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सुपौल सदर अस्पताल में नर्सों ने किया हड़ताल, निलंबन से खफा होकर हॉस्पीटल का काम रोका

सुपौल सदर अस्पताल (Supaul Sadar Hospital) की नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं. जिससे हॉस्पीलट का काम बाधित हो रहा है. इनके हड़ताल को देखते हुए, आसपास के अस्पतालों से सदर अस्पताल में नर्सों की तैनाती कर, काम सुचारू तरीके से चल रहा है. नर्सें निलंबन की कार्रवाई से नाराज होकर स्ट्राइक पर चली गई हैं. पढ़ें पूरी खबर..

सुपौल सदर अस्पताल की नर्सों ने किया हड़ताल
सुपौल सदर अस्पताल की नर्सों ने किया हड़ताल
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Published : Apr 7, 2022, 6:22 PM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल में सदर अस्पताल की नर्सें हड़ताल पर (Nurses of Supaul Sadar Hospital on Strike) चली गई हैं. एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी यही कहावत, इन नर्सों पर चरितार्थ हो रहा है, सदर अस्पताल सुपौल के नर्सों की लापरवाही ना तो जिला प्रशासन के आलाधिकारियों से छिपी है, और न ही सदर अस्पताल के किसी वरीय अधिकारियों से. लेकिन जब इनकी लापरवाही पर सीएस ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की तो, वो अब गुस्से में आकर सदर अस्पताल गेट पर धरना करते हुए हड़ताल पर चली गई हैं.

ये भी पढ़ें- सुपौल: अस्पताल के औचक निरीक्षण में खुली स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल

सीएस ने कार्रवाई की तो नर्सों ने किया हड़ताल: मिली जानकारी के अनुसार, नर्सों की बेवजह मांगों से जिला प्रशासन भी खफा है. इनके हड़ताल को देखते हुए, आसपास के अस्पतालों से सदर अस्पताल में नर्सों की तैनाती कर, काम सुचारू तरीके से जारी है. लगातार कई सालों से सदर अस्पताल में जमी ये नर्सें फिर भी हड़ताल पर डटी हुई हैं. दरअसल 2 अप्रैल को सदर अस्पताल में चैनसिंह पट्टी की रहने वाली प्रसव पीड़िता बबीता ने घंटों कराहने के बाद ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था. उस वक्त अस्पताल में मौजूद 4 नर्सें चाय की चुस्की लेने में व्यस्त थी.

काम में लापरवाही बरतने पर हुई थी कार्रवाई: नर्स की इस लापरवाही की खबर ईटीवी भारत ने 2 अप्रैल को ही प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद कुंभकर्णी निंन्द्रा में सोई अस्पताल प्रशासन भी जग गया, और इन सभी नर्सों को तत्काल सस्पेंड करते हुए, निलंबन अवधि में विभिन्न जगहों पर ट्रांसफर कर दिया. जिससे गुस्साये नर्सों ने डीएम को आवेदन देकर बुधवार से हड़ताल पर चली गई हैं.

नर्सें ने की निलंबन वापस लेने की मांग: डीएम को दिये आवेदन में अस्पताल में मीडिया कर्मियों की इंट्री पर रोक, और निलंबन वापस लेने की मांग शामिल है. मीडिया का रोक ये लोग इस वजह से चाहती हैं, ताकि किसी पीड़िता की आवाज अस्पताल से बाहर न निकल सके. सदर एसडीओ मनीष कुमार का कहना है कि अस्पताल को सुचारू रुप से चलाने के लिए, विभिन्न जगहों से नर्सों की तैनाती की गई है. और हड़ताल पर बैठी नर्सों को अपनी मांग सही तरीके से रखने को कहा गया है.

सुपौल सदर अस्पताल में हुई थी शर्मनाक घटना: गौरतलब है कि सुपौल के सदर अस्पताल में शर्मनाक घटना (Shameful incident in Sadar Hospital of Supaul) सामने आई थी. जो सदर अस्पताल की व्यवस्था और इसके कर्मियों की लापरवाही बता रही थी. दरअसल, सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने अस्पताल परिसर में ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था. बार-बार बुलाने पर भी अस्पताल की नर्स चाय पीने में मशगुल थी. जब पीड़िता को कराहते देख, कुछ मीडिया के लोगों ने जाकर नर्स से कहा तो मीडिया के लोगों से ही वो उलझ गई थी.

ये भी पढ़ें- सुपौल सदर अस्पताल में 10 माह से शोभा की वस्तु 6 वेंटिलेटर, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

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सुपौल: बिहार के सुपौल में सदर अस्पताल की नर्सें हड़ताल पर (Nurses of Supaul Sadar Hospital on Strike) चली गई हैं. एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी यही कहावत, इन नर्सों पर चरितार्थ हो रहा है, सदर अस्पताल सुपौल के नर्सों की लापरवाही ना तो जिला प्रशासन के आलाधिकारियों से छिपी है, और न ही सदर अस्पताल के किसी वरीय अधिकारियों से. लेकिन जब इनकी लापरवाही पर सीएस ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की तो, वो अब गुस्से में आकर सदर अस्पताल गेट पर धरना करते हुए हड़ताल पर चली गई हैं.

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सीएस ने कार्रवाई की तो नर्सों ने किया हड़ताल: मिली जानकारी के अनुसार, नर्सों की बेवजह मांगों से जिला प्रशासन भी खफा है. इनके हड़ताल को देखते हुए, आसपास के अस्पतालों से सदर अस्पताल में नर्सों की तैनाती कर, काम सुचारू तरीके से जारी है. लगातार कई सालों से सदर अस्पताल में जमी ये नर्सें फिर भी हड़ताल पर डटी हुई हैं. दरअसल 2 अप्रैल को सदर अस्पताल में चैनसिंह पट्टी की रहने वाली प्रसव पीड़िता बबीता ने घंटों कराहने के बाद ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था. उस वक्त अस्पताल में मौजूद 4 नर्सें चाय की चुस्की लेने में व्यस्त थी.

काम में लापरवाही बरतने पर हुई थी कार्रवाई: नर्स की इस लापरवाही की खबर ईटीवी भारत ने 2 अप्रैल को ही प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसके बाद कुंभकर्णी निंन्द्रा में सोई अस्पताल प्रशासन भी जग गया, और इन सभी नर्सों को तत्काल सस्पेंड करते हुए, निलंबन अवधि में विभिन्न जगहों पर ट्रांसफर कर दिया. जिससे गुस्साये नर्सों ने डीएम को आवेदन देकर बुधवार से हड़ताल पर चली गई हैं.

नर्सें ने की निलंबन वापस लेने की मांग: डीएम को दिये आवेदन में अस्पताल में मीडिया कर्मियों की इंट्री पर रोक, और निलंबन वापस लेने की मांग शामिल है. मीडिया का रोक ये लोग इस वजह से चाहती हैं, ताकि किसी पीड़िता की आवाज अस्पताल से बाहर न निकल सके. सदर एसडीओ मनीष कुमार का कहना है कि अस्पताल को सुचारू रुप से चलाने के लिए, विभिन्न जगहों से नर्सों की तैनाती की गई है. और हड़ताल पर बैठी नर्सों को अपनी मांग सही तरीके से रखने को कहा गया है.

सुपौल सदर अस्पताल में हुई थी शर्मनाक घटना: गौरतलब है कि सुपौल के सदर अस्पताल में शर्मनाक घटना (Shameful incident in Sadar Hospital of Supaul) सामने आई थी. जो सदर अस्पताल की व्यवस्था और इसके कर्मियों की लापरवाही बता रही थी. दरअसल, सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला ने अस्पताल परिसर में ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था. बार-बार बुलाने पर भी अस्पताल की नर्स चाय पीने में मशगुल थी. जब पीड़िता को कराहते देख, कुछ मीडिया के लोगों ने जाकर नर्स से कहा तो मीडिया के लोगों से ही वो उलझ गई थी.

ये भी पढ़ें- सुपौल सदर अस्पताल में 10 माह से शोभा की वस्तु 6 वेंटिलेटर, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

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