सुपौल : बिहार के सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. नेपाल स्थित जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. यह जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है. जिससे एक बार फिर से तबाही हो सकती है. शुक्रवार को सुबह से ही बराह क्षेत्र के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी जो शाम पांच बजे 2.62 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया. जानकारी अनुसार 14 अगस्त को बराह क्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी हुई थी. उस वक्त कोसी बराज के 56 फाटक खोल दिये गए थे. पूरे जिले में जलप्रलय की स्थिति बन गई थी.
बढ़ रहा कोसी का जलस्तर : बताया जा रहा है कि जल अधिग्रहण क्षेत्र में जिस प्रकार से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. उससे स्पष्ट हो गया है कि नदी का जलस्तर 4.62 लाख क्यूसेक को पार कर सकता है. विशेषज्ञ का मानना है कि पिछली बार जब नदी का जलस्तर 4.62 लाख क्यूसेक तक पहुंचा था. तो तटबंध के समीप पानी नहीं पहुंचा था. लेकिन अभी मात्र 2.85 लाख के जलस्तर में ही नदी के पानी का सीपेज तटबंध के समीप पहुंच गया है. जिससे तटबंध के समीप के गांवों के लोगों में खलबली मची हुई है. लोग काफी भयभीत हैं.
बराज के 47 फाटक खोले गए : बराज पर शाम छह बजे कोसी बराज पर नदी का जलस्तर 3.48 लाख क्यूसेक को पार कर गया है. 47 फाटक खोल दिये गए हैं. मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश को लेकर एलर्ट किया था. जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में है. 33 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़कर 14 अगस्त को 4.62 लाख क्यूसेक पानी के जलप्रलय से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि शुक्रवार को नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी फिर से बढ़ने वाली है. फिलहाल जल संसाधन विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हर स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है.
कोसी नदी में बढ़ा पानी का दबाव : पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर संख्या 64.95 पर शुक्रवार को अचानक कोसी नदी के दबाव बढ़ जाने के कारण अभियंताओं व प्रशासनिक अधिकारियों की हलचल बढ़ गयी. शुक्रवार की सुबह से ही अभियंताओं की टीम तेज गति से हो रहे कटाव को रोकने के लिये कटाव निरोधात्मक कार्य करा रहे थे. बावजूद कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा था. इसी बीच बाढ़ निरोधात्मक कार्य के अध्यक्ष प्रकाश दास व चीफ इंजीनियर मनोज रमण ने स्थल पर पहुंचे इंजीनियरों को दिशा-निर्देश दिया.
कटाव का खतरा भी बढ़ा : इसके बाद जिला पदाधिकारी कौशल कुमार ने उक्त स्थल पर पहुंच स्थिति का जायजा लिया. डीएम कौशल कुमार ने कहा कि ''कोसी का डिस्चार्ज बढ़ जाने के कारण कटाव बढ़ गया है. लेकिन इंजीनियरों द्वारा सतत निगरानी की जा रही है. कटाव बचाव कार्य का लगभग कार्य पूरा हो चुका है. रात भर इसकी निगरानी की जायेगी.'' चीफ इंजीनियर मनोज रमण ने कहा कि ''जलस्राव बढ़ने के कारण स्पर पर दबाव बढ़ गया है. फ्लड फाइटिंग का कार्य किया जा रहा है. कोसी के डिस्चार्ज का अनुमान लगाना कठिन है. स्पर पूरी तरह सुरक्षित है. अभियंताओं द्वारा निगरानी की जा रही है.''
कटाव पर प्रशासन की नजर : पूर्वी कोसी तटबंध के 64.95 किमी स्पर पर दबाव बढ़ते ही तटबंध के बाहर बसे लोगों की बेचैनी बढ़ने लगी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस गति से कटाव हो रहा है, अगर इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती है. स्पर को बचाने के लिये सैकड़ों मजदूर लगाये गये हैं, जो अभियंताओं की निगरानी में लगातार कार्य कर रहे हैं. नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी की हुंकार से तटबंध के अंदर बसे लोगों की रूह कांपने लगी है.