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राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे शिक्षक, बोले- निर्दोषों पर हुई कार्रवाई

नामजद शिक्षकों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा है. पुराने नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान एवं सेवा शर्त लागू करने मांग की है.

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Published : Jul 28, 2019, 11:39 PM IST

फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा

सुपौल: जिला शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले शिक्षकों ने गांधी मैदान से प्रतिरोध मार्च निकाला. इस मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिका शामिल हुए. महावीर चौक, स्टेशन चौक, लोहिया नगर होते हुए वह समाहरणालय द्वार पहुंचे. जहां उन्होंने अपने मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया.

शिक्षकों ने बिहार सरकार के विरुद्ध जमकर काटा बवाल
इस मौके पर शिक्षकों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को पटना में अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. जहां निर्दोष शिक्षकों पर सरकार ने बर्बर कार्रवाई की. इस दौरान शिक्षक संघ के आनंद कौशल, बिपिन बिहारी, मो हसीब आदि को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया. जिसके विरोध में शिक्षक संघ ने प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया.

शिक्षकों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने नामजद शिक्षकों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा है. साथ ही पुराने नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान एवं सेवा शर्त लागू करने मांग की है. राज्य स्तरीय 5 सूत्री मांग और स्थानीय 5 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए भी कहा है.

मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन
मौके पर शिक्षक संघ ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला पदाधिकारी को समर्पित किया. वहीं, मुख्यमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में शिक्षकों की बिना शर्त रिहाई और फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा गया है. मांगों में 'समान काम के बदले समान वेतन' देने की मांग शामिल है. शिक्षकों ने कहा कि समान काम के बदले समान वेतन के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. यदि सरकार वेतनमान नहीं दिया तो आगामी चुनाव में राज्य के सभी नियोजित शिक्षक नीतीश सरकार को गद्दी से उतार देंगे.

सुपौल: जिला शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले शिक्षकों ने गांधी मैदान से प्रतिरोध मार्च निकाला. इस मार्च में बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिका शामिल हुए. महावीर चौक, स्टेशन चौक, लोहिया नगर होते हुए वह समाहरणालय द्वार पहुंचे. जहां उन्होंने अपने मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया.

शिक्षकों ने बिहार सरकार के विरुद्ध जमकर काटा बवाल
इस मौके पर शिक्षकों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को पटना में अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. जहां निर्दोष शिक्षकों पर सरकार ने बर्बर कार्रवाई की. इस दौरान शिक्षक संघ के आनंद कौशल, बिपिन बिहारी, मो हसीब आदि को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया. जिसके विरोध में शिक्षक संघ ने प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया.

शिक्षकों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने नामजद शिक्षकों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा है. साथ ही पुराने नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान एवं सेवा शर्त लागू करने मांग की है. राज्य स्तरीय 5 सूत्री मांग और स्थानीय 5 सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए भी कहा है.

मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन
मौके पर शिक्षक संघ ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला पदाधिकारी को समर्पित किया. वहीं, मुख्यमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में शिक्षकों की बिना शर्त रिहाई और फर्जी मुकदमा वापस लेने को कहा गया है. मांगों में 'समान काम के बदले समान वेतन' देने की मांग शामिल है. शिक्षकों ने कहा कि समान काम के बदले समान वेतन के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी. यदि सरकार वेतनमान नहीं दिया तो आगामी चुनाव में राज्य के सभी नियोजित शिक्षक नीतीश सरकार को गद्दी से उतार देंगे.

Intro:सुपौल: जिला शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले शनिवार को गांधी मैदान से प्रतिरोध मार्च निकाला गया. मार्च में बड़ी संख्या में शामिल शिक्षक- शिक्षिका महावीर चौक, स्टेशन चौक, लोहिया नगर होते समाहरणालय द्वार पहुंचे. जहां उन्होंने मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया.


Body:इस मौके पर शिक्षकों ने बिहार सरकार के विरुद्ध जम कर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को पटना में अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे निर्दोष शिक्षकों पर सरकार द्वारा बर्बर कार्रवाई की गई. इस दौरान संघ के आनंद कौशल, बिपिन बिहारी, मो हसीब आदि को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया. जिसके विरोध में संघ द्वारा प्रतिरोध मार्च का आयोजन किया गया है.
उन्होंने नामजद शिक्षकों पर से फर्जी मुकदमा वापस लेने, पुराने नियमित शिक्षकों की भांति वेतनमान एवं सेवा शर्त लागू करने सहित राज्य स्तरीय 15 सूत्री मांग एवं स्थानीय 15 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग की.


Conclusion:मौके पर संघ द्वारा मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला पदाधिकारी को समर्पित किया गया. मुख्यमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में शिक्षक नेताओं की बिना शर्त रिहाई, फर्जी मुकदमा वापस लेने, समान काम के बदले समान वेतन देने आदि मांग शामिल है.
शिक्षक नेताओं ने कहा कि समान काम के बदले समान वेतन के लिए उनलोगों की लड़ाई जारी रहेगी. कहा कि यदि सरकार यदि वेतनमान नहीं दिया तो आगामी चुनाव में राज्य के सभी नियोजित शिक्षक नीतीश सरकार को गद्दी से उतार देगी.

बाइट- 01 अर्चना पाठक, शिक्षिका
बाइट- 02 कल्याणी स्वरूपा, शिक्षिका
बाइट- 03 पंकज जायसवाल, अध्यक्ष जिला शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति सुपौल
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