाखों की फसल बर्बाद हो गई थी. लेकिन सरकारी अनुदान अभी तक नहीं मिली है. इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश भी है.

पेश है रिपोर्ट

'जेई करेंगे बोरिंग की मरम्मती'
सोनपुर प्रखंड के कृषि विभाग की कॉर्डिनेटर ज्योति ने बताया कि किसानों की समस्या से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. बोरिंग मरम्मती का काम जेई को दिया गया है.

वैशाली: सोनपुर प्रखंड के सभी 23 पंचायतों में ज्यादातर सरकारी बोरिंग ट्यूबवेल चालू हालत में नहीं हैं. जो चालू हैं भी वो जर्जर और खस्ता अवस्था में है. ऐसे में किसानों को काफी परेशानी हो रही है. अभी खेतों में मक्का और हरी साग-सब्जियां लगी हैं. लेकिन पानी के अभाव में ये फसलें बर्बाद हो रही है.

गर्मी दस्तक देने लगी है. सुबह 7 बजे से ही चिलचिलाती धूप निकल आती है. तापमान में वृद्धि हो रही है. इसका असर फसलों पर भी दिख रहा है. सिंचाई के अभाव में धूप की तपिश से फसल झुलस रही है.

सुखाड़ से भी हुआ था नुकसान
गोविंदचक पंचायत के वार्ड 12 के किसान रघु की मानें तो मक्का की खेती के लिए अपेक्षाकृत अधिक पानी की जरूरत होती है. इलाके के सरकारी बोरिंग से पानी नहीं आता है. फसल बर्बाद होता देख कर्ज लेकर समरसेबुल मशीन लगवाई. अब बिजली की दिक्कत है. खेतों में बिजली पहुंचाने के सरकारी दावे जमीन पर नहीं दिख रहे हैं.

लोगों ने बताया कि हाल में पड़े सुखाड़ से सैकड़ों किसानों के लाखों की फसल बर्बाद हो गई थी. लेकिन सरकारी अनुदान अभी तक नहीं मिली है. इसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश भी है.

पेश है रिपोर्ट

'जेई करेंगे बोरिंग की मरम्मती'
सोनपुर प्रखंड के कृषि विभाग की कॉर्डिनेटर ज्योति ने बताया कि किसानों की समस्या से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. बोरिंग मरम्मती का काम जेई को दिया गया है.

Last Updated : Feb 13, 2020, 10:14 AM IST
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