पटना: बिहार सहित देश में कोरोना का संक्रमण का कहर जारी है. ऐसे में राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन की अवधि को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है. बिहार और उसके आसपास के राज्यों में भी लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से विदेशी शराब के बदले देसी शराब बिहार तक पहुंच रही है.
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बिहार में ज्यादातर यूपी और बंगाल से शराब पहुंचती है, हालांकि इन दोनों राज्यों में भी लॉकडाउन लगा हुआ है. जिस वजह से अब शराब माफिया विदेशी शराब की जगह देसी शराब जुगाड़ के माध्यम से बिहार पहुंचाने में जुटे हैं. मद्य निषेध विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार अधिक आमदनी और सस्ता माल मंगवा कर बेचने के चक्कर में तस्करों ने झारखंड और यूपी के तस्करों के साथ मिलकर देसी तस्करों का नया रैकेट तैयार किया है.
जारी है छापेमारी अभियान
मद्य निषेध विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब-हरियाणा के कई शराब तस्करों की गिरफ्तारी के बाद बिहार में अंग्रेजी शराब की सप्लाई कम मात्रा में हो रही है. कोरोना के तेज रफ्तार के आगे शराब पकड़ने और छापेमारी की धीमी हुई रफ्तार को एक बार फिर से मद्य निषेध और उत्पाद विभाग की टीम द्वारा छापेमारी तेज करने में लग गई है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार, राज्य के भीतर भी कई जगहों पर अवैध रूप से छोटी फैक्ट्रियों में स्प्रिट के माध्यम से शराब बनाने का काम चल रहा है. मद्य निषेध उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा फिर से छापेमारी अभियान में तेजी लाई जा रही है.
मद्य निषेध और पुलिस विभाग के द्वारा छापेमारी के दौरान इन दिनों देसी शराब में सबसे अधिक झारखंड और यूपी के लोकल ब्रांड की सप्लाई ज्यादा हो रही है. छापेमारी में भी इन्हीं ब्रांडों की बरामदगी भी हो रही है. जानकारी के अनुसार, 12 अप्रैल से अब तक लगभग 10,000 लीटर शराब पकड़ी गई है, सामान्य दिनों के मुकाबले यह बहुत कम है. कुछ दिन पहले नालंदा के हरनौत में सुधा दूध वाहन में 1000 लीटर देसी शराब पकड़ी गई थी जो कि झारखंड की लोकल ब्रांड थी.