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सुपौल: क्वॉरंटाइन सेंटर से बाहर निकले सैकड़ों प्रवासी मजदूर, प्रखंड मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

प्रवासी मजदूरों का कहना है उनकी मौत कोरोना से हो न हो, लेकिन जिस तरीके प्रशासन उन्हें यहां बंद रखे हुए और सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दे रहा है, इससे इनकी मौत ही हो जाएगी.

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Published : May 17, 2020, 11:15 AM IST

Updated : Jun 18, 2020, 11:07 PM IST

क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों ने किया प्रदर्शन
क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी मजदूरों ने किया प्रदर्शन

सुपौल: जिले के डपरखा स्थित त्रिवेणीगंज क्वॉरेंटाइन सेंटर से प्रवासी मजदूर 2 किमी दूर प्रखंड कार्यालय पहुंचकर घंटों हंगामा किया. इस दौरान लोगों ने स्थानीय प्रशासन और सांसद दिलेश्वर कामत के खिलाफ गुस्से का इजहार किया. प्रवासी को देखते ही वहां काम कर रहे कर्मी भी वहां से फरार हो गए. ये सभी प्रवासी मजदूर हाल ही में देश के अलग-अलग जिलों से आने के बाद यहां क्वॉरेंटाइन किये गए हैं.

लापरवाही का लगाया आरोप
प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाने-पीने से लेकर रहने सोने तक हर चीजों में प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. खाने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में चूड़ा और लाई दिया जाता है. जिसकी वजह से उन्हें दिनभर भूखे रहने पड़ता है. वहीं, उनकी मांग है कि उन्हें सोने के लिए मच्छरदानी दिया जाय, ताकि मच्छरों से बचाव हो सके.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रही असुविधा
प्रवासी मजदूरों का कहना है उनकी मौत कोरोना से हो न हो, लेकिन जिस तरीके प्रशासन उन्हें यहां बंद रखे हुए और सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दे रहा है, इससे इनकी मौत ही हो जाएगी. उनका कहना है कि सबके लिए शौचालय तक की पूर्ण व्यवस्था नहीं है. हालांकि बाद में पहुंची त्रिवेणीगंज पुलिस ने सभी को आश्वासन देकर मामले को शांत कराया. वहीं, प्रशासन इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है.

सुपौल: जिले के डपरखा स्थित त्रिवेणीगंज क्वॉरेंटाइन सेंटर से प्रवासी मजदूर 2 किमी दूर प्रखंड कार्यालय पहुंचकर घंटों हंगामा किया. इस दौरान लोगों ने स्थानीय प्रशासन और सांसद दिलेश्वर कामत के खिलाफ गुस्से का इजहार किया. प्रवासी को देखते ही वहां काम कर रहे कर्मी भी वहां से फरार हो गए. ये सभी प्रवासी मजदूर हाल ही में देश के अलग-अलग जिलों से आने के बाद यहां क्वॉरेंटाइन किये गए हैं.

लापरवाही का लगाया आरोप
प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाने-पीने से लेकर रहने सोने तक हर चीजों में प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. खाने के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में चूड़ा और लाई दिया जाता है. जिसकी वजह से उन्हें दिनभर भूखे रहने पड़ता है. वहीं, उनकी मांग है कि उन्हें सोने के लिए मच्छरदानी दिया जाय, ताकि मच्छरों से बचाव हो सके.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रही असुविधा
प्रवासी मजदूरों का कहना है उनकी मौत कोरोना से हो न हो, लेकिन जिस तरीके प्रशासन उन्हें यहां बंद रखे हुए और सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दे रहा है, इससे इनकी मौत ही हो जाएगी. उनका कहना है कि सबके लिए शौचालय तक की पूर्ण व्यवस्था नहीं है. हालांकि बाद में पहुंची त्रिवेणीगंज पुलिस ने सभी को आश्वासन देकर मामले को शांत कराया. वहीं, प्रशासन इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 11:07 PM IST
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