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सुपौल: दुष्कर्म आरोपी को 7 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना - misdeed

नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी संतोष कुमार मेहता को सात साल की सजा सुनाई गई है.

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Published : Jun 1, 2019, 11:58 PM IST

सुपौल: जिला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आलोक राज की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 376 और पॉस्को एक्ट के तहत 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं किये जाने पर 5 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

दुष्कर्म मामले आरोपी को 7 साल की सजा

नाबालिग के साथ दुष्कर्म
जानकारी अनुसार जदिया थाना क्षेत्र के एक पंचायत में दोषी संतोष कुमार मेहता ने अपने परिजनों के साथ मिलकर गांव के ही एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया. उसके बाद साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने जदिया थाना में संतोष सहित उसके परिजन पर मामला दर्ज कराया था.

जिला अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
इस मामले में दर्ज थाना कांड संख्या 133/14 की सुनवाई करते शनिवार को न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई. बहस में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी और बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुधीर कुमार झा ने हिस्सा लिया.

7 साल की सजा और 10 हजार का अर्थदंड
वहीं, अपहरण के एक मामले में एफटीसी द्वितीय झुलानंद झा की अदालत ने दो अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों अभियुक्त को 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं जमा करने की स्थिति में 5 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

सुपौल: जिला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आलोक राज की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 376 और पॉस्को एक्ट के तहत 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है. अर्थदंड जमा नहीं किये जाने पर 5 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

दुष्कर्म मामले आरोपी को 7 साल की सजा

नाबालिग के साथ दुष्कर्म
जानकारी अनुसार जदिया थाना क्षेत्र के एक पंचायत में दोषी संतोष कुमार मेहता ने अपने परिजनों के साथ मिलकर गांव के ही एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया. उसके बाद साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने जदिया थाना में संतोष सहित उसके परिजन पर मामला दर्ज कराया था.

जिला अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
इस मामले में दर्ज थाना कांड संख्या 133/14 की सुनवाई करते शनिवार को न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई. बहस में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी और बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुधीर कुमार झा ने हिस्सा लिया.

7 साल की सजा और 10 हजार का अर्थदंड
वहीं, अपहरण के एक मामले में एफटीसी द्वितीय झुलानंद झा की अदालत ने दो अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों अभियुक्त को 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं जमा करने की स्थिति में 5 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

Intro:सुपौल: जिला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आलोक राज की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किये जाने के एक मामले की सुनवाई में एक आरोपी को दोषी करार देते धारा 376 भादवि एवं पॉस्को एक्ट के तहत 07-07 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है. दोनों सजा साथ-साथ चलेगी. अर्थदंड जमा नहीं किये जाने पर 05 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. अर्थदंड की राशि पीड़िता को दे होगी.


Body:जानकारी अनुसार जदिया थाना क्षेत्र के एक पंचायत में दोषी संतोष कुमार मेहता गांव के ही एक नाबालिग लड़की को अपने परिजन के साथ मिलकर अपहरण कर लिया था. इसके बाद नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद पीड़िता के पिता ने जदिया थाना में संतोष सहित उसके परिजन पर मामला दर्ज कराया था. इस मामले में दर्ज थाना कांड संख्या 133/14 की सुनवाई करते शनिवार को न्यायालय ने उक्त सजा सुनाई. बहस में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी और बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुधीर कुमार झा ने हिस्सा लिया.


Conclusion:वहीं अपहरण के एक मामले में एफटीसी द्वितीय झुलानंद झा की अदालत ने दो अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने दोनों अभियुक्त को 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड नहीं जमा करने की स्थिति में 06 माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
अदालत ने अभियुक्त मरली पूर्वे एवं किरण देवी को धारा 364 भा द वि के तहत उक्त सजा सुनाई है.
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