सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में लगातार दो दिनों से सीमावर्ती क्षेत्र और नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश (Torrential Rain for Two Days) के बाद कोसी नदी (Kosi River in Supaul) एक बार फिर से उफान पर है. लगातार बारिश (Incessant Rain) जारी रहने और कोसी का डिस्चार्ज बढ़ने से कई गांवों में नदी का पानी फैल गया है. हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है.
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दरअसल, कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के क्रम में 02 लाख 69 हजार 150 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया. बराज के 42 फाटक खोल दिये गए. जिस कारण जिले के बाढ़ प्रभावित आधा दर्जन प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में नदी का पानी फैल गया है. पीड़ित परिवार ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे हैं. वहीं, तटबंध के भीतर हजारों एकड़ में लगी धान की फसल जलमग्न हो गई है.
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किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गयी है. संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. डीएम महेंद्र कुमार ने जिले के पांच अंचलाधिकारियों को चुनावी डयूटी से मुक्त कर बाढ़ प्रभावित इलाके की सतत निगरानी का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि 15 जून से 15 अक्टूबर तक बाढ़ अवधि घोषित है. इस दौरान कोसी नदी के पूर्वी एवं पश्चिमी तटबंध की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टोली की 24 घंटे की ड्यूटी लगायी जाती है.
बाढ़ काल समाप्त होने पर इन अभियंताओं को चुनाव डयूटी में लगाया गया था. ताजा हालात को देखते हुए एक बार फिर से इन अभियंताओं को तटबंध की सुरक्षा में लगाया गया है. बताया जा रहा है कि यह जलस्तर इस साल का सर्वाधिक है. अक्टूबर माह में 1968 के बाद पहली बार इतना अधिक पानी कोसी नदी में आया है. 5 अक्टूबर 1968 को कोसी नदी का सर्वाधिक डिस्चार्ज 7.88 लाख क्यूसेक था. वर्ष 1973 में 13 अक्टूबर को 4.01 लाख क्यूसेक जलस्तर को पार किया था.
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लगातार बारिश होने और कोसी का डिस्चार्ज बढ़ने के कारण डीएम गणपतगंज में कैंप कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम को सरायढ़ में शिफ्ट कर दिया गया है. प्रशासन ने तटबंध के भीतर बसे लोगों को अलर्ट करते हुए ऊंचे स्थानों पर चले जाने को कहा है. प्रशासन की नजर अब कोसी के बढ़ते जलस्तर पर है. कोसी का डिस्चार्ज 3 लाख के पार हो जाता है तो प्रशासन के द्वारा लोगों का रेस्क्यू शुरू कर दिया जायेगा. एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है.
प्रशासन के द्वारा लोगों के रेस्क्यू के लिए नाव की भी समुचित व्यवस्था कर दी गयी है. सभी सीओ तटबंध के भीतर बसे लोगों को अलर्ट कर रहे हैं. नदी का जल स्तर 3 लाख के पार जाने पर कम्युनिटी किचन भी खोलने की बात कही जा रही है. डीएम महेंन्द्र कुमार ने लोगों से अपील की है कि तटबंध के भीतर बसे लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लें. प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है. नाव की समुचित व्यवस्था है. जरुरत पड़ने पर लोगों का रेस्क्यू शुरू किया जायेगा.
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