सुपौल: बिहार के सुपौल जिले में आबकारी एवं कराधान विभाग (Excise & Taxation Department) पिछले 15 दिनों से शराबबंदी लागू करने के लिए छापेमारी नहीं कर पा रहा है. इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, आबकारी विभाग की गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल नहीं है, ऐसे में वो छापेमारी करे तो कैसे?
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इस बीच, ईंधन स्टेशन के मालिक ने विभाग के स्वामित्व वाले वाहनों के लिए पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति से इनकार किया है. मालिक ने विभाग को पत्र लिखकर पहले बकाया चुकाने को कहा है. वर्तमान में विभाग के खिलाफ 5.85 लाख रुपये की राशि लंबित है.
कृष्णा ईंधन केंद्र के प्रबंधक संतोष कुमार ने कहा, "हम शुरू में सभी विभागों के वाहनों को ईंधन दे रहे थे. ईंधन का भुगतान नियमित नहीं होने के कारण, हमारे मालिक ने सुपौल के जिला मजिस्ट्रेट से ईंधन स्टेशन का भार कम करने का अनुरोध किया. उसके बाद जिला मजिस्ट्रेट ने एक पत्र जारी किया और विभिन्न विभागों के लिए अलग-अलग ईंधन स्टेशन आवंटित किए."
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"फिलहाल योजना, आबकारी, सड़क निर्माण और सांख्यिकी समेत चार विभागों के वाहन हमारे केंद्र से ईंधन ले रहे हैं. हमने अब उन्हें ईंधन देना बंद कर दिया है. बकाया भुगतान के बाद ही हमारी सेवा शुरू होगी." - संतोष कुमार, कृष्णा ईंधन केंद्र
ईंधन की अनुपलब्धता के कारण, आबकारी विभाग ने छापेमारी करना बंद कर दिया है, क्योंकि जिला पुलिस की मदद से शराबबंदी को लागू करने की पूरी जिम्मेदारी उसी की है. पिछले 15 दिनों से छापेमारी पूरी तरह ठप है.
आबकारी विभाग के अधीक्षक सुधीर कुमार झा ने कहा, "विभाग ने इस उद्देश्य के लिए अब 80,000 रुपये मंजूर किए हैं और हमारा संचालन जल्द ही शुरू हो जाएगा."